धौलपुर. 9 महीने बाद हुई साधारण सभा की नगर परिषद की बैठक में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ. नगर परिषद सभापति खुशबू सिंह ने जैसे ही प्रस्तावों को लागू करने की घोषणा की, पक्ष एवं विपक्ष के पार्षदों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी. सभापति एवं प्रशासन के अधिकारियों ने पुलिस को बुला लिया. जिसका पार्षदों ने विरोध किया. पार्षदों के हंगामे के बीच सभापति ने बिना सहमति के कुछ बिंदुओं को पारित कर दिया.
9 महीने बाद शुक्रवार को नगर परिषद की साधारण सभा की बैठक में जैसे ही सभापति ने प्रस्ताव एवं बिंदुओ को लागू करने की घोषणा की, बीजेपी एवं कांग्रेस के पार्षदों ने लामबंद होकर हंगामा खड़ा कर दिया. हंगामा भी इतना जोरदार हुआ कि सभापति एवं आयुक्त के हाथ पैर फूल गए. पार्षद लामबंद होकर सभापति एवं आयुक्त के खिलाफ भ्रष्टाचार एवं सांठगांठ के आरोप लगाते हुए नारेबाजी करने लगे. माहौल को गर्म होता देख कोतवाली पुलिस मौके पर बुलाई गई. थाना प्रभारी अनिल कुमार जसोरिया ने समझाइश कर मामले को शांत कराया, लेकिन विरोध कर रहे पार्षद बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकल आए. सभापति एवं नगर परिषद प्रशासन दे बिना सहमति के घोषणाओं को पारित कर दिया.
नेता प्रतिपक्ष कुक्कू शर्मा ने बताया नगर परिषद में विगत लंबे समय से घोटाले किए जा रहे हैं. नगर परिषद सभापति खुशबू सिंह एवं आयुक्त मिलीभगत कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं. नगर परिषद की हर शाखा में भ्रष्टाचार पनप रहा है. उन्होंने बताया शहीदों को टेंडर एवं ठेके दिए जा रहे हैं. शहर के प्रमुख बाजार एवं गली मोहल्ले विकास से कोसों दूर हैं. सड़कें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. नाले- नालियों की सफाई नहीं होने से जलभराव की भी समस्या पैदा हो रही है.
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उन्होंने बताया कांग्रेस एवं भाजपा दोनों ही पार्टी के पार्षद कांग्रेस के बोर्ड के विरोध में हैं. पिछले महीने पार्षदों द्वारा भूख हड़ताल कर धरना भी दिया था. जिला कलेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल ने मामले की जांच कराने का आश्वासन देकर धरने को शांत कराया था. लेकिन पूरा सिस्टम ही भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है. उन्होंने कहा कि पार्षदों के साथ गलत व्यवहार किया गया है. विरोध करने पर बेवजह पुलिस को बुलाया गया था. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा नगर परिषद में मनमानी एवं भ्रष्टाचार को पनपने नहीं देंगे. इसके लिए किसी भी प्रकार की कुर्बानी दे सकते हैं.