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Special: खोखले हैं सरकारी दावे, अब भी कई घरों में नहीं जलता चूल्हा, 2 दिन से भूखे हैं तीन परिवार..

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Published : Apr 5, 2020, 7:33 PM IST

Updated : Apr 5, 2020, 7:47 PM IST

देशभर में लागू लॉकडाउन से दिहाड़ी मजदूरों के रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है. काम नहीं होने से आमदनी नहीं है और जब आमदनी ही नहीं होगी तो मजदूर राशन कहां से खरीदेगा. इसी समस्या से जूझ रहा है धौलपुर के दमा मोहल्ले का एक परिवार. इस परिवार के पास राशन नहीं होने से दो दिनों से परिवार के सभी सदस्य भूखे हैं.

धौलपुर में दिहाड़ी मजदूरों का तीन परिवार दो दिन से भूखा, Three families of daily wage workers in Dhaulpur hungry from two days
धौलपुर में दिहाड़ी मजदूरों का तीन परिवार दो दिन से भूखा

धौलपुर. शहर में लॉकडाउन के दौरान दिहाड़ी मजदूरों के परिवार को पालना काफी कठिन हो रहा है. दैनिक मजदूरी करने वाले श्रमिकों को आजीविका चलाने के लाले पड़ रहे हैं. लॉकडाउन के कारण सभी कामकाज बंद है. ऐसे में दिहाड़ी मजदूरों के परिवार भूखे हैं.

धौलपुर में दिहाड़ी मजदूरों का तीन परिवार दो दिन से भूखा

ईटीवी भारत की टीम ने रविवार को शहर के दमा मोहल्ले में ऐसे 3 परिवारों से मुलाकात की है. जिनके यहां दो दिन से चूल्हा नहीं जला है. इन परिवारों के यहां राशन खत्म हो गया है और बच्चे भूखे हैं. यहां पर सरकार और प्रशासन की ओर से दी जाने वाले राहत सामग्री का पैकट सिर्फ कागजों में ही दर्ज है.

धौलपुर शहर के दमा मोहल्ला निवासी बंगाली पुत्र दोजी राम, रविंद्र पुत्र दोजी राम और मुकेश पुत्र दलीप एक ही परिवार के सदस्य हैं. इन तीनों के परिवार यहां अलग-अलग रहते हैं. तीनों के परिवार में करीब दो दर्जन महिला, पुरुष और बच्चे हैं.

पढ़ें- लॉकडाउन: रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे राज्यवर्धन सिंह राठौड़

इस परिवार के पुरुष दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं. लेकिन लॉकडाउन के चलते उनकी रोजी रोटी का संकट आ गया है. घर की महिला सुनिता ने बताया कि 2 दिन से चूल्हा नहीं जला है. दाल-चावल जो कुछ था सब खत्म हो चुका है. वहीं, बच्चों ने बताया कि वो 2 दिन से भूखे हैं.

एक तरह सरकार गरीब और मजदूरों को लगातार राहत और भोजन उपलब्ध करवाने के बड़े-बड़े दावे कर रही है. लेकिन धौलपुर के दमा मोहल्ले में रहने वाले इन तीन परिवारों को देखने के बाद सरकार के ये दावे खोखले साबित होते नजर आते हैं.

धौलपुर. शहर में लॉकडाउन के दौरान दिहाड़ी मजदूरों के परिवार को पालना काफी कठिन हो रहा है. दैनिक मजदूरी करने वाले श्रमिकों को आजीविका चलाने के लाले पड़ रहे हैं. लॉकडाउन के कारण सभी कामकाज बंद है. ऐसे में दिहाड़ी मजदूरों के परिवार भूखे हैं.

धौलपुर में दिहाड़ी मजदूरों का तीन परिवार दो दिन से भूखा

ईटीवी भारत की टीम ने रविवार को शहर के दमा मोहल्ले में ऐसे 3 परिवारों से मुलाकात की है. जिनके यहां दो दिन से चूल्हा नहीं जला है. इन परिवारों के यहां राशन खत्म हो गया है और बच्चे भूखे हैं. यहां पर सरकार और प्रशासन की ओर से दी जाने वाले राहत सामग्री का पैकट सिर्फ कागजों में ही दर्ज है.

धौलपुर शहर के दमा मोहल्ला निवासी बंगाली पुत्र दोजी राम, रविंद्र पुत्र दोजी राम और मुकेश पुत्र दलीप एक ही परिवार के सदस्य हैं. इन तीनों के परिवार यहां अलग-अलग रहते हैं. तीनों के परिवार में करीब दो दर्जन महिला, पुरुष और बच्चे हैं.

पढ़ें- लॉकडाउन: रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे राज्यवर्धन सिंह राठौड़

इस परिवार के पुरुष दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं. लेकिन लॉकडाउन के चलते उनकी रोजी रोटी का संकट आ गया है. घर की महिला सुनिता ने बताया कि 2 दिन से चूल्हा नहीं जला है. दाल-चावल जो कुछ था सब खत्म हो चुका है. वहीं, बच्चों ने बताया कि वो 2 दिन से भूखे हैं.

एक तरह सरकार गरीब और मजदूरों को लगातार राहत और भोजन उपलब्ध करवाने के बड़े-बड़े दावे कर रही है. लेकिन धौलपुर के दमा मोहल्ले में रहने वाले इन तीन परिवारों को देखने के बाद सरकार के ये दावे खोखले साबित होते नजर आते हैं.

Last Updated : Apr 5, 2020, 7:47 PM IST
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