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उपराष्ट्रपति का धौलपुर दौरा, लक्ष्य प्राप्ति तक नहीं रुकने की दी सीख, छात्रों को दिया संसद आने का न्यौता

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 16, 2024, 8:22 PM IST

धौलपुर के राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए स्वामी विवेकानंद के आदर्श और सिद्धांतों पर चलने की सीख दी.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

धौलपुर. जिले के दौरे पर पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए स्वामी विवेकानंद के आदर्श और सिद्धांतों पर चलने की सीख दी. जगदीप धनखड़ ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का ध्येय वाक्य "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए," यह छात्रों का आदर्श वाक्य होना चाहिए. आपको लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सदैव प्रयासरत रहना होगा. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल के कार्यक्रम में कैडेट्स को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे. डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने जगदीप धनखड़ की अगवानी की और राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल के कैडेट्स ने उन्हे गार्ड ऑफ ऑनर दिया.

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि हम एक ऐसे हॉल में बैठे हुए हैं, जिसका नाम दुनिया के महानतम विभूतियों में से एक स्वामी विवेकानन्द के नाम पर रखा गया है. उन्होंने कहा कि जब स्वामी विवेकानन्द ने धार्मिक नेताओं की वैश्विक सभा को ‘भाइयों और बहनों’ के रूप में संबोधित किया तो हॉल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी. उन्होंने कहा कि सभी छात्रों को स्वामी विवेकानन्द के ध्येय लक्ष्य प्राप्ति तक लगातार प्रयासरत रहने का अनुसरण करना चाहिए. उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि "दोस्तों, मैं एक बड़ा बदलाव देख रहा हूं, जब मैं सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में था, तो यह केवल लड़कों के लिए था. अब हमारे देश में छात्राओं के लिए भी सैनिक स्कूल खोला गया है, जिसका उद्घाटन कुछ दिन पहले ही रक्षा मंत्री ने किया था".

इसे भी पढ़े-उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बोले- तात्कालिक राजनीतिक फायदे के लिए समाज को बांटने वालों से रहे सावधान

सिंगापुर जैसे देश हमारा अनुसरण कर रहे हैं : उपराष्ट्रपति ने छात्रों को स्कूल का महत्व बताते हुए कहा कि "जब उपराष्ट्रपति के रूप में मेरा वास्तविक जन्म सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में हुआ था, क्योंकि सैनिक स्कूल ने मेरे व्यक्तित्व को आकार दिया, सैनिक स्कूल ने मुझे वह बनाया जो मैं हूं, आप सभी छात्रा यहां बिताए हुए समय को अपनी स्मृतियों में संभाल कर रखें." उन्होंने कहा कि जब मैं युवा था, तो सोचता था कि क्या हमारे पास कभी पश्चिमी दुनिया के जैसी सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, तकनीक होगी, लेकिन आज विश्व हैरान है, जो भारत के पास है वो कई देशों के पास नहीं है. अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे देश हमारा अनुसरण कर रहे हैं. हमारे डिजिटल लेनदेन तंत्र यूपीआई को एक विकसित देश सिंगापुर ने अपनाया है. हमारा इसरो अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों के अंतरिक्ष उपग्रहों को अन्तरिक्ष में प्रस्थापित कर रहा है.

छात्रों को दिया संसद आने का न्यौता : उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल, धौलपुर के सभी छात्रों को संसद में विजिट के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने कहा कि जब आप आएंगे तो संसद और भारत मंडपम की यात्रा आपको बताएगी कि भारत आज दुनिया में कहां है.

राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

धौलपुर. जिले के दौरे पर पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए स्वामी विवेकानंद के आदर्श और सिद्धांतों पर चलने की सीख दी. जगदीप धनखड़ ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का ध्येय वाक्य "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए," यह छात्रों का आदर्श वाक्य होना चाहिए. आपको लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सदैव प्रयासरत रहना होगा. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल के कार्यक्रम में कैडेट्स को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे. डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने जगदीप धनखड़ की अगवानी की और राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल के कैडेट्स ने उन्हे गार्ड ऑफ ऑनर दिया.

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि हम एक ऐसे हॉल में बैठे हुए हैं, जिसका नाम दुनिया के महानतम विभूतियों में से एक स्वामी विवेकानन्द के नाम पर रखा गया है. उन्होंने कहा कि जब स्वामी विवेकानन्द ने धार्मिक नेताओं की वैश्विक सभा को ‘भाइयों और बहनों’ के रूप में संबोधित किया तो हॉल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी. उन्होंने कहा कि सभी छात्रों को स्वामी विवेकानन्द के ध्येय लक्ष्य प्राप्ति तक लगातार प्रयासरत रहने का अनुसरण करना चाहिए. उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि "दोस्तों, मैं एक बड़ा बदलाव देख रहा हूं, जब मैं सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में था, तो यह केवल लड़कों के लिए था. अब हमारे देश में छात्राओं के लिए भी सैनिक स्कूल खोला गया है, जिसका उद्घाटन कुछ दिन पहले ही रक्षा मंत्री ने किया था".

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सिंगापुर जैसे देश हमारा अनुसरण कर रहे हैं : उपराष्ट्रपति ने छात्रों को स्कूल का महत्व बताते हुए कहा कि "जब उपराष्ट्रपति के रूप में मेरा वास्तविक जन्म सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में हुआ था, क्योंकि सैनिक स्कूल ने मेरे व्यक्तित्व को आकार दिया, सैनिक स्कूल ने मुझे वह बनाया जो मैं हूं, आप सभी छात्रा यहां बिताए हुए समय को अपनी स्मृतियों में संभाल कर रखें." उन्होंने कहा कि जब मैं युवा था, तो सोचता था कि क्या हमारे पास कभी पश्चिमी दुनिया के जैसी सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, तकनीक होगी, लेकिन आज विश्व हैरान है, जो भारत के पास है वो कई देशों के पास नहीं है. अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे देश हमारा अनुसरण कर रहे हैं. हमारे डिजिटल लेनदेन तंत्र यूपीआई को एक विकसित देश सिंगापुर ने अपनाया है. हमारा इसरो अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों के अंतरिक्ष उपग्रहों को अन्तरिक्ष में प्रस्थापित कर रहा है.

छात्रों को दिया संसद आने का न्यौता : उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल, धौलपुर के सभी छात्रों को संसद में विजिट के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने कहा कि जब आप आएंगे तो संसद और भारत मंडपम की यात्रा आपको बताएगी कि भारत आज दुनिया में कहां है.

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