डूंगरपुर. जिले में पिछले दिनों भारी बारिश के कारण नदी, नाले, तालाब और बांध लबालब होकर उफान पर बहने लगे हैं. इसके साथ ही प्रदेश में कई जगहों पर भारी बारिश के कारण कहीं रास्ते रुक गए तो कहीं जनहानि भी हुई. लेकिन ऐसे हालातों से निपटने के लिए डूंगरपुर जिला प्रशासन ने पहले से तैयारी कर ली है ताकि समय रहते बाढ़ और आपदा जैसी परिस्थितियों से निपटा जा सके.
बाढ़ और आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन की ओर से किए गए प्रबंध की जानकारी लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने जिला कलेक्टर कानाराम से बात की. इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि जिले में पिछले दिनों में भारी बारिश हुई है. खासकर जिले के साबला, निठाउवा और सागवाड़ा क्षेत्र में अच्छी बारिश से मेजर बांध, तालाब भर गए हैं. जिले का सबसे बड़ा सोमकमला आंबा बांध भी भर गया और उसके गेट खोलने पड़े. तो वहीं बांसवाड़ा के माही बजाज सागर बांध के गेट खोलने से गुजरात के कडाणा बांध में पानी की आवक हुई.
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कलेक्टर ने कहा कि कडाणा के बैक वाटर से हर साल जिले के गलियाकोट क्षेत्र में पानी भरने की शिकायत रहती है. लेकिन इस बार गुजरात के कडाणा के अधिकारियों के साथ तालमेल से काम किया जा रहा है. इससे कडाणा बैक वाटर 417 मीटर गेज को बरकरार रखा है, जिससे गलियाकोट में पानी भरने की समस्या नहीं रहेगी.
इसके अलावा रपट, पुलियाओं पर पानी बहने की स्थिति में लोगों से सावधान रहने की अपील की जा रही है. खासकर पानी बहने पर किसी भी तरह का वाहन को खुद उसे पार करने की रिस्क नहीं लेने की अपील की गई है. ऐसे रपट, पुलिया को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही पुलिस को भी लोगों को अलर्ट करने के लिए कहा गया है.
कलेक्टर ने कहा कि जिले में बाढ़ या आपदा जैसी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखी गई है. इसके लिए 2 एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई है. जिसमें एक गलियाकोट क्षेत्र तो दूसरी डूंगरपुर मुख्यालय पर तैनात है. जो जरूरत के अनुसार भेजी जाएगी.
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टीम के पास नाव और आपदा से बचाव को लेकर तमाम उपकरण भी उपलब्ध है. इसके अलावा एनडीआरएफ और आर्मी के साथ भी कम्युनिकेशन हो गया है और जरूरत पड़ने पर उन्हें भी बुलाया जा सकता है. कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि भारी बारिश की स्थिति में घर से बाहर नहीं निकले और पानी के बहाव क्षेत्र में बिल्कुल भी नहीं जाए.