डूंगरपुर. कोरोना महामारी के बीच अवैध तरीके से कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की गई. प्रशासन और चिकित्सा विभाग की संयुक्त कार्रवाई में 3 अस्पतालों, 2 मेडिकल स्टोर और 2 ईको मशीनों को सीज कर दिया है. इसके अलावा सरकारी अस्पताल के 4 डॉक्टर भी निजी अस्पतालों में इलाज करते मिले, जिस पर भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
डूंगरपुर शहर में निजी अस्पतालों द्वारा बिना किसी स्वीकृति के कोरोना मरीजों को भर्ती कर इलाज करने की शिकायतें लगातार प्रशासन को मिल रही थी. इस पर एसडीएम राजेश कुमार मीणा और सीएमएचओ डॉ. राजेश शर्मा की संयुक्त टीम की ओर से छापेमार कार्रवाई की गई. निरीक्षण के दौरान शहर के अस्पताल रोड पर स्थित दिशा हॉस्पिटल, गुजरात हॉस्पिटल एवं भगवान महावीर हॉस्पिटल में कई तरह की अनियमितताएं मिलीं. इस पर क्लीनिकल एस्टिब्लिश्मेन्ट एक्ट के तहत तीनों अस्पतालों को सीज कर दिया है.
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इसके अलावा उपासना जीवन रक्षा अस्पताल में बिना किसी लाइसेंस के 2 ईको मशीनें भी मिली हैं, जो दोनों मशीन का सीज करते हुए चिकित्सा विभाग ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है. इसी तरह उपासना जीवन रक्षा और पुण्य हॉस्पिटल में बिना किसी फार्मासिस्ट के मेडिकल स्टोर संचालित करते हुए पाया गया. इस पर दोनों मेडिकल स्टोर के लाइसेंस को निरस्त करने के लिए लिखा गया है. वहीं निजी अस्पतालों पर इस कार्रवाई के बाद उनमें हड़कम्प मच गया है.
निजी अस्पतालों में इलाज करते मिले सरकारी डॉक्टर
चिकित्सा विभाग की कार्रवाई के दौरान डूंगरपुर जिला अस्पताल में कार्यरत 4 डॉक्टर निजी अस्पतालों में इलाज करते हुए मिले. निरीक्षण में डॉ. अमित जैन, डॉ. घनश्याम राठौड़, डॉ. कल्पेश जैन और डॉ. रेखा रावत प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों का इलाज करते हुए मिले, जिस पर एसडीएम ने पीएमओ को इन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं.