आसपुर (डूंगरपुर). आपने राजकीय विद्यालय बहुत देखे होंगे, लेकिन एक ऐसा विद्यालय भी है, जहां पर भामाशाह ने 6 बीघा भूमि खरीद कर विद्यालय को दान में दी है. इतना ही नहीं वो हर साल इस विद्यालय को 2 लाख रुपये भी देते हैं. ये भामाशाह कोई और नहीं बल्कि विद्यालय के पीटीए अध्यक्ष ईश्वर सिंह चौहान ही हैं.
रोज विद्यालय को देते हैं 2 घंटे का समय
ईश्वर सिंह चौहान रोज विद्यालय में 2 घंटे का समय देते हैं. स्टाफ के साथ अभिभावक संपर्क में भी पूर्ण सहयोग करते हैं. चौहान ने 6 बीघा भूमि खरीद कर विद्यालय को भेंट की. वे हर साल 2 लाख रुपए की राशि भी देते हैं. जिससे विद्यालय में आवश्यक कार्य किए जाते हैं. इनके कार्य की प्रशंसा अभिभावक ही नहीं विभागीय अधिकारी भी करते हैं. वे विद्यार्थियों में अनुशासन और विद्यालय की जरूरतमंद सामग्री को पूरा करते हैं. डूंगरपुर जिले के आसपुर ब्लॉक के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 9 से 12 तक 323 छात्र, 229 छात्रााओं समेत कुल 552 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. शिक्षक भी अनुशासन के साथ शिक्षा का ज्ञान दे रहे हैं. विद्यार्थी भी ज्ञान प्राप्त कर राजकीय सेवाओं में जाकर विद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं. इनमें से एक विद्यार्थी पायलट भी बना हुआ है.
एक नजर विद्यालय पर
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय 1956 में बना. साल 2002-03 में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत हुआ. साल 2010- 11 में कला और विज्ञान संकाय सहित भामाशाह योजना के अंतर्गत क्रमोन्नत हुआ. साल 2012- 13 में राजकीय विद्यालय के अंतर्गत लिया गया. विद्यालय में पर्याप्त प्रयोगशाला और क्लासरुम(कक्षा कक्ष) सहित विद्यार्थियों के बैठने के लिए टेबल-स्टूल की व्यवस्था है. सभी कमरों में पंखे लगे हुए हैं.
शत्-प्रतिशत परीक्षा परिणाम
विद्यालय में विज्ञान वर्ग संचालित है. अंग्रेजी माध्यम 11वीं व 12वीं विज्ञान वर्ग संचालित है, जिसका पिछले 2 साल से सौ प्रतिशत बोर्ड परीक्षा परिणाम है. सत्र 2018-19 में कक्षा दसवीं से रितिक डांगी ने राजकीय विद्यालयों में जिला स्तर पर प्रथम स्थान हासिल किया. वहीं कक्षा बारहवीं विज्ञान वर्ग में खुशी जोशी जिले में तीसरे स्थान पर रहीं. विज्ञान वर्ग में 109 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए. 90 विद्यार्थियों के 75% से ज्यादा नंबर थे. अंग्रेजी माध्यम में 31 में से 30 विद्यार्थियों ने 75%अंक प्राप्त किए थे. इस विद्यालय में अध्ययन करते हुए विद्यार्थी राजकीय सेवाओं में लगे हैं, जिनमें से आरएस, व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक, पटवारी, ग्रामसेवक, एलडीसी तो एक बालक पायलट भी बना है.
पढ़ें- जयपुर में 9 से 16 दिसंबर तक मनाया गया ऊर्जा संरक्षण सप्ताह
शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन अवकाश नहीं रहता
विद्यालय में 2 राज्य पुरस्कृत शिक्षक हरेंद्र सिंह चौहान, हिम्मत सिंह राव, रामेश्वर प्रसाद, महेंद्र बाना, धर्मेंद्र पाटीदार,भूपेंद्र कलाल शिक्षण कार्य कर रहे हैं. खास बात ये है, कि यहां ग्रीष्म अवकाश और शीतकालीन अवकाश में भी अतिरिक्त कक्षा का संचालन किया जाता है. जिससे बेहतर परीक्षा परिणाम प्राप्त होते हैं. हाल ही में निजी विद्यालयों के टॉपर विद्यार्थियों ने भी नामांकन कराया है.
जिले में पहला हाईटेक वॉशरूम
विद्यालय में छात्राओं के लिए एयरपोर्ट की तर्ज पर सरकारी संस्था में पहली बार सरकारी विद्यालय बना है. जिसमें ड्रेसिंग ग्लास, वाश बेसिन, 16 लेट बाथ सुविधाएं उपलब्ध हैं. सेनेटरी नैपकिन इंसुलेटर भी लगा हुआ है. विद्यालय की संपूर्ण छत पर चाइना मैजिक किया गया है. जिससे बरसात के दिनों में एक बूंद भी पानी कक्षा कक्षा में नहीं टपकता है.
पढ़ें- खाद्य विभाग का 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान, पनीर में मिलावट की सूचना पर टीम ने मारा छापा
उदयपुर जिले से भी आते हैं विद्यार्थी
विद्यालय में पंचायत समिति दोवड़ा,साबला,आसपुर सहित उदयपुर जिले के झल्लारा,सलूंबर के गांवों से विद्यार्थी पढ़ाई के लिए आते हैं. सात वाहन अभिभावकों की ओर से लगाए गए हैं, जो विद्यार्थियों को लाने और ले जाने के काम आते हैं.