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धौलपुर में श्रद्धा पूर्वक मनाया गया नाग पंचमी का पर्व

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Published : Jul 10, 2020, 9:19 PM IST

धौलपुर में शुक्रवार को महिलाओं ने नाग पंचमी का पर्व आस्था और श्रद्धा पूर्वक मनाया. ऐसे में महिलाओं और युवतियों ने नए-नए परिधान पहनकर नाग देवता की पूजा अर्चना की. साथ ही घर-परिवार की सलामती की मनौती भी मांगी.

नाग पंचमी का पर्व, Nag Panchami festival
श्रद्धा पूर्वक मनाया गया नाग पंचमी का पर्व

धौलपुर. जिले में शुक्रवार को भाई पंचमी अर्थात नाग पंचमी मनाई गई. इस मौके पर महिलाओं ने करील के पौधों को बिल मानते हुए नागों की पूजा की. साथ ही घर-परिवार की सलामती की मनौती भी मांगी. शुक्रवार को महिलाएं रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर समूह में गीत गाती हुई मंदिरो के आस-पास पहुंची. वहां झाड़ियों के आसपास सांप के बिलों के पास पूजा-अर्चना की गई.

जिले में शुक्रवार को महिलाओं ने नाग पंचमी का पर्व आस्था और श्रद्धा पूर्वक मनाया. महिलाओं और युवतियों ने नए-नए परिधान पहनकर नाग देवता की पूजा अर्चना की. इस मौके पर महिलाओं और युवतियों द्वारा जमीन और कागज पर नाग की आकृति बनाई गई.

श्रद्धा पूर्वक मनाया गया नाग पंचमी का पर्व

सर्प के बिलों के आसपास दूध चढ़ाया गया और भीगे हुए चने चढाएं गए. साथ ही नाग देवता की कथा श्रवण की गई. बाद में घरों से बनाकर लाए गए पकवान भी नाग देवता को अर्पित किए गए. बता दें कि भइया पंचमी को नाग पंचमी भी कहते हैं. इस दिन नागों को पूजने की परंपरा है.

पढ़ेंः महाराणा प्रताप के तथ्यों से छेड़छाड़ मामले में CM गहलोत की सफाई, कहा- वे सभी के प्रेरणास्त्रोत

लोक मान्यता है कि किसी महिला के भाई नहीं था. उसने नाग को बताया तो नाग ने भाई धर्म को निभाने का वादा किया और विपरीत स्थितियों में भाई का रिश्ता निभाया. इस कारण नाग पंचमी पर महिलाएं नागों की पूजा करती हैं. नाग पंचमी का पर्व जिले भर में महिलाओं ने श्रद्धा पूर्वक मनाया. पकवान बनाकर और कच्चा दूध लेकर सर्प के ब्लॉक के पास रखा गया. जिसे नाग देवता के लिए अर्पित किया गया. वैसे देखा जाए तो नागपंचमी की कई कथाएं देश के अलग-अलग हिस्सों में कई प्रकार से प्रचलित हैं.

धौलपुर. जिले में शुक्रवार को भाई पंचमी अर्थात नाग पंचमी मनाई गई. इस मौके पर महिलाओं ने करील के पौधों को बिल मानते हुए नागों की पूजा की. साथ ही घर-परिवार की सलामती की मनौती भी मांगी. शुक्रवार को महिलाएं रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर समूह में गीत गाती हुई मंदिरो के आस-पास पहुंची. वहां झाड़ियों के आसपास सांप के बिलों के पास पूजा-अर्चना की गई.

जिले में शुक्रवार को महिलाओं ने नाग पंचमी का पर्व आस्था और श्रद्धा पूर्वक मनाया. महिलाओं और युवतियों ने नए-नए परिधान पहनकर नाग देवता की पूजा अर्चना की. इस मौके पर महिलाओं और युवतियों द्वारा जमीन और कागज पर नाग की आकृति बनाई गई.

श्रद्धा पूर्वक मनाया गया नाग पंचमी का पर्व

सर्प के बिलों के आसपास दूध चढ़ाया गया और भीगे हुए चने चढाएं गए. साथ ही नाग देवता की कथा श्रवण की गई. बाद में घरों से बनाकर लाए गए पकवान भी नाग देवता को अर्पित किए गए. बता दें कि भइया पंचमी को नाग पंचमी भी कहते हैं. इस दिन नागों को पूजने की परंपरा है.

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लोक मान्यता है कि किसी महिला के भाई नहीं था. उसने नाग को बताया तो नाग ने भाई धर्म को निभाने का वादा किया और विपरीत स्थितियों में भाई का रिश्ता निभाया. इस कारण नाग पंचमी पर महिलाएं नागों की पूजा करती हैं. नाग पंचमी का पर्व जिले भर में महिलाओं ने श्रद्धा पूर्वक मनाया. पकवान बनाकर और कच्चा दूध लेकर सर्प के ब्लॉक के पास रखा गया. जिसे नाग देवता के लिए अर्पित किया गया. वैसे देखा जाए तो नागपंचमी की कई कथाएं देश के अलग-अलग हिस्सों में कई प्रकार से प्रचलित हैं.

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