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धौलपुर: सामान्य चिकित्सालय की अव्यवस्थाओं के साथ ही डेंगू का प्रकोप मरीजों की जान पर भारी

धौलपुर के बाड़ी उपखंड के सामान्य अस्पताल को सीएचसी से क्रमोन्नत हुए 6 साल हो गए, लेकिन व्यवस्थाएं पहले से भी बदतर हैं. अस्पातल में तैनात 11 चिकित्सकों में से केवल तीन ही आ रहे हैं, बाकी चिकित्सक छुट्टी पर हैं. वहीं मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है.

Bari General Hospital, धौलपुर न्यूज
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Published : Nov 2, 2019, 10:38 PM IST

धौलपुर. जिले के बाड़ी उपखंड में स्थित बाड़ी सीएचसी को साल 2013 में सामान्य अस्पताल के रूप में क्रमोन्नत करने के 6 साल बाद भी इसकी स्थिति नहीं बदली. सरकार ने इस सामान्य अस्पताल पर्याप्त चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, वार्ड बॉय के साथ मिलने वाले बजट की आज तक कोई सुनवाई नहीं की.

बाड़ी सामान्य चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं से मरीज परेशान

बाड़ी सामान्य अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर सरकारी की इस अनदेखी का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है. जिले में डेंगू का प्रकोप छाया हुआ है. बाड़ी सामान्य चिकित्सालय की अव्यवस्थाएं मरीजों की जान पर भारी पड़ती नजर आ रही हैं. बाड़ी चिकित्सालय कहने भर को उच्च स्तर की सुविधाएं देने वाला जिले का दूसरा अस्पताल है, लेकिन डेंगू जैसी मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को उचित उपचार नहीं दे पा रहा है.

मुख्यमंत्री जांच योजना के तहत चिकित्सालय में गर्भवती महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग विंडो खोली गई थीं. लेकिन स्थानीय चिकित्सालय के प्रशासन की लापरवाही के चलते एक विंडो को बंद कर गर्भवती महिलाओं को उसी विंडो पर पुरुषों के साथ धक्के खाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं सामान्य चिकित्सालय में लगने वाले सीसीटीवी कैमरों के लिए आया बजट लैप्स के कगार पर है.

पढ़ें- बाड़मेरः भारतीय किसान संघ ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, मांगें नहीं माने पर करेंगे रेलवे ट्रैक जाम

वहीं सामान्य चिकित्सालय की मोर्चरी में लगने वाला विभाग द्वारा भेजा गया फ्रीजर का सामान कंडम होता जा रहा है. लापरवाही की हद तो तब हो गई जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से क्रमोन्नत होकर सामान्य चिकित्सालय का दर्जा मिलने के बावजूद भी जब से अब तक सामान्य चिकित्सालय के ऑपरेशन थिएटर को आज तक चालू नहीं किया गया है. जिससे आमजन को मिलने वाली राहत से आमजन दूर हैं.

चिकित्सालय में वर्तमान में 11 चिकित्सक कार्यरत हैं. इस समय चिकित्सालय में तैनात कई चिकित्सक छुट्टी पर हैं, वहीं मौसमी बीमारियां डेंगू, मलेरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. हाल ही में एक बीएड की छात्रा के साथ दो बच्चों की डेंगू से मौत के बाद भी चिकित्सा विभाग ने लोगों को राहत देने के उद्देश्य से कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. मरीजों को हायर सेंटर धौलपुर, आगरा और ग्वालियर के लिए रेफर किया जा रहा है. जिससे लोगों में विभाग के प्रति आक्रोश है.

कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम ने लिया अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा

सामान्य चिकित्सालय में बेटी का इलाज कराने आए युवक ने चिकित्सकों की कमी को लेकर जिला कलेक्टर को फोन पर अवगत कराया. जिसके बाद जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने मामले की जांच के लिए बाड़ी एसडीएम को सामान्य चिकित्सालय भेजा. एसडीएम बृजेश मंगल ने चौतरफा गंदगी की वजह से बीमारी में घिरे चिकित्सालय का 2 से 3 घंटे सघन निरीक्षण करने के बाद चिकित्सालय में फैली अव्यवस्थाओं की जानकारी जिला कलेक्टर को दी. जिसके बाद जिला कलेक्टर ने बाड़ी सामान्य चिकित्सालय के पीएमओ डॉ शिवदयाल मंगल को फोन कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

पढ़ें-प्रदेश के मरीजों के लिए खुशखबरीः 108 एंबुलेंस की हड़ताल समाप्त

जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल के निर्देश पर चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं को देखते हुए पीएमओ डॉ शिवदयाल मंगल ने नाइट ड्यूटी वाले चिकित्सकों को दिन में बुलाकर इलाज मुहैया कराया. जिला कलेक्टर के निर्देश पर निरीक्षण के लिए गए एसडीएम को मौके पर 11 में से सिर्फ तीन चिकित्सक उपस्थित मिले. सामान्य चिकित्सालय में चिकित्सकों की अनुपस्थिति और अव्यवस्थाओं की वजह से जहां मरीजों में आक्रोश देखने को मिल रहा है तो वहीं डेंगू जैसी मौसमी बीमारी से निपटने के लिए अस्पताल में प्रबंधन नाकाफी है.

धौलपुर. जिले के बाड़ी उपखंड में स्थित बाड़ी सीएचसी को साल 2013 में सामान्य अस्पताल के रूप में क्रमोन्नत करने के 6 साल बाद भी इसकी स्थिति नहीं बदली. सरकार ने इस सामान्य अस्पताल पर्याप्त चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, वार्ड बॉय के साथ मिलने वाले बजट की आज तक कोई सुनवाई नहीं की.

बाड़ी सामान्य चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं से मरीज परेशान

बाड़ी सामान्य अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर सरकारी की इस अनदेखी का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है. जिले में डेंगू का प्रकोप छाया हुआ है. बाड़ी सामान्य चिकित्सालय की अव्यवस्थाएं मरीजों की जान पर भारी पड़ती नजर आ रही हैं. बाड़ी चिकित्सालय कहने भर को उच्च स्तर की सुविधाएं देने वाला जिले का दूसरा अस्पताल है, लेकिन डेंगू जैसी मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को उचित उपचार नहीं दे पा रहा है.

मुख्यमंत्री जांच योजना के तहत चिकित्सालय में गर्भवती महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग विंडो खोली गई थीं. लेकिन स्थानीय चिकित्सालय के प्रशासन की लापरवाही के चलते एक विंडो को बंद कर गर्भवती महिलाओं को उसी विंडो पर पुरुषों के साथ धक्के खाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं सामान्य चिकित्सालय में लगने वाले सीसीटीवी कैमरों के लिए आया बजट लैप्स के कगार पर है.

पढ़ें- बाड़मेरः भारतीय किसान संघ ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, मांगें नहीं माने पर करेंगे रेलवे ट्रैक जाम

वहीं सामान्य चिकित्सालय की मोर्चरी में लगने वाला विभाग द्वारा भेजा गया फ्रीजर का सामान कंडम होता जा रहा है. लापरवाही की हद तो तब हो गई जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से क्रमोन्नत होकर सामान्य चिकित्सालय का दर्जा मिलने के बावजूद भी जब से अब तक सामान्य चिकित्सालय के ऑपरेशन थिएटर को आज तक चालू नहीं किया गया है. जिससे आमजन को मिलने वाली राहत से आमजन दूर हैं.

चिकित्सालय में वर्तमान में 11 चिकित्सक कार्यरत हैं. इस समय चिकित्सालय में तैनात कई चिकित्सक छुट्टी पर हैं, वहीं मौसमी बीमारियां डेंगू, मलेरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. हाल ही में एक बीएड की छात्रा के साथ दो बच्चों की डेंगू से मौत के बाद भी चिकित्सा विभाग ने लोगों को राहत देने के उद्देश्य से कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. मरीजों को हायर सेंटर धौलपुर, आगरा और ग्वालियर के लिए रेफर किया जा रहा है. जिससे लोगों में विभाग के प्रति आक्रोश है.

कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम ने लिया अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा

सामान्य चिकित्सालय में बेटी का इलाज कराने आए युवक ने चिकित्सकों की कमी को लेकर जिला कलेक्टर को फोन पर अवगत कराया. जिसके बाद जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने मामले की जांच के लिए बाड़ी एसडीएम को सामान्य चिकित्सालय भेजा. एसडीएम बृजेश मंगल ने चौतरफा गंदगी की वजह से बीमारी में घिरे चिकित्सालय का 2 से 3 घंटे सघन निरीक्षण करने के बाद चिकित्सालय में फैली अव्यवस्थाओं की जानकारी जिला कलेक्टर को दी. जिसके बाद जिला कलेक्टर ने बाड़ी सामान्य चिकित्सालय के पीएमओ डॉ शिवदयाल मंगल को फोन कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

पढ़ें-प्रदेश के मरीजों के लिए खुशखबरीः 108 एंबुलेंस की हड़ताल समाप्त

जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल के निर्देश पर चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं को देखते हुए पीएमओ डॉ शिवदयाल मंगल ने नाइट ड्यूटी वाले चिकित्सकों को दिन में बुलाकर इलाज मुहैया कराया. जिला कलेक्टर के निर्देश पर निरीक्षण के लिए गए एसडीएम को मौके पर 11 में से सिर्फ तीन चिकित्सक उपस्थित मिले. सामान्य चिकित्सालय में चिकित्सकों की अनुपस्थिति और अव्यवस्थाओं की वजह से जहां मरीजों में आक्रोश देखने को मिल रहा है तो वहीं डेंगू जैसी मौसमी बीमारी से निपटने के लिए अस्पताल में प्रबंधन नाकाफी है.

Intro:special story:- धौलपुर- सामान्य चिकित्सालय की अव्यवस्थाओं के साथ ही डेंगू का प्रकोप मरीजों की जान पर भारी...

धौलपुर जिले के बाड़ी उपखंड पर जहां सरकार ने बाड़ी अस्पताल को वर्ष 2013 में बाड़ी सीएचसी से क्रमोन्नत कर सामान्य चिकित्सालय का दर्जा तो दिला दिया.लेकिन जब से अब तक बदलने वाली किसी भी सरकार द्वारा सामान्य चिकित्सालय पर उपलब्ध होने वाले चिकित्सकों,नर्सिंग स्टाफ,वार्ड बॉय,के साथ मिलने वाले बजट की आज तक कोई सुनवाई नहीं की है.जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है.और इसी वजह से बाड़ी उपखंड का सामान्य चिकित्सालय अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा हुआ है.

