धौलपुर. जल ही जीवन है, जल का अनावश्यक दोहन रोकना और जल प्रदूषण पर प्रभावी ढंग से नियंत्राण करना परमावश्यक है. इसी के तहत धौलपुर में मंगलवार को मुख्य सचिव राज्य सरकार की अध्यक्षता में जल जीवन मिशन के संबंध में वीसी का आयोजन किया गया. जिसमें जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि नहर बंदी के दौरान पेयजल व्यवस्था पर्याप्त पीने योग्य पानी वाले निजी नलकूपों की आवश्यकता के अनुसार जिले में पहचान की जा सकती है. साथ ही पीने के उपयोग के लिए जिला प्रशासन की ओर से अधिग्रहण किया जा सकता है.
जिला प्रशासन की ओर से निजी नलकूपों और टैंकर जल परिवहन के ऐसे अधिग्रहण, किराए पर लेने की दरें पहले से तय की जा सकती है. उन्होंने बताया कि नहर बंदी के दौरान, ट्रैक्टरों, टैंकरों के माध्यम से निजी, सार्वजनिक रूप से पानी का परिवहन, ऊंट गाड़ी के टैंकर बढ़ते हैं जो पेयजल आपूर्ति को प्रभावित कर सकते हैं. साथ ही कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा कर सकते हैं. इसे नियंत्रित करने के लिए विशेष रूप से सबसे संवेदनशील परिस्थितियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस तैनात की जा सकती है.
वहीं, ऐसी परिस्थितियों को नियंत्रित करने के लिए आवश्यकता पड़ने पर नियमित पुलिस गश्त की भी व्यवस्था की जाएगी. ग्रीष्मकालीन 2021 के दौरान पेयजल व्यवस्था हेतु 50 लाख रुपए लागत तक के काम स्वीकृत किए जा सकते हैं. इसके अलावा जनवरी से मार्च 2021 तक पानी का परिवहन और अप्रैल से जुलाई 2021 तक जिले में पानी के परिवहन को मंजूरी दी गई है. शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रा में पानी की व्यवस्था हेतु कार्य स्वीकृत करने की व्यवस्था रहेगी.
कलेक्टर ने बताया कि आपातकालीन कार्यों के लिए मंजूरी जैसे कि विफलता के खिलाफ नए स्त्रोतों का निर्माण, स्त्रोतों को गहरा करना आदि क्षेत्रा की मांग के अनुसार किया जा सकेगा. इसके साथ ही जल आपूर्ति योजनाओं को बनाए रखने के लिए नियमित वाहनों को काम पर रखने की अनुमति के अलावा, ग्रीष्मकालीन 2021 के दौरान हैंडपंपों की जलापूर्ति व्यवस्था और मरम्मत के लिए पहले से ही स्वीकृत वाहनों और अनुबंधित मजदूरों को काम पर रखने की अनुमति रहेगी.
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इसके अलावा नजदीकी निगरानी के लिए सीई और एसीईएस को जिलों का प्रभारी भी बनाया गया है. असके अलावा उन्होंने बताया कि जेजे स्वजलधारा और टीएसएस योजनाओं पर उपलब्ध कराए गए नल कनेक्शनों के बचे हुए आंकड़ों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें, जो ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित और रखरखाव किए जाते हैं. वहीं, वित्तीय वर्ष 2020-21 (31 मार्च 2021) के अंत तक इन नल कनेक्शनों को आईएमआईएस में नवीनतम रूप से दर्ज कराना सुनिश्चित करें. इस अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद चेतन चौहान, एडीपीसी मुकेश गर्ग, सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी राजकुमार मीणा, कार्यवाहक सहायक निदेशक महिला अधिकारिता कुलदीप सिंह सहित पीएचईडी और जलदाय विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.