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धौलपुर: हिंदी माध्यम के स्कूल बंद करने से करीब 400 बच्चें स्कूल छोड़ने को मजबूर

राज्य सरकार ने धौलपुर जिले में अंग्रेजी माध्यम की स्कूल खोलने के लिए हिंदी माध्यम की कई स्कूलों को बंद कर दिया जिससे सिटी कोतवाली से संबंधित कई सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अब अधर में झूल रहे हैं. तकरीबन 400 बच्चों को स्कूल छोड़ने पर विवश होना पड़ रहा हैं.

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Published : Jul 9, 2019, 9:21 PM IST

हिंदी माध्यम के विद्यार्थी स्कूल छोड़ने को मजबूर

धौलपुर. राजस्थान सरकार ने हाल ही में आदेश पारित कर जिला मुख्यालय पर अंग्रेजी माध्यम का स्कूल तो खोल दिया, लेकिन उन स्कूलों से ताल्लुक रखने वाले अन्य चार स्कूलों के बच्चों को बीच मझधार में छोड़ दिया गया है. ऐसे में इन चारों विद्यालयों के बच्चें और उनके अभिभावक भविष्य को लेकर चिंतित हैं.

हिंदी माध्यम के विद्यार्थी स्कूल छोड़ने को मजबूर

राज्य सरकार ने धौलपुर जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सिटी कोतवाली का नाम बदलकर महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) कर दिया है. लेकिन सिटी कोतवाली से सम्बद्ध राजकीय प्राथमिक विद्यालय किरी, प्राथमिक विद्यालय तलाशी, प्राथमिक विद्यालय वार्ड 23 और उच्च प्राथमिक विद्यालय सिटी जुबली हॉल को बंद कर दिया है. जिसके चलते इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चें पढ़ने नहीं जा रहे हैं और इन विद्यालयों में पढऩे वाले हिन्दी माध्यम के बच्चो को तुरंत प्रभाव से टीसी दी जा रही है. जबकि हिन्दी माध्यम के अन्य राजकीय विद्यालयों की दूरी कम से कम दो से तीन किलोमीटर दूर है.

बच्चों के परिजनों ने बताया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय परिसर किरी में 110 का नामांकन दर्ज है. यहां अधिकांश मजदूर वर्ग के अनुसूचित जाति वाले सामुदायिकता का क्षेत्र है. मजदूर वर्ग के लोग निजी स्कूलों की भारी भरकम फीस भरने में असमर्थ हैं, वहीं वे अब 6 से 10 वर्ष तक के छोटे बच्चों को दो-तीन किलोमीटर दूर अकेले विद्यालय भेजने में भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

बच्चों के अभिवावकों का कहना हैं कि एक ओर जहां सरकार शिक्षा में नवाचार और नवीन योजनाएं लागू कर रही हैं और 6 से 14 वर्ष के बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिर्वाय शिक्षा दिलाने के वादे कर रही है. वहीं धरातलीय सर्वे किए बिना उक्त योजना को लागू करने व हिन्दी माध्यम के परिसरों को बंद करने से 300 से 450 बच्चे प्रारंभिक शिक्षा छोडऩे को मजबूर हैं.

धौलपुर. राजस्थान सरकार ने हाल ही में आदेश पारित कर जिला मुख्यालय पर अंग्रेजी माध्यम का स्कूल तो खोल दिया, लेकिन उन स्कूलों से ताल्लुक रखने वाले अन्य चार स्कूलों के बच्चों को बीच मझधार में छोड़ दिया गया है. ऐसे में इन चारों विद्यालयों के बच्चें और उनके अभिभावक भविष्य को लेकर चिंतित हैं.

हिंदी माध्यम के विद्यार्थी स्कूल छोड़ने को मजबूर

राज्य सरकार ने धौलपुर जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सिटी कोतवाली का नाम बदलकर महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) कर दिया है. लेकिन सिटी कोतवाली से सम्बद्ध राजकीय प्राथमिक विद्यालय किरी, प्राथमिक विद्यालय तलाशी, प्राथमिक विद्यालय वार्ड 23 और उच्च प्राथमिक विद्यालय सिटी जुबली हॉल को बंद कर दिया है. जिसके चलते इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चें पढ़ने नहीं जा रहे हैं और इन विद्यालयों में पढऩे वाले हिन्दी माध्यम के बच्चो को तुरंत प्रभाव से टीसी दी जा रही है. जबकि हिन्दी माध्यम के अन्य राजकीय विद्यालयों की दूरी कम से कम दो से तीन किलोमीटर दूर है.

