ETV Bharat / state

घर लौटे प्रवासी मजदूर की मौत...पीड़ित पत्नी की गुहार- कोई तो बने मददगार

धौलपुर लौटे एक प्रवासी मजदूर की तबीयत खराब होने से मौत हो गई. अब मृतक की पत्नी के सामने अपनी 6 बच्चियों का पेट पालने की समस्या खड़ी हो गई है. ऐसे में वो दर-दर मदद की गुहार लगा रही है.

author img

By

Published : Jun 5, 2020, 7:23 PM IST

rajasthan news  धौलपुर न्यूज
मजदूर परिवार के सामने संकट

धौलपुर. जिले के नोनेरा गांव में फर्रुखाबाद से घर लौटे एक मजदूर की मौत हो गई. अब मृतक के परिवार के सामने रोटी का संकट खड़ा हो गया है. अब मृतक मजदूर की पत्नी को अपनी 6 बेटियों का पेट भरने और उनके परवरिश की चिंता सता रही है.

मजदूर परिवार को मदद की दरकार

कोरोना महामारी मजदूर वर्ग के लिए त्रासदी बन कर आई है. जिस दिन से देश में लॉकडाउन किया गया, उसी दिन से देश के बड़े-बड़े शहरों में काम कर रहे मजदूरों ने अपने गांव और घरों की तरफ पलायन शुरू कर दिया. बच्चे और परिवारों को साथ लेकर मजदूर अपने घर की ओर निकल पड़े. इसी दौरान कई मजदूर हादसों का शिकार हो गए. मजदूरों की दुर्दशा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुई. प्रवासी मजदूरों को लेकर देश में जमकर सियासत हुई लेकिन ग्राउंड स्तर पर मजदूरों को राहत और मदद देने नहीं मिल रही.

ऐसा ही एक मामला धौलपुर जिले के बसेड़ी उपखंड इलाके का सामने आया है. गांव नोनेरा निवासी मजदूर राजेश शर्मा फर्रुखाबाद में पत्थर के काम पर मजदूरी का काम करता था लेकिन काम बंद होने से उसे शहर से पलायन करना पड़ा. वह अपनी पत्नी और 6 बच्चियों सहित घर रवाना हुआ. जिसके बाद गांव पहुंचने पर राजेश की तबीयत खराब हो गई. उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां आधी ड्रिप लगने के बाद मजदूर की मौत हो गई.

यह भी पढ़ें. धौलपुर: बाड़ी से होकर गुजरने वाले NH-11 B पर सड़क हादसा, एक की मौत, 1 घायल

अब मजदूर के परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. मृतक की पत्नी अपनी 6 बच्चियों की परवरिश को लेकर चिंतित है. वहीं घर में खाने के लिए दाना नहीं है. इस परिवार की कुछ दिनों तक पड़ोसियों ने मदद की लेकिन मजदूर की पत्नी सुनिता प्रशासन ने मदद की गुहार लगा रही है. सुनिता का कहना है कि साहब भूखे मरने की नौबत आ गई. छोटी-छोटी 6 बच्चियों की चिंता सता रही है, आगे कैसे परिवार का गुजारा होगा.

यह भी पढ़ें. बाड़मेर आए सभी प्रवासियों के लिए जाएंगे सैंपल, प्रशासन ने दिए निर्देश

वहीं सरकार से मिलने वाली सरकारी योजनाओं से प्रवासी श्रमिक का परिवार अभी तक वंचित है. खाद्य सुरक्षा योजना का सवाल है, तो प्रवासी श्रमिक का नाम उसके माता-पिता के राशन कार्ड में जुड़ा होने की वजह से 15 किलो गेहूं मात्र ही उसके परिवार को मिल रहे हैं.

विधायक से भी लगाई मदद की गुहार

पीड़िता ने बताया क्षेत्रीय विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा से मुलाकात कर परिवार की स्थिति से अवगत कराया था. विधायक बैरवा ने प्रशासनिक अधिकारियों से राशन सामग्री उपलब्ध कराने और दस्तावेज तैयार कराकर मनरेगा में कार्य दिलाने की बात कही. इसके बाद 10 किलो आटा, आधा किलो तेल, आधा किलो दाल और प्रवासी श्रमिक के परिवार को उपलब्ध कराया गया लेकिन वह मदद भी एक बार मिली.

यह भी पढ़ें. सब्जी बेचने को मजबूर राष्ट्रीय तीरंदाज की गुहार- मेरी भी सुन लो सरकार

इस प्रकरण में एसडीएम प्यारे लाल ने बताया गांव पहुंचकर परिवार की स्थिति का जायजा लिया है. पीड़ित परिवारों को राशन किट उपलब्ध करा दी गई है. प्रवासी योजना के अंतर्गत सुनिता को लाभान्वित कराया जाएगा. वहीं श्रमिक के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए विकास अधिकारी को आदेश दिए गए हैं. जिसे मिलने के बाद सरकार की तमाम योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा.

