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अरावली की पहाड़ियों के सैटेलाइट सर्वे में 328 अवैध खनन के ठिकाने, जांच में जुटा खान विभाग - डूंगरपुर

अवैध खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद खान विभाग अब अलर्ट मोड पर आ गया है. डूंगरपुर सहित पूरे प्रदेश में जहां से भी अरावली पर्वत श्रृंखला गुजरती है.

अरावली की पहाड़ियों में अवैध खनन
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Published : Feb 11, 2019, 7:27 PM IST

डूंगरपुर. अरावली की पहाड़ियों में धड़ल्ले से हो रहे अवैध खनन से पहाड़िया खोखली हो रही है. अवैध खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद खान विभाग अब अलर्ट मोड पर आ गया है. डूंगरपुर सहित पूरे प्रदेश में जहां से भी अरावली पर्वत श्रृंखला गुजरती है. वहां की सैटेलाइट सर्वे पूरा हो गया है. जिसमें चौंकाने वाला मामला सामने आया है.

अरावली की पहाड़ियों में अवैध खनन
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अगर बात डूंगरपुर की करें तो जिले में ही अवैध खनन की बात करे तो सैटेलाइट सर्वे में 328 प्वाइंट नजर आए है. ऐसे ही पूरे प्रदेश में हजारों जगहों अरावली की पहाड़ियों को धड़ल्ले से खोदा जा रहा है. सैटेलाइट सर्वे के बाद अब खान विभाग ने सभी माइनिंग अधिकारियों को उनके जिले में अरावली की पहाड़ियों में अवैध खनन की सर्वे रिपोर्ट के साथ ही ऑनलाइन प्वाइंट भेजे गए है. जिनका भौतिक सत्यापन करने के आदेश दिए है. इसके बाद सभी जिलो में खनन विभाग सैटेलाइट सर्वे की रिपोर्ट को लेकर मौके पर सत्यापन में जुटा हुआ है.

डूंगरपुर जिले में अरावली पर्वत श्रृंखला की बात करें तो यह उदयपुर से डूंगरपूर से बांसवाड़ा फिर मध्यप्रदेश राज्य में जाती है. जहां अरावली के कई ऊंचे पहाड़ तो कई छोटी पहाड़ियां है. जिनमें खनन माफिया सक्रिय है और इन पहाड़ियों को खोदकर खोखला बनाने में लगे है. जिले की बात करें तो देवल, मेताली, सरकण, फलोज, घुघरा, बिछीवाड़ा, सागवाड़ा, निठाउवा, रिछा, गुमानपुरा, पीपलदा खानन, थाना सहित कई गांवों में अवैध खाने चल रही है. उनसे बेशकीमती मार्बल, धातु, मिनरल्स, पत्थर, सॉफ स्टोन निकाला जा रहा लेकिन इस पर खान विभाग मौन है.

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अवैध खनन के कारण डूंगरपुर जिले की पहाड़ियां गायब होती जा रही है और यह अरावली की पहाड़ियां है. इनसे निकलने वाले पत्थर और मार्बल का तो खनन माफिया उपयोग कर लेते है लेकिन वेस्ट को बीच सड़क, नदी, नालों, तालाब में फेंका जा रहा है. जिससे बरसाती पानी की निकासी रुक रही है तो तालाबों का भराव क्षेत्र खत्म करने खनन माफिया तुले हुए है, लेकिन खनन विभाग को इसकी कोई फिक्र तक नहीं है. यही कारण है कि धड़ल्ले से खनन चल रहा है.

इस बारे में खनन अभियंता यशवंत डामोर ने बताया कि सैटेलाइट सर्वे में 328 प्वाइंट सामने आए है उनकी भौतिक सत्यापन किया जा रहा है. इसके लिए 4 टीमें बनाई गई है जो अलग-अलग क्षेत्रों जाकर सर्वे कर रही है. सर्वे में आए कई प्वाइंट कैंसल खान के है. तो कुछ जगह पर अवैध खनन भी हो सकता है. जिस पर मौका स्थिति देखकर कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा लीज क्षेत्र की 127 खाने और कवेरी लाइसेंस की 12 खानें है. इनमे मार्बल, सोप स्टोन ओर मेसेनरी स्टोन की है.