बच्चों के परिजनों ने बताया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय परिसर किरी में 110 का नामांकन दर्ज है. यहां अधिकांश मजदूर वर्ग के अनुसूचित जाति वाले सामुदायिकता का क्षेत्र है. मजदूर वर्ग के लोग निजी स्कूलों की भारी भरकम फीस भरने में असमर्थ हैं, वहीं वे अब 6 से 10 वर्ष तक के छोटे बच्चों को दो-तीन किलोमीटर दूर अकेले विद्यालय भेजने में भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

बच्चों के अभिवावकों का कहना हैं कि एक ओर जहां सरकार शिक्षा में नवाचार और नवीन योजनाएं लागू कर रही हैं और 6 से 14 वर्ष के बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिर्वाय शिक्षा दिलाने के वादे कर रही है. वहीं धरातलीय सर्वे किए बिना उक्त योजना को लागू करने व हिन्दी माध्यम के परिसरों को बंद करने से 300 से 450 बच्चे प्रारंभिक शिक्षा छोडऩे को मजबूर हैं.

Intro:राजस्थान सरकार ने हाल ही में आदेश पारित कर निजी विद्यालयों की होड करते हुए धौलपुर जिला मुख्यालय पर अंग्रेजी माध्यम का स्कूल तो खोल दिया,लेकिन उन स्कूलों से ताल्लुक रखने वाले अन्य चार स्कूलों के बच्चों को बीच मझदार में छोड़ दिया है। ऐसे में इन चारों विद्यालयों के बच्चे और उनके अभिवावक भविष्य को लेकर चिंतित है।


Body:राज्य सरकार ने धौलपुर जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सिटी कोतवाली का नाम बदलकर महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) कर दिया है। लेकिन सिटी कोतवाली से सम्बद्ध राजकीय प्राथमिक विद्यालय किरी,प्राथमिक विद्यालय तलाशी,प्राथमिक विद्यालय वार्ड 23 और उच्च प्राथमिक विद्यालय सिटी जुबली हॉल को बंद कर दिया है। जिसके चलते इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे पढ़ने नहीं जा रहे हैं और इन विद्यालयों में पढऩे वाले हिन्दी माध्यम के बच्चो को तुरंत प्रभाव से टीसी दी जा रही है। जबकि हिन्दी माध्यम के अन्य राजकीय विद्यालयों की दूरी कम से कम दो से तीन किलोमीटर दूर है। बच्चो के परिजनों ने बताया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय परिसर किरी में 110 का नामांकन दर्ज है। यहाँ अधिकांश मजदूर वर्ग के अनुसूचित जाति वाले सामुदायिकता का क्षेत्र है। मजदूर वर्ग के लोग निजी स्कूलों की भारी भरकम फीस भरने में असमर्थ हैं,वहीं वे 6 से 10 वर्ष तक के छोटे बच्चों को दो-तीन किलोमीटर दूर अकेले विद्यालय भेजने में भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। 



Conclusion:बच्चों के अभिवावकों का कहना हैं कि एक ओर जहां सरकार शिक्षा में नवाचार एवं नवीन योजनाएं लागू कर रही हैं और 6 से 14 वर्ष के बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिर्वाय शिक्षा दिलाने के वादे कर रही है। वहीं धरातलीय सर्वे किए बिना उक्त योजना को लागू करने व हिन्दी माध्यम के परिसरों को बंद करने से 300 से 450 बच्चे प्रारंभिक शिक्षा छोडऩे को मजबूर हैं। 
Byte:-1,गुड्डी,परिजन 
Byte:-2,प्रेमवती,परिजन 
Byte:-3,कृष्णवीर सिंह,जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक धौलपुर
Report
Neeraj Sharma
Dholpur


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