धौलपुर. जिले के बाड़ी उपखंड में स्थित बाड़ी सीएचसी को साल 2013 में सामान्य अस्पताल के रूप में क्रमोन्नत करने के 6 साल बाद भी इसकी स्थिति नहीं बदली. सरकार ने इस सामान्य अस्पताल पर्याप्त चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, वार्ड बॉय के साथ मिलने वाले बजट की आज तक कोई सुनवाई नहीं की.
बाड़ी सामान्य अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर सरकारी की इस अनदेखी का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है. जिले में डेंगू का प्रकोप छाया हुआ है. बाड़ी सामान्य चिकित्सालय की अव्यवस्थाएं मरीजों की जान पर भारी पड़ती नजर आ रही हैं. बाड़ी चिकित्सालय कहने भर को उच्च स्तर की सुविधाएं देने वाला जिले का दूसरा अस्पताल है, लेकिन डेंगू जैसी मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को उचित उपचार नहीं दे पा रहा है.
मुख्यमंत्री जांच योजना के तहत चिकित्सालय में गर्भवती महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग विंडो खोली गई थीं. लेकिन स्थानीय चिकित्सालय के प्रशासन की लापरवाही के चलते एक विंडो को बंद कर गर्भवती महिलाओं को उसी विंडो पर पुरुषों के साथ धक्के खाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं सामान्य चिकित्सालय में लगने वाले सीसीटीवी कैमरों के लिए आया बजट लैप्स के कगार पर है.
वहीं सामान्य चिकित्सालय की मोर्चरी में लगने वाला विभाग द्वारा भेजा गया फ्रीजर का सामान कंडम होता जा रहा है. लापरवाही की हद तो तब हो गई जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से क्रमोन्नत होकर सामान्य चिकित्सालय का दर्जा मिलने के बावजूद भी जब से अब तक सामान्य चिकित्सालय के ऑपरेशन थिएटर को आज तक चालू नहीं किया गया है. जिससे आमजन को मिलने वाली राहत से आमजन दूर हैं.
चिकित्सालय में वर्तमान में 11 चिकित्सक कार्यरत हैं. इस समय चिकित्सालय में तैनात कई चिकित्सक छुट्टी पर हैं, वहीं मौसमी बीमारियां डेंगू, मलेरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. हाल ही में एक बीएड की छात्रा के साथ दो बच्चों की डेंगू से मौत के बाद भी चिकित्सा विभाग ने लोगों को राहत देने के उद्देश्य से कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. मरीजों को हायर सेंटर धौलपुर, आगरा और ग्वालियर के लिए रेफर किया जा रहा है. जिससे लोगों में विभाग के प्रति आक्रोश है.
कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम ने लिया अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा
सामान्य चिकित्सालय में बेटी का इलाज कराने आए युवक ने चिकित्सकों की कमी को लेकर जिला कलेक्टर को फोन पर अवगत कराया. जिसके बाद जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने मामले की जांच के लिए बाड़ी एसडीएम को सामान्य चिकित्सालय भेजा. एसडीएम बृजेश मंगल ने चौतरफा गंदगी की वजह से बीमारी में घिरे चिकित्सालय का 2 से 3 घंटे सघन निरीक्षण करने के बाद चिकित्सालय में फैली अव्यवस्थाओं की जानकारी जिला कलेक्टर को दी. जिसके बाद जिला कलेक्टर ने बाड़ी सामान्य चिकित्सालय के पीएमओ डॉ शिवदयाल मंगल को फोन कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए.
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जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल के निर्देश पर चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं को देखते हुए पीएमओ डॉ शिवदयाल मंगल ने नाइट ड्यूटी वाले चिकित्सकों को दिन में बुलाकर इलाज मुहैया कराया. जिला कलेक्टर के निर्देश पर निरीक्षण के लिए गए एसडीएम को मौके पर 11 में से सिर्फ तीन चिकित्सक उपस्थित मिले. सामान्य चिकित्सालय में चिकित्सकों की अनुपस्थिति और अव्यवस्थाओं की वजह से जहां मरीजों में आक्रोश देखने को मिल रहा है तो वहीं डेंगू जैसी मौसमी बीमारी से निपटने के लिए अस्पताल में प्रबंधन नाकाफी है.