धौलपुर. शहर में लॉकडाउन के दौरान दिहाड़ी मजदूरों के परिवार को पालना काफी कठिन हो रहा है. दैनिक मजदूरी करने वाले श्रमिकों को आजीविका चलाने के लाले पड़ रहे हैं. लॉकडाउन के कारण सभी कामकाज बंद है. ऐसे में दिहाड़ी मजदूरों के परिवार भूखे हैं.
ईटीवी भारत की टीम ने रविवार को शहर के दमा मोहल्ले में ऐसे 3 परिवारों से मुलाकात की है. जिनके यहां दो दिन से चूल्हा नहीं जला है. इन परिवारों के यहां राशन खत्म हो गया है और बच्चे भूखे हैं. यहां पर सरकार और प्रशासन की ओर से दी जाने वाले राहत सामग्री का पैकट सिर्फ कागजों में ही दर्ज है.
धौलपुर शहर के दमा मोहल्ला निवासी बंगाली पुत्र दोजी राम, रविंद्र पुत्र दोजी राम और मुकेश पुत्र दलीप एक ही परिवार के सदस्य हैं. इन तीनों के परिवार यहां अलग-अलग रहते हैं. तीनों के परिवार में करीब दो दर्जन महिला, पुरुष और बच्चे हैं.
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इस परिवार के पुरुष दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं. लेकिन लॉकडाउन के चलते उनकी रोजी रोटी का संकट आ गया है. घर की महिला सुनिता ने बताया कि 2 दिन से चूल्हा नहीं जला है. दाल-चावल जो कुछ था सब खत्म हो चुका है. वहीं, बच्चों ने बताया कि वो 2 दिन से भूखे हैं.
एक तरह सरकार गरीब और मजदूरों को लगातार राहत और भोजन उपलब्ध करवाने के बड़े-बड़े दावे कर रही है. लेकिन धौलपुर के दमा मोहल्ले में रहने वाले इन तीन परिवारों को देखने के बाद सरकार के ये दावे खोखले साबित होते नजर आते हैं.