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डूंगरपुर: 11वें वेतन समझौते को लेकर वित्त मंत्रालय की विसंगति से ग्रामीण बैंक कर्मियों में रोष

देशभर में बैंकिंग क्षेत्र में लागू हुए 11वें वेतन समझौते में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को लेकर सचिव केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी आदेश में विसंगति को लेकर ग्रामीण बैंक कर्मियों में गहरा आक्रोश है. इसपर डूंगरपुर में ग्रामीण बैंक कर्मियों ने केंद्रीय वित्त सचिव के नाम क्षेत्रीय कार्यालय अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है.

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वित्त मंत्रालय की विसंगति से ग्रामीण बैंक कर्मियों में रोष
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Published : Apr 9, 2021, 10:11 PM IST

डूंगरपुर. देशभर में बैंकिंग क्षेत्र में लागू हुए 11वें वेतन समझौते में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को लेकर सचिव केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी आदेश में विसंगति को लेकर ग्रामीण बैंक कर्मियों में गहरा आक्रोश है. इस पर ग्रामीण बैंक कर्मियों ने केंद्रीय वित्त सचिव के नाम क्षेत्रीय कार्यालय अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है.

भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध ऑल इंडिया ग्रामीण बैंक वर्कर्स ऑर्गेनाइजेशन और ऑल इंडिया ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स आर्गेनाईजेशन के बैनर तले विरोध जताया. बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में कार्यरत कार्मिकों ने बांसवाड़ा क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक डीएस मेड़तिया को शुक्रवार को उनके डूंगरपुर प्रवास के दौरान यह ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन देते समय यूनियन के सदस्य राजकुमार कसारा, नवीन शाह, वीरेंद्र दीक्षित,भाविन पण्ड्या आदि उपस्थित रहे.

ज्ञापन में बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में 11वें वेतन समझौते को लेकर गत 1 अप्रैल को जारी किए गए आदेश से देशभर में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए 30 अप्रैल 1990 को जारी एनआईटी अवार्ड और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की अवहेलना के साथ ही वेतन भत्तों में समानता के स्थान पर असमानता और एरियर भुगतान के बारे में भेद भावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी गई है. जिससे औद्योगिक अशांति पैदा हो गई है.

पढ़ें: डूंगरपुर : कोरोना के खिलाफ प्रशासन सख्त, 9 दिनों में 1 हजार से ज्यादा पॉजिटिव केस, रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन पर जोर

इसके साथ ही देशभर के अन्य ग्रामीण बैंकों की तरह बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के 21 जिलों में कार्यरत और सेवानिवृत्त 4000 से भी अधिक स्टाफ सदस्यों में व्यापक असंतोष और आक्रोश व्याप्त हो गया है. ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम 1976 की धारा 17 एक के तहत केंद्र सरकार को प्राप्त अधिकार का उपयोग करें.

साथ ही जारी ऊपर वर्णित आदेश की ओर से सभी भत्ते 1 नवंबर 2017 से लागू करने के बजाए अधिकांश भत्तों को कानून के बाहर जाकर संचालक बैंकों की मनमर्जी पर छोड़ दिया गया है. नए भत्तों के बारे में पुनर्गठन के पश्चात निर्णय लिए जाने की बाबत सूचित किया गया है. इसके अलावा 1 नवम्बर 17 से 31 मार्च 21 तक के एरियर को 2022 के पहले और तीसरे त्रैमास के दौरान दो किस्तों में भुगतान की स्वीकृति दी गई है. जबकि 1 नवंबर 2022 से 12वां वेतन समझौता देय हो जाएगा. इस आदेश का विरोध जताते हुए कर्मचारी हित में निर्णय लेने की मांग रखी गई है.

डूंगरपुर. देशभर में बैंकिंग क्षेत्र में लागू हुए 11वें वेतन समझौते में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को लेकर सचिव केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी आदेश में विसंगति को लेकर ग्रामीण बैंक कर्मियों में गहरा आक्रोश है. इस पर ग्रामीण बैंक कर्मियों ने केंद्रीय वित्त सचिव के नाम क्षेत्रीय कार्यालय अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है.

भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध ऑल इंडिया ग्रामीण बैंक वर्कर्स ऑर्गेनाइजेशन और ऑल इंडिया ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स आर्गेनाईजेशन के बैनर तले विरोध जताया. बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में कार्यरत कार्मिकों ने बांसवाड़ा क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक डीएस मेड़तिया को शुक्रवार को उनके डूंगरपुर प्रवास के दौरान यह ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन देते समय यूनियन के सदस्य राजकुमार कसारा, नवीन शाह, वीरेंद्र दीक्षित,भाविन पण्ड्या आदि उपस्थित रहे.

ज्ञापन में बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में 11वें वेतन समझौते को लेकर गत 1 अप्रैल को जारी किए गए आदेश से देशभर में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए 30 अप्रैल 1990 को जारी एनआईटी अवार्ड और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की अवहेलना के साथ ही वेतन भत्तों में समानता के स्थान पर असमानता और एरियर भुगतान के बारे में भेद भावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी गई है. जिससे औद्योगिक अशांति पैदा हो गई है.

पढ़ें: डूंगरपुर : कोरोना के खिलाफ प्रशासन सख्त, 9 दिनों में 1 हजार से ज्यादा पॉजिटिव केस, रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन पर जोर

इसके साथ ही देशभर के अन्य ग्रामीण बैंकों की तरह बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के 21 जिलों में कार्यरत और सेवानिवृत्त 4000 से भी अधिक स्टाफ सदस्यों में व्यापक असंतोष और आक्रोश व्याप्त हो गया है. ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम 1976 की धारा 17 एक के तहत केंद्र सरकार को प्राप्त अधिकार का उपयोग करें.

साथ ही जारी ऊपर वर्णित आदेश की ओर से सभी भत्ते 1 नवंबर 2017 से लागू करने के बजाए अधिकांश भत्तों को कानून के बाहर जाकर संचालक बैंकों की मनमर्जी पर छोड़ दिया गया है. नए भत्तों के बारे में पुनर्गठन के पश्चात निर्णय लिए जाने की बाबत सूचित किया गया है. इसके अलावा 1 नवम्बर 17 से 31 मार्च 21 तक के एरियर को 2022 के पहले और तीसरे त्रैमास के दौरान दो किस्तों में भुगतान की स्वीकृति दी गई है. जबकि 1 नवंबर 2022 से 12वां वेतन समझौता देय हो जाएगा. इस आदेश का विरोध जताते हुए कर्मचारी हित में निर्णय लेने की मांग रखी गई है.

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