डूंगरपुर. नाबालिग के अपहरण एवं दुष्कर्म के करीब ढाई साल पुराने मामले में विशेष पॉस्को कोर्ट ने आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 डूंगरपुर के पीठासीन अधिकारी महेंद्र कुमार सिंहल ने मामले में सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुनाया है.
विशिष्ट लोक अभियोजक भारत भूषण पंड्या ने बताया कि दुष्कर्म के दोषी सत्येंद्र कटारा को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है. वहीं पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर दिलाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को अनुशंषा की गई है.
विशिष्ट लोक अभियोजक भारत भूषण पंड्या ने बताया कि 4 अक्टूबर 2016 को धम्बोला थाना क्षेत्र में नाबालिग अपने घर में मवेशियों को पानी पिला रही थी. उसी दौरान वेंजा निवासी सत्येंद्र कटारा और उसके साथी चाकू की नोक पर अपहरण कर ले गए थे. आरोपी ने करीब 7 दिन तक कई जगहों पर पीड़िता से दुष्कर्म किया. जिसके बाद पीड़िता ने वहां से भागकर परिजनों को आपबीती सुनाई. इस पर परिजनों ने धंबोला थाने में आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी सत्येंद्र को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया था.