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डूंगरपुर : ऑपरेशन आशा के तहत 8 बच्चों को बालश्रम से छुड़वाया, होटल संचालकों पर केस दर्ज

डूंगरपुर में मंगलवार को चाइल्ड लाइन और पुलिस की टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. जिसके तहत दोनों टीमों ने संयुक्त कार्रवाई कर बिछीवाड़ा क्षेत्र से 8 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करवाया.

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8 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करवाया
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Published : Mar 17, 2020, 5:39 PM IST

डूंगरपुर. जिले में बाल श्रम के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन 'आशा' अभियान के तहत मंगलवार को चाइल्ड लाइन और पुलिस की टीम ने बिछीवाड़ा क्षेत्र में कार्रवाई की. जिसमें टीम ने दो होटलों पर काम कर रहे 8 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है.

8 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करवाया

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष भरत भट्ट ने बताया कि बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र में बाल श्रम की सूचना मिलने पर मंगलवार को संयुक्त टीम ने लेहणा स्थित जय चित्तौड़ होटल पर दबिश दी. इस दौरान होटल पर 5 बाल श्रमिक काम करते हुए मिले, जिन्हें टीम ने रेस्क्यू किया. वहीं धामोद गांव में रक्षा रिसोर्ट पर भी काम करने वाले 3 बाल श्रमिकों को रेस्क्यू किया गया. सभी 8 बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें संप्रेषणगृह भेजने के निर्देश दिए गए.

यह भी पढ़ें : गजब! चावल के एक दाने पर लिख दिया फिल्म 'राजा हिंदुस्तानी' का गीत

अध्यक्ष भरत भट्ट के अनुसार पूछताछ में सामने आया है कि दोनों होटलों पर मासिक 4 से 6 हजार की मजदूरी के बदले बाल श्रमिकों से 16-16 घंटे काम कराया जाता था. समिति ने दोनों होटल संचालकों के खिलाफ जेजे एक्ट में मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. वहीं बाल श्रमिकों के परिजनों को भी बुलवाया है. परिजनों के आने के बाद उनसे काउंसलिंग की जाएगी और बच्चों को स्कूल से जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे.

डूंगरपुर. जिले में बाल श्रम के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन 'आशा' अभियान के तहत मंगलवार को चाइल्ड लाइन और पुलिस की टीम ने बिछीवाड़ा क्षेत्र में कार्रवाई की. जिसमें टीम ने दो होटलों पर काम कर रहे 8 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है.

8 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करवाया

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष भरत भट्ट ने बताया कि बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र में बाल श्रम की सूचना मिलने पर मंगलवार को संयुक्त टीम ने लेहणा स्थित जय चित्तौड़ होटल पर दबिश दी. इस दौरान होटल पर 5 बाल श्रमिक काम करते हुए मिले, जिन्हें टीम ने रेस्क्यू किया. वहीं धामोद गांव में रक्षा रिसोर्ट पर भी काम करने वाले 3 बाल श्रमिकों को रेस्क्यू किया गया. सभी 8 बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें संप्रेषणगृह भेजने के निर्देश दिए गए.

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अध्यक्ष भरत भट्ट के अनुसार पूछताछ में सामने आया है कि दोनों होटलों पर मासिक 4 से 6 हजार की मजदूरी के बदले बाल श्रमिकों से 16-16 घंटे काम कराया जाता था. समिति ने दोनों होटल संचालकों के खिलाफ जेजे एक्ट में मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. वहीं बाल श्रमिकों के परिजनों को भी बुलवाया है. परिजनों के आने के बाद उनसे काउंसलिंग की जाएगी और बच्चों को स्कूल से जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे.

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