डूंगरपुर: उदयपुर एसीबी टीम ने पशुपालन विभाग के 3 बड़े अधिकारियों को गुप्त सूचना के आधार पर ट्रैप कर रंगे हाथों (3 Animal husbandry Department officers caught red handed by ACB udaipur)पकड़ा. टीम को लीड कर रहे ACB के DSP हेरम्ब जोशी (ACB Udaipur Team Action) ने बताया की शहर के शास्त्री कॉलोनी निवासी एक निजी कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अभिषेक रावल ने 21 फरवरी को एसीबी में शिकायत की थी.
शिकायत में परिवादी रावल ने बताया की डूंगरपुर पशुपालन विभाग की ओर से 11 फ़रवरी 2022 को 59 गोट यूनिट जिसमे एक यूनिट में 5 बकरी व एक बकरा शामिल हैं- की सप्लाई का आदेश मिला था. जिस पर प्रति यूनिट 52 हजार रुपए तय हुआ था. पशुपालन विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार मेसर्स वागड़ गोट एंड पोल्ट्री फॉर्म पादरडी ने 59 यूनिट में से 20 यूनिट की सप्लाई कर दी थी.
सप्लाई के बाद 21 फ़रवरी 2022 को विभाग ने करीब 10 लाख का भुगतान फर्म को कर दिया था. इधर पशुपालन विभाग के अधिकारियो की ओर से प्रति यूनिट 8 हजार मतलब 20 यूनिट के लिए एक लाख 60 हजार रुपए रिश्वत की डिमांड की गई थी. परिवादी की शिकायत के बाद शिकायत की पुष्टि की गई.
शिकायत की पुष्टि के बाद उदयपुर एसीबी ने आरोपियों को ट्रैप करने का जुगत लगाया. उदयपुर एसीबी की टीम ने पहले पशुपालन विभाग के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ जावेद खान को उनके घर पर एक लाख 60 हजार की रिश्वत की राशि लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया.
पकड़े जाने पर खान ने उक्त रिश्वत की राशी पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ उपेन्द्र सिंह महलावत के कहने पर लेना बताया. एसीबी ने फोन पर डॉ जावेद खान की संयुक्त निदेशक डॉ उपेन्द्र सिंह महलावत से बात कर इसकी पुष्टि करवाई.
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राशि लेकर परिवादी और आरोपी डॉ जावेद खान को डूंगरपुर पशुपालन विभाग के ऑफिस लेकर भेजा. वहां पर राशि को पशुधन सहायक अनिल भगोरा के हाथों लेने पर संयुक्त निदेशक डॉ उपेन्द्र सिंह महलावत को भी गिरफ्तार (ACB Udaipur Team Action) कर लिया गया. इस तरह एसीबी की टीम ने रिश्वत लेते पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ उपेन्द्र सिंह महलावत, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ जावेद खान और पशुधन सहायक को गिरफ्तार किया.