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राजस्थान में यहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 3 महीने से नहीं मिला मानदेय...पाई-पाई को मोहताज

डूंगरपुर. आगामी महीनों में लोकसभा चुनाव होने हैं. बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहयोगिनी के मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा तो कर दी लेकिन बढ़ा हुआ मानदेय मिलना तो दूर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहयोगिनियों को अपना असली मानदेय तक नहीं मिल पा रहा है.

3 महीने से नहीं मिला मानदेय
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Published : Feb 7, 2019, 1:24 PM IST


पिछले 3 महीनों से मानदेय दिलाने की मांग को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों से गुहार भी लगा रही है लेकिन उनके मानदेय का अब तक भुगतान नहीं हो पा रहा हैं. ऐसी हालत में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आर्थिक तंगी झेल रही है अब तो वह बताती है कि उधार लेकर परिवार भी चलाना पड़ रहा है. ऐसे में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहयोगिनी अब आंदोलन के मूड में है.

जिले की बात करें यहां 2117 आंगनवाड़ी केंद्र और मिनी केंद्र संचालित हो रहे हैं। जिसमें से 1646 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पद स्वीकृत है लेकिन यहां 1599 कार्यकर्ता ही कार्यरत है. वहीं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के 471 पद स्वीकृत है और उनकी जगह 461 कार्यकर्ता ही कार्यरत है. सुपरवाइजर के 77 पदों की जगह 59 ही कार्यरत है हेल्पर के 1646 पदों की जगह 1587 आशा सहयोगिनी की 1646 पदों की जगह 1575 ही कार्यरत है. इन सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सुपरवाइजर सेविकाओं को पिछले साल नवंबर से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है ऐसे में कम मानदेय वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहयोगिनी आर्थिक तंगी से जूझ रही है.

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आंगनवाड़ी कार्यकर्ता संगठन की जिलाध्यक्ष लक्ष्मी जैन हमसे बात की तो बताया कि पिछले साल नवंबर, दिसंबर ओर इस साल जनवरी महीने का उनका मानदेय नहीं मिल पाया है. इसे लेकर कई बार वह महिला बाल विकास विभाग की उप निदेशक से भी मिली लेकिन उनके मानदेय संबंधी समस्या का समाधान नहीं निकला है. ऐसे में 10 फरवरी तक उनके मानदेय का भुगतान नहीं किया गया तो 12 फरवरी से बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा और कलेक्टर के नाम मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा. वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक लक्ष्मी चरपोटा ने कहा कि ऑनलाइन फीडिंग में कुछ परेशानी आने की वजह से भुगतान में देरी हुई है लेकिन अब जल्द ही इसका भुगतान कर दिया जाएगा.

इस समय में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहयोगिनी का मानदेय बहुत ही कम है. यही कारण है कि अक्टूबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनके मानदेय को बढ़ाने की घोषणा की थी. लेकिन अब तक यह बढ़ा हुआ मानदेय कर्मियों के हाथ में नहीं आया. डूंगरपुर जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ₹6000 सहायिकाओं को ₹3500 साथियों को 3300, आशा सहयोगिनियों को ₹2500 मिलते हैं. इसके साथ ही कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना करवाने के लिए भी कहा गया था.

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3 महीने से नहीं मिला मानदेय
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पिछले 3 महीनों से मानदेय दिलाने की मांग को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों से गुहार भी लगा रही है लेकिन उनके मानदेय का अब तक भुगतान नहीं हो पा रहा हैं. ऐसी हालत में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आर्थिक तंगी झेल रही है अब तो वह बताती है कि उधार लेकर परिवार भी चलाना पड़ रहा है. ऐसे में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहयोगिनी अब आंदोलन के मूड में है.

जिले की बात करें यहां 2117 आंगनवाड़ी केंद्र और मिनी केंद्र संचालित हो रहे हैं। जिसमें से 1646 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पद स्वीकृत है लेकिन यहां 1599 कार्यकर्ता ही कार्यरत है. वहीं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के 471 पद स्वीकृत है और उनकी जगह 461 कार्यकर्ता ही कार्यरत है. सुपरवाइजर के 77 पदों की जगह 59 ही कार्यरत है हेल्पर के 1646 पदों की जगह 1587 आशा सहयोगिनी की 1646 पदों की जगह 1575 ही कार्यरत है. इन सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सुपरवाइजर सेविकाओं को पिछले साल नवंबर से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है ऐसे में कम मानदेय वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहयोगिनी आर्थिक तंगी से जूझ रही है.

