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धौलपुरः पार्वती बांध की नहरों में 16 नवंबर से छोड़ा जाएगा पानी

धौलपुर में पार्वती (आंगई) बांध जल वितरण समिति की बैठक जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में नहर कोठी बसेड़ी में आयोजित की गई. बैठक में सर्वसम्मति से सिंचाई के लिए 16 नवंबर से नहरों में पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया.

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पार्वती बांध की नहरों में छोड़ा जायेगा पानी
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Published : Oct 19, 2020, 10:51 PM IST

धौलपुर. पार्वती (आंगई) बांध जल वितरण समिति की बैठक जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में नहर कोठी बसेड़ी में आयोजित की गई. बैठक में सर्वसम्मति से सिंचाई के लिए 16 नवंबर से नहरों में पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया.

जिला कलेक्टर ने किसानों से पानी का सदुपयोग करने और कम पानी की पैदावार वाली फसलें करने की सलाह दी. उन्होंने नहर चलने के दौरान सम्बन्धित सहायक और कनिष्ठ अभियन्ता सिंचाई को निरंतर मौके पर पहुंचकर जल वितरण की निगरानी के निर्देश दिए. उन्होंने किसानों से भी जल वितरण व्यवस्था में सहयोग देकर नहरों के अंतिम छोर तक के किसानों को भी पानी उपलब्ध कराने की बात कही.

पढ़ेंः टोंक जिले के किसानों को मिलेगा सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी

उन्होंने नहर सफाई का कार्य मनरेगा योजना के अन्तर्गत करवाए जाने के निर्देश दिए. किसानों ने पार्वती बांध से निकलने वाली नहर से खेती में सीपेज होने से खेती खराब हो जाती है उसके रोकने की मांग पर उन्होंने बताया कि नाबार्ड से 24 करोड़ रूपये की स्वीकृति मिल गई है. जल संसाधन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा इस सम्बन्ध में भ्रमण कर लिया गया है और शीघ्र ही सीपेज की समस्या से निजात मिलेगी.

धौलपुर. पार्वती (आंगई) बांध जल वितरण समिति की बैठक जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में नहर कोठी बसेड़ी में आयोजित की गई. बैठक में सर्वसम्मति से सिंचाई के लिए 16 नवंबर से नहरों में पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया.

जिला कलेक्टर ने किसानों से पानी का सदुपयोग करने और कम पानी की पैदावार वाली फसलें करने की सलाह दी. उन्होंने नहर चलने के दौरान सम्बन्धित सहायक और कनिष्ठ अभियन्ता सिंचाई को निरंतर मौके पर पहुंचकर जल वितरण की निगरानी के निर्देश दिए. उन्होंने किसानों से भी जल वितरण व्यवस्था में सहयोग देकर नहरों के अंतिम छोर तक के किसानों को भी पानी उपलब्ध कराने की बात कही.

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उन्होंने नहर सफाई का कार्य मनरेगा योजना के अन्तर्गत करवाए जाने के निर्देश दिए. किसानों ने पार्वती बांध से निकलने वाली नहर से खेती में सीपेज होने से खेती खराब हो जाती है उसके रोकने की मांग पर उन्होंने बताया कि नाबार्ड से 24 करोड़ रूपये की स्वीकृति मिल गई है. जल संसाधन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा इस सम्बन्ध में भ्रमण कर लिया गया है और शीघ्र ही सीपेज की समस्या से निजात मिलेगी.

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