धौलपुर. राजस्थान सरकार ने हाल ही में आदेश पारित कर जिला मुख्यालय पर अंग्रेजी माध्यम का स्कूल तो खोल दिया, लेकिन उन स्कूलों से ताल्लुक रखने वाले अन्य चार स्कूलों के बच्चों को बीच मझधार में छोड़ दिया गया है. ऐसे में इन चारों विद्यालयों के बच्चें और उनके अभिभावक भविष्य को लेकर चिंतित हैं.
राज्य सरकार ने धौलपुर जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सिटी कोतवाली का नाम बदलकर महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) कर दिया है. लेकिन सिटी कोतवाली से सम्बद्ध राजकीय प्राथमिक विद्यालय किरी, प्राथमिक विद्यालय तलाशी, प्राथमिक विद्यालय वार्ड 23 और उच्च प्राथमिक विद्यालय सिटी जुबली हॉल को बंद कर दिया है. जिसके चलते इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चें पढ़ने नहीं जा रहे हैं और इन विद्यालयों में पढऩे वाले हिन्दी माध्यम के बच्चो को तुरंत प्रभाव से टीसी दी जा रही है. जबकि हिन्दी माध्यम के अन्य राजकीय विद्यालयों की दूरी कम से कम दो से तीन किलोमीटर दूर है.
बच्चों के परिजनों ने बताया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय परिसर किरी में 110 का नामांकन दर्ज है. यहां अधिकांश मजदूर वर्ग के अनुसूचित जाति वाले सामुदायिकता का क्षेत्र है. मजदूर वर्ग के लोग निजी स्कूलों की भारी भरकम फीस भरने में असमर्थ हैं, वहीं वे अब 6 से 10 वर्ष तक के छोटे बच्चों को दो-तीन किलोमीटर दूर अकेले विद्यालय भेजने में भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
बच्चों के अभिवावकों का कहना हैं कि एक ओर जहां सरकार शिक्षा में नवाचार और नवीन योजनाएं लागू कर रही हैं और 6 से 14 वर्ष के बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिर्वाय शिक्षा दिलाने के वादे कर रही है. वहीं धरातलीय सर्वे किए बिना उक्त योजना को लागू करने व हिन्दी माध्यम के परिसरों को बंद करने से 300 से 450 बच्चे प्रारंभिक शिक्षा छोडऩे को मजबूर हैं.