धौलपुर जिले के बाड़ी उपखंड पर स्थित सामान्य चिकित्सालय पर डेंगू का प्रकोप और राजकीय सामान्य चिकित्सालय की अव्यवस्थाएं इन दिनों मरीजों की जान पर भारी पड़ती नजर आ रही है.जिले में दूसरे नंबर पर आने वाला बाड़ी राजकीय सामान्य चिकित्सालय कहने को तो उच्च स्तर की सुविधाएं देने वाला चिकित्सालय है लेकिन मौसमी सीजन में चिकित्सकों की अनुपस्थिति और डेंगू जैसी महामारी से पीड़ित मरीजों को इलाज के लिए उच्च अधिकारियों की मदद लेनी पड़ रही है.वहीं चिकित्सालय में फैली चौतरफा गंदगी ने चिकित्सालय में आने वाले दूसरे मरीजों का हाल बेहाल कर रखा है.और वही दूसरी ओर मुख्यमंत्री जांच योजना के तहत सामान्य चिकित्सालय परिसर पर दो विंडो खोली गई थी एक गर्भवती महिलाओं के लिए और एक पुरुषों के लिए लेकिन स्थानीय चिकित्सालय के प्रशासन की लापरवाही के चलते एक विंडो को बंद कर गर्भवती महिलाओं को एक ही विंडो पर पुरुषों के साथ धक्के खाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.और वही सामान्य चिकित्सालय में लगने वाले सीसीटीवी कैमरों के लिए आया बजट लैप्स के कगार पर है.और वही सामान्य चिकित्सालय की मोर्चरी में लगने वाला विभाग द्वारा भेजा गया फ्रीजर का सामान कंडम होता जा रहा है.और लापरवाही की हद तो तब हो गई जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से क्रमोन्नत होकर सामान्य चिकित्सालय का दर्जा मिलने के बावजूद भी जब से अब तक सामान्य चिकित्सालय के ऑपरेशन थिएटर को आज तक चालू नहीं किया गया है.जिससे आमजन को मिलने वाली राहत से आमजन महरूम है.Body:वही 1 अप्रैल 2013 को सरकार के आदेश पर सीएचसी से सामान्य चिकित्सालय का दर्जा पाने वाले बाड़ी राजकीय सामान्य चिकित्सालय में वर्तमान में 11 चिकित्सक कार्यरत हैं.और मौसमी बीमारियों के सीजन के समय जहां चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक छुट्टी पर है,और वही डेंगू जैसी महामारी से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है.वही चिकित्सालय में लगी मरीजों की भीड़ इस बात की साफ गवाही दे रही है,कि सामान्य चिकित्सालय पर चिकित्सक मौजूद नहीं है.और हाल ही में एक बीएड छात्रा के साथ दो बच्चों की डेंगू से मौत के बाद भी चिकित्सा विभाग ने लोगों को राहत देने के उद्देश्य से कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.जिससे लोगों में चिकित्सा प्रबंधन के प्रति आक्रोश व्याप्त है.और वही जांच के नाम पर सामान्य चिकित्सालय मेें लीपापोती के बाद मरीजों को हायर सेंटर धौलपुर के साथ आगरा एवं ग्वालियर के लिए रैफर किया जा रहा है.
Byte-1 रामनरेश (गांव कसौटी खेड़ा)।
Byte-2 राजू (मोहल्ला किरी बाड़ी)।

और वही सामान्य चिकित्सालय पर अपनी बेटी को दिखाने आए एक युवक ने चिकित्सकों के अस्पताल में ना मिलने पर जिला कलेक्टर को फोन कर मामले से अवगत कराया.इसके बाद जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने मामले की जांच के लिए बाड़ी एसडीएम को सामान्य चिकित्सालय भेजा.जहां एसडीएम बृजेश मंगल ने चौतरफा गंदगी की वजह से बीमारी में घिरे चिकित्सालय का 2 से 3 घंटे सधन निरीक्षण करने के बाद चिकित्सालय में फैली अव्यवस्थाओं की जानकारी जिला कलेक्टर को दी.जिसके बाद जिला कलेक्टर ने बाड़ी सामान्य चिकित्सालय के पीएमओ डॉ शिवदयाल मंगल को फोन कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए.
Byte-3 बृजेश मंगल (उपखंड अधिकारी बाड़ी)।Conclusion:वही जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल के निर्देश पर राजकीय सामान्य चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं के आलम के बीच पीएमओ डॉ शिवदयाल मंगल ने नाइट ड्यूटी कर डे ऑफ पर गए चिकित्सक को बुलाकर मरीजों को इलाज मुहैया कराया.वर्तमान में बाड़ी राजकीय सामान्य चिकित्सालय में पीएमओ सहित 12 चिकित्सक तैनात हैं.जिला कलेक्टर के निर्देश पर निरीक्षण के लिए गए एसडीएम को मौके पर 12 में से सिर्फ तीन चिकित्सक उपस्थित मिले.और सामान्य चिकित्सालय में चिकित्सकों की अनुपस्थिति और अव्यवस्थाओं की वजह से जहां मरीजों में आक्रोश देखने को मिल रहा है तो वहीं डेंगू जैसी महामारी से निपटने के लिए अस्पताल में प्रबंधन नाकाफी हैं.ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं देने का सरकार का दावा कैसे सफल होता है.
बाड़ी(धौलपुर)से ईटीवी भारत के लिए राजकुमार शर्मा की रिपोर्ट।

Report
Rajkumar Sharma
Badi,dholpur
Mob.no.-9079671539
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