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डूंगरपुर. अरावली की पहाड़ियों में धड़ल्ले से हो रहे अवैध खनन से पहाड़िया खोखली हो रही है. अवैध खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद खान विभाग अब अलर्ट मोड पर आ गया है. डूंगरपुर सहित पूरे प्रदेश में जहां से भी अरावली पर्वत श्रृंखला गुजरती है. वहां की सैटेलाइट सर्वे पूरा हो गया है. जिसमें चौंकाने वाला मामला सामने आया है.

अरावली की पहाड़ियों में अवैध खनन
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अगर बात डूंगरपुर की करें तो जिले में ही अवैध खनन की बात करे तो सैटेलाइट सर्वे में 328 प्वाइंट नजर आए है. ऐसे ही पूरे प्रदेश में हजारों जगहों अरावली की पहाड़ियों को धड़ल्ले से खोदा जा रहा है. सैटेलाइट सर्वे के बाद अब खान विभाग ने सभी माइनिंग अधिकारियों को उनके जिले में अरावली की पहाड़ियों में अवैध खनन की सर्वे रिपोर्ट के साथ ही ऑनलाइन प्वाइंट भेजे गए है. जिनका भौतिक सत्यापन करने के आदेश दिए है. इसके बाद सभी जिलो में खनन विभाग सैटेलाइट सर्वे की रिपोर्ट को लेकर मौके पर सत्यापन में जुटा हुआ है.

डूंगरपुर जिले में अरावली पर्वत श्रृंखला की बात करें तो यह उदयपुर से डूंगरपूर से बांसवाड़ा फिर मध्यप्रदेश राज्य में जाती है. जहां अरावली के कई ऊंचे पहाड़ तो कई छोटी पहाड़ियां है. जिनमें खनन माफिया सक्रिय है और इन पहाड़ियों को खोदकर खोखला बनाने में लगे है. जिले की बात करें तो देवल, मेताली, सरकण, फलोज, घुघरा, बिछीवाड़ा, सागवाड़ा, निठाउवा, रिछा, गुमानपुरा, पीपलदा खानन, थाना सहित कई गांवों में अवैध खाने चल रही है. उनसे बेशकीमती मार्बल, धातु, मिनरल्स, पत्थर, सॉफ स्टोन निकाला जा रहा लेकिन इस पर खान विभाग मौन है.

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अवैध खनन के कारण डूंगरपुर जिले की पहाड़ियां गायब होती जा रही है और यह अरावली की पहाड़ियां है. इनसे निकलने वाले पत्थर और मार्बल का तो खनन माफिया उपयोग कर लेते है लेकिन वेस्ट को बीच सड़क, नदी, नालों, तालाब में फेंका जा रहा है. जिससे बरसाती पानी की निकासी रुक रही है तो तालाबों का भराव क्षेत्र खत्म करने खनन माफिया तुले हुए है, लेकिन खनन विभाग को इसकी कोई फिक्र तक नहीं है. यही कारण है कि धड़ल्ले से खनन चल रहा है.

इस बारे में खनन अभियंता यशवंत डामोर ने बताया कि सैटेलाइट सर्वे में 328 प्वाइंट सामने आए है उनकी भौतिक सत्यापन किया जा रहा है. इसके लिए 4 टीमें बनाई गई है जो अलग-अलग क्षेत्रों जाकर सर्वे कर रही है. सर्वे में आए कई प्वाइंट कैंसल खान के है. तो कुछ जगह पर अवैध खनन भी हो सकता है. जिस पर मौका स्थिति देखकर कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा लीज क्षेत्र की 127 खाने और कवेरी लाइसेंस की 12 खानें है. इनमे मार्बल, सोप स्टोन ओर मेसेनरी स्टोन की है.

