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सिलिकोसिस रोगियों को समय रहते मिले उपचार एवं सुविधाएं, अन्यथा की जाएगी उचित कार्रवाई : कलेक्टर

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Published : Jun 14, 2021, 10:44 PM IST

धौलपुर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को जिला कलेक्टर ने बैठक ली. बैठक में उन्होंने कहा कि जिले में सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित कोई भी व्यक्ति सरकारी सहायता से वंचित नहीं रहे इसके लिए निर्देश दिए हैं. रोगियों के सर्वे व प्रमाणीकरण एवं सहायता राशि के भुगतान की कार्रवाई के बारे में जाना और आवश्यक निर्देश दिए.

meeting in dholpur,  silicosis
कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक

धौलपुर. जिला कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में सिलिकोसिस के संबंध में बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में उन्होंने कहा कि जिले में सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित कोई भी व्यक्ति सरकारी सहायता से वंचित नहीं रहे इसके लिए निर्देश दिए हैं. रोगियों के सर्वे व प्रमाणीकरण एवं सहायता राशि के भुगतान की कार्रवाई के बारे में जाना और आवश्यक निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के आदेशानुसार सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सिलिकोसिस प्रकरणों की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिये. राज्य सरकार की सिलिकोसिस पीड़ितों को समय पर सरकारी राहत पहुंचाना प्रमुख प्राथमिकता है. इसके लिए पूरे जिले में सर्वे कराकर रोगियों को चिह्नित कर प्रमाणीकरण एवं सहायता राशि के भुगतान की कार्यवाही के बारे में जाना और आवश्यक निर्देश दिए.

उन्होंने उप जिला अस्पताल बाड़ी, बसेड़ी एवं सरमथुरा सीएचसी प्रभारियों को स्क्रिनिंग कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए. कौताही बरतने पर उनको कारण बताओं नोटिस जारी किए जाए. मेडिकल बोर्ड के सदस्यों द्वारा प्रतिदिन चिन्हित किए जाने वाले सिलिकोसिस पीड़ित व्यक्तियों के अपने समक्ष एक्सरे करवाकर कार्रवाई कि जाए. इस कार्य में लगे बाहरी व्यक्तियों की संलिप्तता पाए जाने पर उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सिलिकोसिस से मृत्यु होने वाले मामलों में शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए एवं उनके आश्रितों से आवेदन पत्रा लेकर निस्तारण करें. श्रम विभाग एवं खनिज विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर समस्त प्रकरणों का निस्तारण करना सुनिश्चित करें. पोर्टल पर अपलोड कर पीड़ितों को नियमानुसार सहायता मुहैया कराई जाएगी. उन्होंने सिलिकोसिस के लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए खनन एवं श्रम के सभी प्रमाणित प्रकरणों में भुगतान करने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना में आंशिक बदलाव

मुख्यमंत्राी चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले, इसके लिए योजना से निजी अस्पतालों के जुड़ने की प्रक्रिया के प्रावधानों में आंशिक बदलाव किया गया है. मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी अरुणा राजोरिया ने बताया कि अब योजना से जोड़ने के लिए निजी अस्पताल के प्रदेश में कम से कम दो साल तक कार्यरत होने की शर्त को घटाकर एक साल कर दिया गया है. वही योजना से जुड़ने के लिए सुपर स्पेशलिटी सेवा वाले निजी अस्पताल का प्रदेश में केवल 6 महीने ही कार्यरत होना आवश्यक होगा.

पढ़ें- धौलपुर में पुलिस के हत्थे चढ़े 2 शातिर मोबाइल चोर

प्रदेश के 11 अति पिछड़े जिलों में ज्यादा से ज्यादा लाभार्थी स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ें और उन्हें सरकारी के साथ प्राइवेट अस्पतालों में निशुल्क और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिलें, इसके लिए इन जिलों में एक साल और 6 महीने वाली शर्त भी लागू नही होगी. इस प्रावधान के बाद और अधिक संख्या में निजी अस्पताल योजना में जुड़ पाएंगे जिसका सीधा लाभ योजना में पंजीकृत परिवारों को मिलेगा. अपने गांव-कस्बे के पास ही बड़ी संख्या में उसे निशुल्क चिकित्सा का लाभ लेने के लिए सरकारी और निजी अस्पताल मिल पाएंगे.

सुपर स्पेशिलिटी सेवा वाले निजी अस्पताल के प्रदेश में केवल 6 महीने कार्यरत करने के नए प्रावधान के बाद अब कई बड़े सुपर स्पेशिलिटी सेवा वाले निजी अस्पताल योजना से जुड़ पाएंगे. प्रदेश में अब तक योजना से 749 सरकारी और 365 निजी अस्पताल जुड़ कर लाभार्थियों को निःशुल्क चिकित्सा का लाभ दे रहे है. ऐनस्थेटिक के ऑन कॉल तीन ही सम्बद्ध अस्पतालों से सेवाएं देने की शर्त को बढ़ाकर पांच किया, जनरल मेडिसिन स्पेशिलिटी को मरीज और अस्पतालो की सुविधा के लिए पांच श्रेणियों में बांटा है.

