धौलपुर. 20 सूत्रीय मांगों को लेकर राजस्थान में सरपंचों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. गुरुवार को सरपंचों ने बैठक कर 5 मार्च को होने वाली पंचायत की बैठक का बहिष्कार किया है. सरपंचों ने बैठक कर 8 मार्च 2021 को राजधानी मुख्यालय स्थित विधानसभा के घेराव करने का निर्णय लिया है. गौरतलब है कि प्रदेश सरपंच संघ के आह्वान पर जिले के सरपंच 11 जनवरी 2021 से आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने राज्य सरकार एवं पंचायती राज विभाग पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सरपंचों ने भारी रोष व्यक्त किया है.
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गुरुवार को सरपंचों ने बैठक कर बताया कि 5 मार्च को होने वाली पंचायत की बैठक का बहिष्कार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरपंच 20 सूत्रीय मांगों को लेकर 11 जनवरी 2021 से लगातार आंदोलन कर रहे हैं. जिला प्रशासन को ज्ञापन एवं शिकायत पत्र देकर राज्य सरकार एवं पंचायती राज विभाग को कई बार अवगत कराया गया है, लेकिन प्रदेश सरकार सरपंचों के प्रति गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में पंचायतों का कोष पूरी तरह से खाली पड़ा हुआ है. राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजना भी पंचायत स्तर तक नहीं पहुंच रही है, जिससे जिले की पंचायतों के विकास कार्य रुके हुए हैं.
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पंचायती राज चुनाव होने के बाद प्रदेश सरकार ने धरातल पर कोई काम नहीं किया है. पंचायतों में नाली, खरंजा, मनरेगा, सड़क निर्माण आदि बुनियादी समस्याएं बनी हुई है. लेकिन, पंचायतों के पास बजट का अभाव होने पर समस्त विकास काम अवरुद्ध हो गए है. 11 जनवरी से प्रदेश के सरपंच राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन पंचायती राज विभाग एवं सरकार ग्राम पंचायतों के प्रति गंभीर नहीं है. इससे ग्राम पंचायत के सरपंचों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. गुरुवार को सरपंचों ने बैठक कर पंचायत की मीटिंग का बहिष्कार किया है. उन्होंने बताया कि 8 मार्च 2021 को राजधानी मुख्यालय स्थित विधानसभा का घेराव किया जाएगा. राजस्थान प्रदेश के सरपंच लामबंद होकर सरकार एवं पंचायती राज विभाग के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करेंगे. उन्होंने बताया कि सरकार अगर इसी प्रकार से हठधर्मिता पर बनी रही तो सरपंच संघ प्रदेश भर में आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगा.