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बाढ़ का पानी उतरा तो दिखा तबाही का मंजर, गांव में पहुंचा मगरमच्छ

राजाखेड़ा उपखंड में चंबल की बाढ़ की चपेट में आए एक दर्जन गांवों से पानी अब धीरे धीरे उतरने लगा है. इसके साथ ही तबाही के निशां दिखने लगे हैं. कइयों के पक्के मकान धराशायी हो गए हैं तो कई जगह मकानों में दरारें आ गई हैं. साथ ही गांव में मगरमच्छ निकलने से ग्रामीणों में भय है.

Dholpur Chambal Flood
बाढ़ का पानी उतरा तो दिखा तबाही का मंजर
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Published : Aug 28, 2022, 11:00 PM IST

राजाखेड़ा (धौलपुर). जिले के राजाखेड़ा उपखंड में चंबल की बाढ़ की चपेट में आए करीब एक दर्जन गांवों से पानी अब धीरे-धीरे उतरने लगा है. पानी उतरने के साथ ही बाढ़ से हुई तबाही का मंजर (Chambal River Flood in Dhalopur) साफ दिखने लगा है. चम्बल नदी के उफान के चलते आई बाढ़ ने इस कदर तबाही मचाई है कि कई लोगों के पक्के मकान धराशायी हो गए. वहीं, कई मकानों की दीवारों में दरारें पड़ गई है. साथ ही मेहदपुरा गांव में मगरमच्छ मिलने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया.

बाढ़ प्रभावित इलाकों में निकल रहे मगरमच्छः गांव महदपुरा में रविवार को जब ग्रामीण एक ट्यूबवेल के पास सफाई कर रहे थे. इसी दौरान ट्यूबवेल के पास छिपा एक बड़ा मगरमच्छ सामने आ गया. मगरमच्छ को देख ट्यूबवेल की सफाई कर रहे ग्रामीणों के होश उड़ गए. वे मौके से भाग छूटे. ट्यूबवेल के पास बड़े मगरमच्छ (Crocodile Reached the Village) को देख गांव में हड़कंप मच गया. ग्रामीणों ने मगरमच्छ को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम को बुलाया. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम और ग्रामीणों ने कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को पकड़ा. बाद में उसे वन विभाग की टीम ने सुरक्षित जगह पर ले जाकर छोड़ दिया. उधर भूड़ा गांव में भी एक घर में घड़ियाल का छोटा बच्चा मिलने से लोगों में हड़कंप मच गया.

गांव में पहुंचा मगरमच्छ

राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा ने रविवार को राजाखेड़ा के चंबल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र (Scene of Devastation in Rajakhera) ग्राम पंचायत महदपुरा, चीलपुरा में बाढ़ का पानी नीचे उतरने के बाद गांव भूड़ा, कठूमरा, शंकरपुरा,महदपुरा, बक्सपुरा आदि का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों को गांव में मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए फॉगिंग कराने तथा पशुओं में टीकाकरण कराने के विशेष निर्देश दिए. इसी के साथ उन्होंने प्रभावित गांव में चंबल के बाढ़ के पानी से लोगों के घर और फसलों में हुए नुकसान का शीघ्र ही सर्वे कराकर उन्हें उचित मुआवजा दिलाने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें : चंबल के जल स्तर का 26 साल का रिकॉर्ड टूटा, 120 गांव बाढ़ की चपेट में

हजारों बीघा फसल हुई तबाहः चंबल के बाढ़ के कारण खेतों में हजारों बीघा लहलहा रही बाजरा-तिलहन सहित अन्य फसलें पूरी तरह से जलमग्न होकर अब सड़ चुकी है. लोगों ने बताया कि उन्होंने महंगे खाद-बीज खरीद कर जैसे-तैसे फसल तो उगा लिया. लेकिन चंबल के बाढ़ के पानी ने एक बार फिर से फसलों को तबाह कर दिया है. जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन से नुकसान का शीघ्र सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है.

राजाखेड़ा (धौलपुर). जिले के राजाखेड़ा उपखंड में चंबल की बाढ़ की चपेट में आए करीब एक दर्जन गांवों से पानी अब धीरे-धीरे उतरने लगा है. पानी उतरने के साथ ही बाढ़ से हुई तबाही का मंजर (Chambal River Flood in Dhalopur) साफ दिखने लगा है. चम्बल नदी के उफान के चलते आई बाढ़ ने इस कदर तबाही मचाई है कि कई लोगों के पक्के मकान धराशायी हो गए. वहीं, कई मकानों की दीवारों में दरारें पड़ गई है. साथ ही मेहदपुरा गांव में मगरमच्छ मिलने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया.

बाढ़ प्रभावित इलाकों में निकल रहे मगरमच्छः गांव महदपुरा में रविवार को जब ग्रामीण एक ट्यूबवेल के पास सफाई कर रहे थे. इसी दौरान ट्यूबवेल के पास छिपा एक बड़ा मगरमच्छ सामने आ गया. मगरमच्छ को देख ट्यूबवेल की सफाई कर रहे ग्रामीणों के होश उड़ गए. वे मौके से भाग छूटे. ट्यूबवेल के पास बड़े मगरमच्छ (Crocodile Reached the Village) को देख गांव में हड़कंप मच गया. ग्रामीणों ने मगरमच्छ को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम को बुलाया. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम और ग्रामीणों ने कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को पकड़ा. बाद में उसे वन विभाग की टीम ने सुरक्षित जगह पर ले जाकर छोड़ दिया. उधर भूड़ा गांव में भी एक घर में घड़ियाल का छोटा बच्चा मिलने से लोगों में हड़कंप मच गया.

गांव में पहुंचा मगरमच्छ

राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा ने रविवार को राजाखेड़ा के चंबल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र (Scene of Devastation in Rajakhera) ग्राम पंचायत महदपुरा, चीलपुरा में बाढ़ का पानी नीचे उतरने के बाद गांव भूड़ा, कठूमरा, शंकरपुरा,महदपुरा, बक्सपुरा आदि का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों को गांव में मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए फॉगिंग कराने तथा पशुओं में टीकाकरण कराने के विशेष निर्देश दिए. इसी के साथ उन्होंने प्रभावित गांव में चंबल के बाढ़ के पानी से लोगों के घर और फसलों में हुए नुकसान का शीघ्र ही सर्वे कराकर उन्हें उचित मुआवजा दिलाने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें : चंबल के जल स्तर का 26 साल का रिकॉर्ड टूटा, 120 गांव बाढ़ की चपेट में

हजारों बीघा फसल हुई तबाहः चंबल के बाढ़ के कारण खेतों में हजारों बीघा लहलहा रही बाजरा-तिलहन सहित अन्य फसलें पूरी तरह से जलमग्न होकर अब सड़ चुकी है. लोगों ने बताया कि उन्होंने महंगे खाद-बीज खरीद कर जैसे-तैसे फसल तो उगा लिया. लेकिन चंबल के बाढ़ के पानी ने एक बार फिर से फसलों को तबाह कर दिया है. जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन से नुकसान का शीघ्र सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है.

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