धौलपुर. शनिवार को ईद उल फितर के कार्यक्रम का जायजा लेकर लौट रहे पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार का मचकुंड रोड पर बजरी माफियाओं से आमना-सामना हो गया. एसपी की गाड़ी ने जैसे ही पीछा किया, तो बजरी माफिया 100 फुट रोड से ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर भागने लगे. एसपी ने डीएसटी टीम एवं कोतवाली थाना पुलिस को साथ लेकर बजरी माफियाओं का करीब 15 किलोमीटर तक पीछा किया. मोरौली गांव के पास बजरी माफिया खेतों में ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर भागने लगे, लेकिन पुलिस ने ट्रॉली के टायरों में गोली मार दी. पुलिस के जवानों ने एक बजरी माफिया को हिरासत में लेकर दो ट्रैक्टर ट्रॉली जब्त किए हैं.
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि शनिवार को ईद उल फितर कार्यक्रम का शहर के इलाकों में निरीक्षण कर लौट रहा था. इसी दौरान मचकुंड रोड पर कुछ बजरी माफिया ट्रैक्टर ट्रॉली समेत तेज रफ्तार में दौड़ रहे थे. पुलिस ने जब रोकने का प्रयास किया, वे भागने लगे. उन्होंने बताया डीएसटी टीम एवं कोतवाली थाना पुलिस को मौके पर बुलाया गया. सीओ सिटी सुरेश सांखला को साथ लेकर बजरी माफियाओं का पीछा किया गया.
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इस दौरान बजरी माफियाओं ने पुलिस की गाड़ियों को नुकसान पहुंचाने की भी कोशिश की. करीब 15 किलोमीटर का पीछा कर मोरौली गांव के पास बजरी माफिया ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर खेतों में होकर फरार होने लगे. पुलिस के जवानों ने साहस का परिचय देते हुए ट्रॉली के टायरों में गोली मार दी. पुलिस ने एक बजरी माफिया को हिरासत में लेकर चंबल बजरी से भरे दो ट्रैक्टर ट्रॉली को जब्त कर लिया. पुलिस की कार्रवाई के दौरान तीन बजरी माफिया मौके से फरार हो गए. हिरासत में लिए गए बजरी माफिया से पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है.
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अवैध बजरी परिवहन रोकना पुलिस के लिए बड़ी चुनौतीः अवैध बजरी परिवहन पर अंकुश लगाना जिला पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. बजरी परिवहन धौलपुर जिले में संगठित अपराध का रूप ले चुका है. जिले के नेशनल हाइवे समेत अधिकांश सड़क मार्गों पर फर्राटे से दौड़ते बजरी माफिया दुर्घटनाएं कर आमजन की जान पर भारी पड़ रहे हैं.
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अकेली पुलिस कर रही मशक्कतः सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंधित चंबल बजरी के अवैध परिवहन की रोकथाम के लिए 5 विभागों की टीम गठित की गई है. जिसमें पुलिस, खनिज विभाग, वन विभाग, परिवहन विभाग एवं प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं, लेकिन कार्रवाई सिर्फ पुलिस को करनी पड़ रही है. जिले में अधिकांश कार्रवाइयों में पुलिस की भूमिका सक्रिय रही है. अन्य विभाग ऑफिस में बैठकर ही खानापूर्ति करते रहते हैं.