डूंगरपुर. वैश्विक महामारी कोविड-19 से पूरी दुनिया खौफ में है. सरकार से लेकर वैज्ञानिक और चिकित्सा विशेषज्ञ दवा की खोज में लगे हैं ताकि हजारो लोगों के काल का ग्रास बन रही इस बीमारी से बचा जा सके. इसी बीच जिले से एक राहत भरी खबर भी आ रही है. यहां कोरोना मरीजों को आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया जा रहा है. जिसके बाद उनकी सेहत में काफी सुधार देखने को मिल रहा है. आयुर्वेदिक चिकित्सकों का दावा है कि कोरोना पॉजिटिव जो मरीज 10 से 14 दिन में ठीक हो रहे हैं वह काढ़ा पीने के बाद 5 से 6 दिनों में ही नेगेटिव हो रहे हैं. आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी से ईटीवी भारत ने जाना कैसे यह आयुर्वेदिक काढ़ा काम करता है.
आयुर्वेद चिकित्साधिकारी और सहायक नोडल ऑफिसर (राष्ट्रीय आयुष मिशन) डॉ. अभयसिंह मालीवाड़ ने ईटीवी भारत से बातचीत में आयुर्वेदिक काढ़े को कोरोना संक्रमण से बचाने में सबसे असरदार बताया है. डॉ. मालीवाड़ ने कहा कि आयुष विभाग की ओर से कोविड-19 से बचाव के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा देना शुरू किया गया. पहले कोरोना योद्धा और कोरोना वॉरियर्स को ही काढ़ा वितरण किया गया. लेकिन जब इसका बेहतर रिजल्ट सामने आया तो कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भी आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया जाने लगा, अब इसका भी सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है.
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डॉ. मालीवाड़ ने बताया कि सुरपुर कोविड केयर सेंटर में प्रभारी अधिकारी के रूप में काम करते हुए 227 मरीजों को आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया गया. आयुर्वेदिक काढ़ा पीने का इतना असर हुआ कि कोरोना पॉजिटिव 46 में से 36 मरीजों की रिपोर्ट 5 से 6 दिनों में ही नेगेटिव आ गई. जबकि 10 मरीजों की अभी रिपोर्ट का इंतजार है. दूसरी ओर मुंबई और गुजरात से आने वाले करीब 200 से ज्यादा संदिग्ध मरीजों को भी आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया गया, जिससे किसी भी कोरोना संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई.
बच्ची का दिया उदाहरण
डॉ. मालीवाड़ ने बताया कि पिछले दिनों मुंबई से लौटे एक दंपत्ति के साथ ही उनकी 3 साल की बेटी को क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती किया गया था. इसके बाद संदिग्ध सभी मरीजों को आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया गया. लेकिन 3 साल की बच्ची काढ़ा नहीं पी पाई. जबकि उन्हीं के साथ आई एक 2 साल की बच्ची ने आयुर्वेदिक काढ़ा पी लिया. इसके बाद जब कोरोना जांच रिपोर्ट आई तब केवल वहीं 3 साल की बच्ची जिसने काढ़ा नहीं पीया था वहीं पॉजिटिव आई. जबकि जिन लोगो ने काढ़ा पीया उन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई.
किस तरह बचाता है काढ़ा
डॉ. अभय सिंह बताते हैं कि आयुर्वेदिक काढ़ा व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे किसी भी तरह के संक्रमण का सीधा खतरा नहीं रहता है. डॉ. मालीवाड़ ने बताया कि आयुर्वेदिक काढ़ा वातश्लेशमिक ज्वरहर क्वाथ, गोजीव्यहदी क्वाथ, दशमूल क्वाथ, गिलोय चूर्ण, अश्वगंधा सहित कई तरह की जड़ी-बूटियों से तैयार किया गया है. जिसे एक निश्चित मात्रा में मिश्रण कर पीया जाए तो बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित होती है. खासकर बुखार, खांसी, सर्दी-जुकाम, गले में खराश की समस्या नहीं होती है.