धौलपुर. जिले की जीवनदायिनी पार्वती नदी की बहने वाली अविरल धारा तेज तपन और धूप से टूट चुकी है. नदी के उद्गम स्रोत से लेकर आखिरी मंजिल तक पूरी तरह से सूख गई है. हालांकि, नदी के गहरे गड्ढों में कुछ पानी अभी भी भरा हुआ है.
पार्वती नदी के सूखने से आमजन के साथ वन्यजीवों पर संकट अधिक गहरा गया है. लंबे अंतराल के बाद इस सीजन में नदी का प्रवाह थमा हुआ है, जिसके कारण नदी के तटवर्ती इलाकों में बसे गांवों का वाटर लेवल भी काफी नीचे जा रहा है. सबसे अधिक समस्या मवेशी और पक्षियों के लिए देखी जा रही है. प्रशासन चाहे तो पानी रिलीज करा सकता है. जिले के लोगों द्वारा भी प्रशासन से मांग रखी गई है, लेकिन सरमथुरा क्षेत्र में पानी की कमी होने के कारण प्रशासन के सामने भी समस्या बनी हुई है.
गौरतलब है कि कई वर्षों के बाद इस सीजन में नदी का पानी सूख गया है. नदी का उद्गम स्रोत आंगई बांध माना जाता है. जो बसेड़ी, सैपऊ और राजाखेड़ा उपखंड इलाके में पहुंचता है. नदी के जलस्तर से करीब 5 दर्जन से अधिक गांव के इलाकों में भू-जलस्तर यथावत बना रहता है. लेकिन इस सीजन में पार्वती नदी का जलस्तर सूखने से लोगों के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है.
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नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में पशुपालक मवेशी के लिए चारे पानी की व्यवस्था नदी के माध्यम से ही करते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में मवेशी ही किसानों और ग्रामीणों का रोजगार का जरिया है. उधर, जिले में लगातार तापमान में इजाफा देखा जा रहा है. पिछले 3 दिनों से जिले का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है.
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जिसके कारण पशु-पक्षी और वन्यजीव पानी के लिए अधिक परेशान हैं. हालांकि, जिले के लोगों ने आंगई बांध से पार्वती नदी में पानी रिलीज करने की मांग रखी है, लेकिन आंगई बांध में भी पानी की आवक पिछले वर्ष कम देखी गई थी. स्थानीय लोगों ने बताया जल्दी बारिश नहीं हुई तो मवेशी को पालना मुश्किल हो जाएगा.