धौलपुर. शहर की रहने वाली कक्षा 12 की छात्रा की फिजिक्स विषय की कॉपी बदलने की खबर ईटीवी भारत पर दिखाए जाने के बाद राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड हरकत में आ गया है. छात्रा के फिजिक्स विषय में 56 में से राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 6 प्राप्तांक दिए थे. जबकि अन्य विषयों के आधार पर छात्रा को 90 प्रतिशत से अधिक प्राप्तांक मिले थे. जिसे लेकर छात्रा ने उत्तर कॉपी की पुनः जांच कराई थी. जिसमें छात्रा की कॉपी के रोल नंबर पर ओवर राइटिंग कर काट छांट कर दूसरी कॉपी को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने दिखाया था. सोमवार को अजमेर से राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 3 सदस्यीय टीम जांच करने पहुंच गई. जिन्होंने निजी विद्यालय के रिकॉर्ड को जब्त कर छात्रा के बयान लिए हैं.
दरअसल 4 सितंबर 2020 को शहर के निजी स्कूल की पढ़ने वाली कक्षा 12 की छात्रा दीप्ति की माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से फिजिक्स सब्जेक्ट की उत्तर कॉपी बदलने की खबर प्रमुखता से दिखाई थी. जिसके बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए 3 सदस्यीय टीम का गठन किया है. जिसमें धौलपुर जिला शिक्षा अधिकारी सियाराम मीणा, भागचन्द मंडावरिया अजमेर बोर्ड एवं नरेश जारवाल अजमेर बोर्ड को नियुक्त किया है.
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तीनों जांच अधिकारियों की टीम निजी शिक्षण संस्थान पहुंची. जहां परीक्षा केंद्र का सभी रिकॉर्ड जब्त किया गया. उसके अलावा छात्रा को बुलाया गया. जिसे बोर्ड के अधिकारियों ने फिजिक्स विषय की कॉपी दिखाई. जिसमें छात्रा के रोल नंबर के साथ काट छांट की गई थी. प्रकरण में बोर्ड के जांच अधिकारी भागचंद ने बताया माध्यमिक शिक्षा सचिव ने मामले को गंभीरता से लिया है. छात्रा के साथ किसी भी स्थिति में अन्याय नहीं किया जाएगा. 5 दिन के अंदर रिपोर्ट तैयार कर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सचिव को सुपुर्द करनी है. जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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गौरतलब है कि शहर के निजी स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा 12वीं की छात्रा दीप्ति के फिजिक्स विषय में 56 में से सिर्फ 6 प्राप्तांक मिले थे. जबकि शेष विषय में छात्रा को 90 प्रतिशत से अधिक प्राप्तांक मिले थे. फिजिक्स सब्जेक्ट में कम प्राप्तांक मिलने पर छात्रा ने रेवलुएशन का अप्लाई किया था. जिसमें छात्रा की उत्तर कॉपी के रोल नंबर से ओवर राइटिंग द्वारा काट छांट कर किसी अन्य विद्यार्थी की कॉपी दिखाई थी. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों ने मामले की गहनता से जांच की है. केंद्र अधीक्षक एवं निजी शिक्षण संस्थान के कर्मचारियों के बयान लिए हैं. परीक्षा केंद्र के सभी रिकॉर्ड को बोर्ड के अधिकारियों ने इज्जत कर लिया है. उधर छात्रा ने पुणे माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों से न्याय दिलाने की मांग की है.