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Intro:डूंगरपुर। अरावली की पहाड़ियों में धड़ल्ले से हो रहे अवैध खनन से पहाड़िया खोखली हो रही है। इन पहाड़ियों से बेशकीमती पत्थर, धातु को बेधड़क निकाला जा रहा है फिर भी जिम्मेदार अफसर खामोश है। दूसरी ओर अरावली की पहाड़ियों में हो रहे अवैध खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद खान विभाग भी अलर्ट मोड़ पर आ गया है डूंगरपुर सहित पूरे प्रदेश में जहां से भी अरावली पर्वत श्रंखला गुजरती है वहा की सेटेलाइट सर्वे पूरी हो गई है और चोंकाने वाला मामला सामने आया है।


Body:डूंगरपुर जिले में ही अवैध खनन की बात करे तो सेटेलाइट सर्वे में 328 पॉइंट नजर आए है ऐसे ही पूरे प्रदेश में हजारो जगहों अरावली की पहाड़ियों को धड़ल्ले से खोदा जा रहा है। सेटेलाइट सर्वे के बाद अब खान विभाग ने सभी माइनिंग अधिकारियों को उनके जिले में अरावली की पहाड़ियों में अवैध खनन की सर्वे रिपोर्ट के साथ ही ऑनलाइन पॉइंट भेजे गए है , जिनका भौतिक सत्यापन करने के आदेश दिए है। इसके बाद सभी जिलो में खनन विभाग सेटेलाइट सर्वे की रिपोर्ट को लेकर मोके पर सत्यापन में जुटा हुआ है।

- डूंगरपुर जिले में अरावली पर्वत श्रृंखला की बात करे तो यह उदयपुर से डूंगरपूर से बांसवाड़ा फिर मध्यप्रदेश राज्य में जाती है। जहाँ अरावली के कई ऊंचे पहाड़ तो कई छोटी पहाड़ियां है जिनमे खनन माफिया सक्रिय है और इन पहाड़ियों को खोदकर खोखला बनाने में लगे है। जिले की बात करे तो देवल, मेताली, सरकण, फलोज, घुघरा, बिछीवाड़ा, सागवाड़ा, निठाउवा, रिछा, गुमानपुरा, पीपलदा खानन, थाना सहित कई गांवो में अवैध खाने चल रही है और उनसे बेशकीमती मार्बल, धातु, मिनरल्स, पत्थर, सॉफ स्टोन निकाला जा रहा लेकिन इस पर खान विभाग मौन है।

- अवैध खनन के कारण डूंगरपुर जिले की पहाड़ियां गायब होती जा रही है और यह अरावली की पहाड़ियां है। इनसे निकलने वाले पत्थर और मार्बल का तो खनन माफिया उपयोग कर लेते है लेकिन वेस्ट को बीच सड़क, नदी, नालो, तालाब में फेंका जा रहा है जिससे बरसाती पानी की निकासी रुक रही है तो तालाबो का भराव क्षेत्र खत्म करने खनन माफिया तुले हुए है। लेकिन खनन विभाग को इसकी कोई फिक्र तक नही है यही कारण है कि धड़ल्ले से खनन चल रहा है।


Conclusion:इस बारे में खनन अभियंता यशवंत डामोर ने बताया कि सेटेलाइट सर्वे में 328 पॉइंट सामने आए है उनकी भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। इसके लिए 4 टीमें बनाई गई है जो अलग-अलग क्षेत्रों जाकर सर्वे कर रही है। सर्वे में आये कई पॉइंट कैंसल खान के है तो कुछ जगह पर अवैध खनन भी हो सकता है जिस पर मौका स्तिथि देखकर कार्रवाई को जाएगी। इसके अलावा लीज क्षेत्र की 127 खाने और कवेरी लाइसेंस की 12 खाने है। इनमे मार्बल, सोप स्टोन ओर मेसेनरी स्टोन की है।
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