डूंगरपुर. देशभर में कोरोना का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. जिस वजह से मार्च महीने से बंद स्कूल, कॉलेज अब तक नहीं खुल पाए हैं. सरकार ने स्कूल से लेकर कॉलेज हो या फिर विश्वविद्यालय सभी की परीक्षाएं कोरोना के खतरे को देखते हुए निरस्त कर दी या टाल दिया, लेकिन देश के ही मध्यप्रदेश सरकार ने हजारों विद्यार्थियों को चिंता में डाल दिया हैं.
मध्यप्रदेश के भोपाल शिक्षा मंडल से राजस्थान सहित डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और उदयपुर जिलों से हजारों की संख्या में विद्यार्थी डीएलएड कर रहे हैं. जिनकी परीक्षा को लेकर बोर्ड ने आनन-फानन में ही तारीखों की घोषणा कर दी. इससे कोरोना खतरे के बीच परीक्षा ने हजारों विद्यार्थियों के साथ ही उनके अभिभावकों की भी मुसीबतें बढ़ा दी हैं. इसे लेकर ईटीवी भारत ने विद्यार्थियों के साथ ही जिला प्रशासन से बात की.
परीक्षाओं की तारीखें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं के आधार पर तय हो रही है, लेकिन भोपाल शिक्षा मंडल, मध्यप्रदेश ने एक ऐसा आदेश जारी किया है, जिससे विद्यार्थी खुद डरे हुए हैं. भोपाल शिक्षा मंडल ने डीएलएड की परीक्षाओं की तिथियां घोषित कर दी हैं. 1 सितंबर से 11 सितंबर तक परीक्षा की तारीखों का एलान होते ही मध्यप्रदेश से राजस्थान की सीटों पर डीएलएड करने वाले हजारों अभ्यर्थियों और अभिभावकों की चिंताएं बढ़ गई हैं.
कोरोना की दृष्टि से राजस्थान और मध्यप्रदेश दोनों ही हॉट स्पॉट हैं. वहीं, डूंगरपुर जिले में भी करीब एक हजार कोरोना मरीज हैं. ऐसे में अभ्यर्थियों और अभिभावकों में चिंता है कि बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के परीक्षा में शामिल होने से कहीं वे कोरोना की चपेट में नहीं आ जाए.
राजस्थान में प्रवेश से वंचित विद्यार्थी लेते हैं प्रवेश
दरअसल, भोपाल शिक्षा मंडल में डीएलएड पाठ्यक्रम में 25 प्रतिशत सीटें राजस्थान को कोटे से प्राप्त होती है. राजस्थान के डीएलएड कॉलेज में प्रवेश से वंचित रहने वाले अभ्यर्थियों खासकर जनजाति उपयोजना क्षेत्र के डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ सहित उदयपुर जिले के 5 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी मध्यप्रदेश में डीएलएड के लिए प्रवेश लेते हैं.
अमूमन हर साल जून माह तक प्रथम वर्ष की परीक्षाएं हो जाती हैं, लेकिन इस साल मार्च महीने से कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है और यह दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में देश के अन्य शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज और विश्वविद्यालयों में प्रथम वर्ष के अभ्यर्थियों को सीधे द्वितीय वर्ष के लिए प्रमोट कर दिया गया है, तो कई कॉलेज ने फिलहाल संक्रमण को देखते हुए परीक्षाओं की तारीखें टाल दी है, लेकिन भोपाल शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश ने आनन-फानन में डीएलएड प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा कर दी है.
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भोपाल शिक्षा मंडल डीएलएड प्रथम और द्वितीय वर्ष परीक्षाएं एक सितंबर से आयोजित करवा रहा है. ऐसे में वागड़ के डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और उदयपुर सहित अन्य जिलों से करीब हजारों अभ्यर्थियों और उनके साथ एक-एक अभिभावक भी अगर आते हैं तो बड़ी संख्या में लोग राजस्थान से मध्यप्रदेश में एकत्रित होंगे. ऐसे में कोरोना के बढ़ते संक्रमण से बचना भी सबसे बड़ी चुनौती होगी.
विद्यार्थियों को डर, हजारों रुपए का खर्च
कोरोना संक्रमण के बीच आयोजित करवाई जा रही इस परीक्षा को लेकर विद्यार्थियों ने ईटीवी भारत से बातचीत की. विद्यार्थियों ने कहा कि परीक्षा 1 सितंबर से 11 सितंबर तक मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों में आयोजित हो रही है, जो कि डूंगरपुर, बांसवाड़ा और अन्य जिलों से 300 से 800 किलोमीटर तक दूर है. ऐसे में सबसे बड़ी परेशानी परिवहन को लेकर है. मध्यप्रदेश के लिए अभी कोई लंबी दूरी की बसें नहीं चल रही हैं. जबकि ट्रेन की सुविधा यहां से नहीं हैं.
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ऐसे में आने-जाने के लिए प्राइवेट वाहन करना पड़ेगा, जिसके लिए 5 से 15 हजार तक का अलग से खर्च वहन करना पड़ेगा. जबकि आने-जाने के दौरान कोरोना संक्रमण का डर भी बना रहेगा. दूसरी ओर परीक्षा के दौरान 10 से 12 दिनों तक मध्यप्रदेश में ठहरना, खाने-पीने की भी समस्या रहेगी. इस पर भी आर्थिक भार झेलना पड़ेगा. वहीं, होटल में खाने के दौरान भी कोरोना से ग्रसित होने का डर हमेशा रहेगा. कोरोना के डर के बीच ही विद्यार्थियों और अभिभावकों को आर्थिक बोझ भी उठाना पड़ेगा. ऐसे में विद्यार्थियों ने मध्यप्रदेश सरकार से परीक्षाओं को कोरोना संक्रमण समाप्त होने तक टालने या जनरल प्रमोट करने की मांग दोहराई है.
कलेक्टर ने कहा, सरकार को अवगत करवाया
इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने डूंगरपुर कलेक्टर कानाराम से बात की तो कलेक्टर ने कहा कि यह मामला उनकी भी जानकारी में आया है. मामला दूसरे राज्य का होने के कारण राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर अवगत करवाया गया है. राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार के बीच बातचीत के जरिए इस समस्या के समाधान का प्रयास किया जाएगा.