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धौलपुर में रेलवे कर्मचारियों का प्रदर्शन, केंद्र सरकार पर रेलवे को निजी हाथों में देने का लगाया आरोप - नॉर्थ सेंट्रल रेलवे एंप्लोई संघ

धौलपुर में रविवार को रेलवे के कर्मचारियों ने रेल बचाओ देश बचाओ के तहत धरना प्रदर्शन किया. साथ ही रेलवे के कर्मचारियों का आरोप है कि केंद्र सरकार रेलवे को निजी हाथों में देगी. जिसके कारण रेलवे के कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में जाएगा.

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रेलवे कर्मचारियों ने रेलवे को निजी हाथों में देने के खिलाफ किया प्रदर्शन
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Published : Aug 9, 2020, 7:41 PM IST

धौलपुर. जिले के रेलवे स्टेशन पर रविवार को रेलवे के कर्मचारियों ने रेल बचाओ देश बचाओ पखवाड़े के तहत नॉर्थ सेंट्रल रेलवे एंप्लोई संघ और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे मेंस संगठन के बैनर तले अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान रेलवे कर्मचारियों ने केंद्र सरकार पर रेलवे को निजी हाथों में देने का आरोप लगाया है.

रेलवे कर्मचारियों ने सभा में ने कहा कि केंद्र सरकार रेलवे को धीरे-धीरे निजी हाथों में देने जा रही है. जिससे देश में बेरोजगारी, बेकारी, मनमानी बढ़ेगी और कर्मचारियों का शोषण होगा. नॉर्थ सेंट्रल रेलवे एंप्लोई संघ के सचिव पीके सोनी ने बताया कि हम विभिन्न मांगों को लेकर रेल बचाओ देश बचाओ पखवाड़े का आयोजन कर रहे हैं. जिसके तहत यह विरोध किया गया है. इसमें हमारी मुख्य मांग रेलवे के निजीकरण को रोकना, पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करना, 2 साल से रोके गए डीए को देना आदि शामिल है.

रेलवे कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

पढ़ें- धौलपुर में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर गोष्ठी का हुआ आयोजन

रेलवे कर्मचारियों ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के दौर में रेलवे के कर्मचारियों ने अपनी सैलरी का दान किया है. इस संकट की घड़ी में रेलवे कर्मचारी सरकार के साथ खड़े हैं, लेकिन केंद्र सरकार दोहरी नीति अपनाकर रेलवे कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.

केंद्र सरकार की ओर से रेलवे को पूरी तरह से निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है. जिससे रेलवे कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में जाएगा. रेलवे कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो रेलवे कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.

धौलपुर. जिले के रेलवे स्टेशन पर रविवार को रेलवे के कर्मचारियों ने रेल बचाओ देश बचाओ पखवाड़े के तहत नॉर्थ सेंट्रल रेलवे एंप्लोई संघ और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे मेंस संगठन के बैनर तले अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान रेलवे कर्मचारियों ने केंद्र सरकार पर रेलवे को निजी हाथों में देने का आरोप लगाया है.

रेलवे कर्मचारियों ने सभा में ने कहा कि केंद्र सरकार रेलवे को धीरे-धीरे निजी हाथों में देने जा रही है. जिससे देश में बेरोजगारी, बेकारी, मनमानी बढ़ेगी और कर्मचारियों का शोषण होगा. नॉर्थ सेंट्रल रेलवे एंप्लोई संघ के सचिव पीके सोनी ने बताया कि हम विभिन्न मांगों को लेकर रेल बचाओ देश बचाओ पखवाड़े का आयोजन कर रहे हैं. जिसके तहत यह विरोध किया गया है. इसमें हमारी मुख्य मांग रेलवे के निजीकरण को रोकना, पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करना, 2 साल से रोके गए डीए को देना आदि शामिल है.

रेलवे कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

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रेलवे कर्मचारियों ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के दौर में रेलवे के कर्मचारियों ने अपनी सैलरी का दान किया है. इस संकट की घड़ी में रेलवे कर्मचारी सरकार के साथ खड़े हैं, लेकिन केंद्र सरकार दोहरी नीति अपनाकर रेलवे कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.

केंद्र सरकार की ओर से रेलवे को पूरी तरह से निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है. जिससे रेलवे कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में जाएगा. रेलवे कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो रेलवे कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.

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