धौलपुर. जिले के नोनेरा गांव में फर्रुखाबाद से घर लौटे एक मजदूर की मौत हो गई. अब मृतक के परिवार के सामने रोटी का संकट खड़ा हो गया है. अब मृतक मजदूर की पत्नी को अपनी 6 बेटियों का पेट भरने और उनके परवरिश की चिंता सता रही है.

मजदूर परिवार को मदद की दरकार

कोरोना महामारी मजदूर वर्ग के लिए त्रासदी बन कर आई है. जिस दिन से देश में लॉकडाउन किया गया, उसी दिन से देश के बड़े-बड़े शहरों में काम कर रहे मजदूरों ने अपने गांव और घरों की तरफ पलायन शुरू कर दिया. बच्चे और परिवारों को साथ लेकर मजदूर अपने घर की ओर निकल पड़े. इसी दौरान कई मजदूर हादसों का शिकार हो गए. मजदूरों की दुर्दशा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुई. प्रवासी मजदूरों को लेकर देश में जमकर सियासत हुई लेकिन ग्राउंड स्तर पर मजदूरों को राहत और मदद देने नहीं मिल रही.

ऐसा ही एक मामला धौलपुर जिले के बसेड़ी उपखंड इलाके का सामने आया है. गांव नोनेरा निवासी मजदूर राजेश शर्मा फर्रुखाबाद में पत्थर के काम पर मजदूरी का काम करता था लेकिन काम बंद होने से उसे शहर से पलायन करना पड़ा. वह अपनी पत्नी और 6 बच्चियों सहित घर रवाना हुआ. जिसके बाद गांव पहुंचने पर राजेश की तबीयत खराब हो गई. उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां आधी ड्रिप लगने के बाद मजदूर की मौत हो गई.

यह भी पढ़ें. धौलपुर: बाड़ी से होकर गुजरने वाले NH-11 B पर सड़क हादसा, एक की मौत, 1 घायल

अब मजदूर के परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. मृतक की पत्नी अपनी 6 बच्चियों की परवरिश को लेकर चिंतित है. वहीं घर में खाने के लिए दाना नहीं है. इस परिवार की कुछ दिनों तक पड़ोसियों ने मदद की लेकिन मजदूर की पत्नी सुनिता प्रशासन ने मदद की गुहार लगा रही है. सुनिता का कहना है कि साहब भूखे मरने की नौबत आ गई. छोटी-छोटी 6 बच्चियों की चिंता सता रही है, आगे कैसे परिवार का गुजारा होगा.

यह भी पढ़ें. बाड़मेर आए सभी प्रवासियों के लिए जाएंगे सैंपल, प्रशासन ने दिए निर्देश

वहीं सरकार से मिलने वाली सरकारी योजनाओं से प्रवासी श्रमिक का परिवार अभी तक वंचित है. खाद्य सुरक्षा योजना का सवाल है, तो प्रवासी श्रमिक का नाम उसके माता-पिता के राशन कार्ड में जुड़ा होने की वजह से 15 किलो गेहूं मात्र ही उसके परिवार को मिल रहे हैं.

विधायक से भी लगाई मदद की गुहार

पीड़िता ने बताया क्षेत्रीय विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा से मुलाकात कर परिवार की स्थिति से अवगत कराया था. विधायक बैरवा ने प्रशासनिक अधिकारियों से राशन सामग्री उपलब्ध कराने और दस्तावेज तैयार कराकर मनरेगा में कार्य दिलाने की बात कही. इसके बाद 10 किलो आटा, आधा किलो तेल, आधा किलो दाल और प्रवासी श्रमिक के परिवार को उपलब्ध कराया गया लेकिन वह मदद भी एक बार मिली.

यह भी पढ़ें. सब्जी बेचने को मजबूर राष्ट्रीय तीरंदाज की गुहार- मेरी भी सुन लो सरकार

इस प्रकरण में एसडीएम प्यारे लाल ने बताया गांव पहुंचकर परिवार की स्थिति का जायजा लिया है. पीड़ित परिवारों को राशन किट उपलब्ध करा दी गई है. प्रवासी योजना के अंतर्गत सुनिता को लाभान्वित कराया जाएगा. वहीं श्रमिक के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए विकास अधिकारी को आदेश दिए गए हैं. जिसे मिलने के बाद सरकार की तमाम योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.