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धौलपुर-बसई नवाब सड़क मार्ग का हाल बेहाल, गड्ढे और जलभराव की परेशानियों से जूझ रहा गांव - जलभराव की समस्या से लोग परेशान

जहां एक तरफ पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर धौलपुर के टहरी गांव के लोग क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग और जलभराव की समस्या से परेशान है. इस समस्या को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में सिस्टम के खिलाफ भारी आक्रोश देखा जा रहा है. उधर सिस्टम के जिम्मेदार हालातों को जानते हुए भी बेखबर बने हुए हैं.

People troubled by water logging, धौलपुर-बसई नवाब सड़क मार्ग
जलभराव की समस्या से लोग परेशान
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Published : Aug 13, 2020, 4:35 PM IST

धौलपुर. जिले के कौलारी थाना इलाके के गांव टहरी के पास धौलपुर-बसई नवाब सड़क मार्ग पर वर्षों से जर्जर सड़क और जलभराव की समस्या बनी हुई है. इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने कई बार जिला प्रशासन और उपखंड प्रशासन को शिकायत पत्र भी दिया है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. जिससे ग्रामीणों और राहगीरों में जिला प्रशासन और उपखंड प्रशासन के प्रति आक्रोश व्याप्त है.

जलभराव की समस्या से लोग परेशान

ग्रामीण मुकुंदी ने बताया कि ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच द्वारा गांव की जल निकासी के लिए नाले का निर्माण कराया गया था. निर्माण के दौरान इसमे कुछ तकनीकी खामियां छोड़ दी गईं और नाले को मुख्य सड़क मार्ग से ऊंचा बना दिया गया. इतना ही नहीं, ग्राम पंचायत द्वारा नाले की निकासी उचित स्थान पर नहीं करने से कौलारी और धौलपुर जाने वाले सड़क मार्ग के किनारे खातेदारी की जमीन में नाले का पानी चला जाता है.

पढ़ेंः विधानसभा में गहलोत सरकार लाएगी विश्वास मत प्रस्ताव, विधायक दल की बैठक को लेकर सस्पेंस

ऐसे में खाताधारक ने खेत के चारों तरफ मिट्टी डालकर खेत की मेड़बन्दी कर दी. जिसके चलते टहरी गांव से निकलने वाला नाला राहगीरों और ग्रामीणों के लिए आफत बना हुआ है. बता दें कि धौलपुर से कोलारी और बसई नवाब कस्बे को जाने वाले इस सड़क मार्ग से रोजाना हजारों की तादात में दुपहिया और चारपहिया वाहन गुजरते हैं.

जल भराव होने से सड़क मार्ग पूरी तरह से छतिग्रस्त होकर गड्ढो में तब्दील हो चुका है. जल भराव को लेकर टहरी ग्राम पंचायत के सरपंच लाडली मोहन त्यागी ने बताया कि ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच द्वारा कराया गया नाले का निर्माण लोगों के लिए आफत बन चुका है. जिसमें से गुजरने वाले राहगीर आए दिन फिसल कर चोटिल होते रहते हैं.

यह समस्या केवल बरसात की समस्या नहीं है. हर मौसम में सड़क मार्ग पूरी तरह से जल मग्न हो जाता है. कोरोना काल जैसी वैश्विक महामारी के चलते सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को अभी तक किसी भी प्रकार का कोई फंड आवंटित नहीं किया है. जिससे बरसों से बनी हुई जलभराव की समस्या का हल किया जा सके.

पढ़ेंः लॉकडाउन नियमों को लेकर जनता में अब भी भ्रम, जागरूकता की है आवश्यकता

क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग और जलभराव की समस्या लोगों के लिए लंबे अरसे से चली आ रही है. जिसे लेकर स्थानीय ग्रामीणों में सिस्टम के खिलाफ भारी आक्रोश देखा जा रहा है. उधर सिस्टम के जिम्मेदार हालातों को जानते हुए भी बेखबर बने हुए हैं.

धौलपुर. जिले के कौलारी थाना इलाके के गांव टहरी के पास धौलपुर-बसई नवाब सड़क मार्ग पर वर्षों से जर्जर सड़क और जलभराव की समस्या बनी हुई है. इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने कई बार जिला प्रशासन और उपखंड प्रशासन को शिकायत पत्र भी दिया है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. जिससे ग्रामीणों और राहगीरों में जिला प्रशासन और उपखंड प्रशासन के प्रति आक्रोश व्याप्त है.

जलभराव की समस्या से लोग परेशान

ग्रामीण मुकुंदी ने बताया कि ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच द्वारा गांव की जल निकासी के लिए नाले का निर्माण कराया गया था. निर्माण के दौरान इसमे कुछ तकनीकी खामियां छोड़ दी गईं और नाले को मुख्य सड़क मार्ग से ऊंचा बना दिया गया. इतना ही नहीं, ग्राम पंचायत द्वारा नाले की निकासी उचित स्थान पर नहीं करने से कौलारी और धौलपुर जाने वाले सड़क मार्ग के किनारे खातेदारी की जमीन में नाले का पानी चला जाता है.

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ऐसे में खाताधारक ने खेत के चारों तरफ मिट्टी डालकर खेत की मेड़बन्दी कर दी. जिसके चलते टहरी गांव से निकलने वाला नाला राहगीरों और ग्रामीणों के लिए आफत बना हुआ है. बता दें कि धौलपुर से कोलारी और बसई नवाब कस्बे को जाने वाले इस सड़क मार्ग से रोजाना हजारों की तादात में दुपहिया और चारपहिया वाहन गुजरते हैं.

जल भराव होने से सड़क मार्ग पूरी तरह से छतिग्रस्त होकर गड्ढो में तब्दील हो चुका है. जल भराव को लेकर टहरी ग्राम पंचायत के सरपंच लाडली मोहन त्यागी ने बताया कि ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच द्वारा कराया गया नाले का निर्माण लोगों के लिए आफत बन चुका है. जिसमें से गुजरने वाले राहगीर आए दिन फिसल कर चोटिल होते रहते हैं.

यह समस्या केवल बरसात की समस्या नहीं है. हर मौसम में सड़क मार्ग पूरी तरह से जल मग्न हो जाता है. कोरोना काल जैसी वैश्विक महामारी के चलते सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को अभी तक किसी भी प्रकार का कोई फंड आवंटित नहीं किया है. जिससे बरसों से बनी हुई जलभराव की समस्या का हल किया जा सके.

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क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग और जलभराव की समस्या लोगों के लिए लंबे अरसे से चली आ रही है. जिसे लेकर स्थानीय ग्रामीणों में सिस्टम के खिलाफ भारी आक्रोश देखा जा रहा है. उधर सिस्टम के जिम्मेदार हालातों को जानते हुए भी बेखबर बने हुए हैं.

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