पानी की समस्या को लेकर उप जिला कलेक्टर को ज्ञापन

धौलपुर जिले के बाड़ी उपखंड पर नगर पालिका क्षेत्र में आमजन की मूलभूत सुविधा में शामिल पीने के पानी की समस्या के समाधान के लिए सोमवार को भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अजय सिंह परमार उर्फ बॉबी परमार और बाड़ी मंडल अध्यक्ष दिनेश मामा के नेतृत्व में भाजपाइयों ने बाड़ी उप जिला कलेक्टर राधेश्याम मीणा को एक ज्ञापन सौंपकर समस्या के समाधान की मांग की है.

धौलपुर. जिला कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में सिलिकोसिस के संबंध में बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में उन्होंने कहा कि जिले में सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित कोई भी व्यक्ति सरकारी सहायता से वंचित नहीं रहे इसके लिए निर्देश दिए हैं. रोगियों के सर्वे व प्रमाणीकरण एवं सहायता राशि के भुगतान की कार्रवाई के बारे में जाना और आवश्यक निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के आदेशानुसार सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सिलिकोसिस प्रकरणों की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिये. राज्य सरकार की सिलिकोसिस पीड़ितों को समय पर सरकारी राहत पहुंचाना प्रमुख प्राथमिकता है. इसके लिए पूरे जिले में सर्वे कराकर रोगियों को चिह्नित कर प्रमाणीकरण एवं सहायता राशि के भुगतान की कार्यवाही के बारे में जाना और आवश्यक निर्देश दिए.

उन्होंने उप जिला अस्पताल बाड़ी, बसेड़ी एवं सरमथुरा सीएचसी प्रभारियों को स्क्रिनिंग कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए. कौताही बरतने पर उनको कारण बताओं नोटिस जारी किए जाए. मेडिकल बोर्ड के सदस्यों द्वारा प्रतिदिन चिन्हित किए जाने वाले सिलिकोसिस पीड़ित व्यक्तियों के अपने समक्ष एक्सरे करवाकर कार्रवाई कि जाए. इस कार्य में लगे बाहरी व्यक्तियों की संलिप्तता पाए जाने पर उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सिलिकोसिस से मृत्यु होने वाले मामलों में शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए एवं उनके आश्रितों से आवेदन पत्रा लेकर निस्तारण करें. श्रम विभाग एवं खनिज विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर समस्त प्रकरणों का निस्तारण करना सुनिश्चित करें. पोर्टल पर अपलोड कर पीड़ितों को नियमानुसार सहायता मुहैया कराई जाएगी. उन्होंने सिलिकोसिस के लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए खनन एवं श्रम के सभी प्रमाणित प्रकरणों में भुगतान करने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना में आंशिक बदलाव

मुख्यमंत्राी चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले, इसके लिए योजना से निजी अस्पतालों के जुड़ने की प्रक्रिया के प्रावधानों में आंशिक बदलाव किया गया है. मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी अरुणा राजोरिया ने बताया कि अब योजना से जोड़ने के लिए निजी अस्पताल के प्रदेश में कम से कम दो साल तक कार्यरत होने की शर्त को घटाकर एक साल कर दिया गया है. वही योजना से जुड़ने के लिए सुपर स्पेशलिटी सेवा वाले निजी अस्पताल का प्रदेश में केवल 6 महीने ही कार्यरत होना आवश्यक होगा.

पढ़ें- धौलपुर में पुलिस के हत्थे चढ़े 2 शातिर मोबाइल चोर

प्रदेश के 11 अति पिछड़े जिलों में ज्यादा से ज्यादा लाभार्थी स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ें और उन्हें सरकारी के साथ प्राइवेट अस्पतालों में निशुल्क और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिलें, इसके लिए इन जिलों में एक साल और 6 महीने वाली शर्त भी लागू नही होगी. इस प्रावधान के बाद और अधिक संख्या में निजी अस्पताल योजना में जुड़ पाएंगे जिसका सीधा लाभ योजना में पंजीकृत परिवारों को मिलेगा. अपने गांव-कस्बे के पास ही बड़ी संख्या में उसे निशुल्क चिकित्सा का लाभ लेने के लिए सरकारी और निजी अस्पताल मिल पाएंगे.

सुपर स्पेशिलिटी सेवा वाले निजी अस्पताल के प्रदेश में केवल 6 महीने कार्यरत करने के नए प्रावधान के बाद अब कई बड़े सुपर स्पेशिलिटी सेवा वाले निजी अस्पताल योजना से जुड़ पाएंगे. प्रदेश में अब तक योजना से 749 सरकारी और 365 निजी अस्पताल जुड़ कर लाभार्थियों को निःशुल्क चिकित्सा का लाभ दे रहे है. ऐनस्थेटिक के ऑन कॉल तीन ही सम्बद्ध अस्पतालों से सेवाएं देने की शर्त को बढ़ाकर पांच किया, जनरल मेडिसिन स्पेशिलिटी को मरीज और अस्पतालो की सुविधा के लिए पांच श्रेणियों में बांटा है.

पानी की समस्या को लेकर उप जिला कलेक्टर को ज्ञापन

धौलपुर जिले के बाड़ी उपखंड पर नगर पालिका क्षेत्र में आमजन की मूलभूत सुविधा में शामिल पीने के पानी की समस्या के समाधान के लिए सोमवार को भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अजय सिंह परमार उर्फ बॉबी परमार और बाड़ी मंडल अध्यक्ष दिनेश मामा के नेतृत्व में भाजपाइयों ने बाड़ी उप जिला कलेक्टर राधेश्याम मीणा को एक ज्ञापन सौंपकर समस्या के समाधान की मांग की है.

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