धौलपुर. सैपऊ कस्बे के ऐतिहासिक महादेव मंदिर में 21 फरवरी यानि महाशिवरात्रि से लक्खी मेले का आयोजन किया जाएगा. इसकी तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन और उपखंड प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है. इसी कड़ी में जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल और पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने मंदिर पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया.
कलेक्टर और एसपी प्रशासनिक लवाजमे के साथ मंदिर के प्रांगण पहुंचे. उन्होंने भगवान भोलेनाथ की आरती में शामिल होकर भोग प्रसाद ग्रहण किया. भगवान की महाआरती के बाद मंदिर के अंदर की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. विकास अधिकारी रामबोल को व्यवस्थाएं सुधारने के जरूरी दिशा-निर्देश दिए. मंदिर के अंदर लगी कमजोर लकड़ियों की बेरिकेडिंग को भी फिर से लगाने के निर्देश दिए गए.
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शिवरात्रि के दिन कावड़ियों और श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग प्रवेश की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा निकास की भी व्यवस्था अलग अलग रखी गई है. मंदिर के देवालय में भीड़ को रोकने के लिए पुलिसकर्मियों का जाब्ता तैनात किया जाएगा.
जिला प्रशासन ने कावड़ियों द्वारा गंगाजल की कांच की शीशियों को नहीं फोड़ने की अपील की गई है. इसके बाद मेले के बाजारों का निरीक्षण किया गया. 12 दिन तक चलने वाले लक्खी मेले में सफाई व्यवस्था को लेकर विशेष निर्देश दिए गए.
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चिकित्सा विभाग की टीम, पार्किंग व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था के निर्देश दिए गए. पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया, कि मेले में कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए 100 से अधिक जवानों का जाब्ता तैनात किया जाएगा. मेले में अस्थाई चौकी बना दी गई है. जेबकतरा और मवालियों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी. महाशिवरात्रि से लगने वाले मेले की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन ने अंतिम रूप दे दिया है.
21 फरवरी 2020 महाशिवरात्रि से जिले के ऐतिहासिक महादेव मंदिर पर लक्खी मेले की शुरुआत होगी, जिसमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश हरियाणा सहित राजस्थान के दूसरे जिलों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचेंगे.
भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर हजारों की तादाद में कावड़ियों द्वारा गंगा जल अर्पित किया जाता है. कावड़ियों द्वारा शोरो हरिद्वार का कर्णवास से गंगाजल पैदल चलकर कावड़ द्वारा लाया जाता है, जिसे भगवान महादेव को अर्पित किया जाता है.
12 दिन तक लक्खी मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें खासकर ग्रामीण अंचल के महिला-पुरुष घरेलू सामग्री की जमकर खरीदारी करते हैं. इसके साथ ही मेले में मनोरंजन के साधन भी लगाए जाते हैं. यह जिले का एकमात्र सबसे बड़ा मेला माना जाता है.