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आंगनवाड़ी कार्यकर्ता संगठन की जिलाध्यक्ष लक्ष्मी जैन हमसे बात की तो बताया कि पिछले साल नवंबर, दिसंबर ओर इस साल जनवरी महीने का उनका मानदेय नहीं मिल पाया है. इसे लेकर कई बार वह महिला बाल विकास विभाग की उप निदेशक से भी मिली लेकिन उनके मानदेय संबंधी समस्या का समाधान नहीं निकला है. ऐसे में 10 फरवरी तक उनके मानदेय का भुगतान नहीं किया गया तो 12 फरवरी से बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा और कलेक्टर के नाम मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा. वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक लक्ष्मी चरपोटा ने कहा कि ऑनलाइन फीडिंग में कुछ परेशानी आने की वजह से भुगतान में देरी हुई है लेकिन अब जल्द ही इसका भुगतान कर दिया जाएगा.

इस समय में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहयोगिनी का मानदेय बहुत ही कम है. यही कारण है कि अक्टूबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनके मानदेय को बढ़ाने की घोषणा की थी. लेकिन अब तक यह बढ़ा हुआ मानदेय कर्मियों के हाथ में नहीं आया. डूंगरपुर जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ₹6000 सहायिकाओं को ₹3500 साथियों को 3300, आशा सहयोगिनियों को ₹2500 मिलते हैं. इसके साथ ही कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना करवाने के लिए भी कहा गया था.

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3 महीने से नहीं मिला मानदेय
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Intro:डूंगरपुर। अगले 2 महीने बाद ही लोकसभा चुनाव होने हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहयोगिनी के मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा तो कर दी लेकिन बढ़ा हुआ मानदेय मिलना तो दूर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहयोगिनियों को अपना असली मानदेय तक नहीं मिल पा रहा है। पिछले 3 महीनों से मानदेय दिलाने की मांग को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों से गुहार भी लगा रही है लेकिन उनके मानदेय का अब तक भुगतान नहीं हो पा रहा हैं। ऐसी हालत में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आर्थिक तंगी झेल रही है अब तो वह बताती है कि उधार लेकर परिवार भी चलाना पड़ रहा है। ऐसे में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहयोगिनी अब आंदोलन के मूड में है।


Body: डूंगरपुर जिले की बात करें जिले में 2117 आंगनवाड़ी केंद्र और मिनी केंद्र संचालित हो रहे हैं। जिसमें से 1646 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पद स्वीकृत है लेकिन यहां 1599 कार्यकर्ता ही कार्यरत है। वहीं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के 471 पद स्वीकृत है और उनकी जगह 461 कार्यकर्ता ही लगी हुई है। सुपरवाइजर के 77 पदों की जगह 59 ही कार्यरत है हेल्पर के 1646 पदों की जगह 1587 आशा सहयोगिनी की 1646 पदों की जगह 1575 ही कार्यरत है। इन सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सुपरवाइजर सेविकाओं को पिछले साल नवंबर से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है ऐसे में कम मानदेय वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहयोगिनी आर्थिक तंगी से जूझ रही है इन कार्यकर्ताओं और सहयोगियों का कहना है कि वह जैसे-तैसे अपने परिवार का भरण पोषण करती है और इसमें भी समय पर मानदेय नहीं मिलने से काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है खासकर बच्चों की फीस घर के छोटे-मोटे काम निकालना उनके लिए सबसे बड़ी परेशानी है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि बड़े अफसरों का हजारों रुपए का वेतन तो सरकार समय पर दे देती है लेकिन कम मानदेय वाली कार्यकर्ता वेतन के लिए भटक रही है।

- इस बारे में जब हमने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता संगठन की जिलाध्यक्ष लक्ष्मी जैन हमसे बात की तो बताया कि पिछले साल नवंबर, दिसंबर ओर इस साल जनवरी महीने का उनका मानदेय नहीं मिल पाया है इसे लेकर कई बार वह महिला बाल विकास विभाग की उप निदेशक से भी मिली लेकिन उनके मानदेय संबंधी समस्या का समाधान नहीं निकला है ऐसे में 10 फरवरी तक उनके मानदेय का भुगतान नहीं किया गया तो 12 फरवरी से बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा और कलेक्टर के नाम मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक लक्ष्मी चरपोटा ने कहा कि ऑनलाइन फीडिंग में कुछ परेशानी आने की वजह से भुगतान में देरी हुई है लेकिन अब जल्द ही इसका भुगतान कर दिया जाएगा।

इस समय में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहयोगिनी का मानदेय बहुत ही कम है यही कारण है कि अक्टूबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनके मानदेय को बढ़ाने की घोषणा की थी लेकिन अब तक यह बढ़ा हुआ मानदेय कर्मियों के हाथ में नहीं आया डूंगरपुर जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ₹6000 सहायिकाओं को ₹3500 साथियों को 3300, आशा सहयोगिनियों को ₹2500 मिलते हैं। इसके साथ ही कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना करवाने के लिए भी कहा गया था।



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