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धौलपुर में बीती रात बारिश, किसानों को राहत, मौसम नहीं खुला तो सरसों और आलू फसल में नुकसान की भी संभावना

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Published : Dec 13, 2019, 1:29 PM IST

धौलपुर जिले में बीती रात बारिश हुई. जिससे मौसम में ठंडक घुल गई. वहीं किसान इस बारिश को मावठ के रूप में देख रहे हैं. वहीं जोधपुर जिले के भोपालगढ़ में मौसम के बदले मिजाज के बाद चली ठंडी हवाओं ने आमजन को ठिठुरा दिया.

Last night rains in Dhaulpur, relief to farmers, rain in Bhopalgarh, fog in Bhopalgarh, भोपालगढ़ में ठंडी हवाएं, धौलपुर में बारिश
धौलपुर में बारिश तो भोपालगढ़ में सर्द हवाओं ने ठिठुराया

धौलपुर. जिले में बीती रात बादल जमकर बरसे. जिले में सुबह से ही मौसम के बदले मिजाज के चलते ठंडक घुल गई. जिससे आमजन का जनजीवन प्रभावित नजर आया. रात में हुई बारिश किसानों के लिए मावठ के रूप में देखी जा रही है. हालांकि, सरसों और आलू की फसल में मामूली नुकसान की भी सम्भावना जताई जा रही है. फिर भी किसानों के लिए यह बारिश राहत बनकर बरसी है. जिससे किसानों के चेहरों पर रौनक देखी जा रही है. गेंहू और चना फसल के के लिए बारिश अमृत मानी जा रही है.

धौलपुर में बारिश तो भोपालगढ़ में सर्द हवाओं ने ठिठुराया

गौरतलब है कि दो दिन से खराब चल रहे मौसम ने आखिर बीती रात अपना असर दिखा दिया. आसमान में बादलों की घनघोर घटाएं छाने के बाद जमकर बारिश हुई. जिससे जिले के अन्नदाताओं को बड़ी राहत मिली है. हालांकि, सरसों एवं आलू फसल में बारिश मामूली नुकसान के रूप में देखी जा रही है. लेकिन आगे आने वाले समय में मौसम समय पर खुल जाता है तो सरसों और आलू के लिए फिर बारिश लाभकारी साबित होगी.

यह भी पढ़ें : मौसम: प्रदेश के कई इलाकों में बारिश-बूंदाबांदी के बीच गिरे ओले, ठंडी हवाओं ने ठिठुराया

किसान लज्जाराम ने बताया कि यह बारिश अन्नदाता के लिए मावठ के रूप में देखी जा रही है. रबी की प्रमुख फसलों जिनमें गेंहू, मटर और चने के लिए बारिश अमृत बनकर बरसी है. सरसों और आलू की फसल में किसान पूर्व में पानी लगा चुका था. ऐसे में खेतों में आद्रता और नमी पहले से मौजूद रही. लिहाजा और बारिश से सरसों फसल में तना गलन और फंगी साइड रोग की संभावना बढ़ जाएगी. वहीं आलू में भी तना गलन रोग दस्तक दे सकता है. लेकिन यह मौसम के मिजाज पर निर्भर करता है. अगर मौसम समय से खुल गया तो सभी फसलों के लिए बारिश अमृत साबित होगी.

गेंहू, चना और मटर फसल के लिए बारिश ने बड़ी राहत प्रदान की है. किसान करीब एक माह पूर्व इन फसलों में पलेवा के पानी को लगा चुका है. ऐसे में दूसरे पानी की सख्त जरूरत थी. लिहाजा, आसमान से बादलों की रहमत से किसानों को बड़ी राहत मिली है. जिससे किसानों के चेहरे खिले हुए है.

बारिश से मौसम में घुली ठंडक

बीती रात हुई बारिश से जिले के मौसम का मिजाज एकदम विपरीत हो गया. कड़ाके की सर्दी से आमजन की दिनचर्या पर भारी असर देखा गया. अधिकांश लोग घरों में दुबके नजर आए. वहीं सर्दी से बचाव के लिए अलाव का सहारा लेते दिखे. वहीं हाइवे और सड़कों पर वाहनों की रफ्तार काफी धीमी देखी गई. स्कूल जाने वाले बच्चों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. आमजन के साथ वन्यजीव एवं मवेशियों पर भी कड़ाके के सर्दी का असर देखा गया.

पशुपालकों की मानें तो मवेशी पालन में भारी परेशानी हो रही है. उधर, बारिश से चारे के खराबे की भी संभावना बनी हुई है. जिससे किसानों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है. किसानों ने बताया कि अभी तक की बारिश फसल की दृष्टि से लाभकारी और असरकारक मानी जा रही है. रबी की सभी फसलों के लिए बारिश अमृत बनकर बरसी है. अगर मौसम समय पर नहीं खुला तो सरसों और आलू की फसल रोग की चपेट में आ सकती है.

भोपालगढ़ : ठंडी हवाओं ने ठिठुराया

भोपालगढ़ (जोधपुर). गुरुवार को बारिश के बाद शुक्रवार को भोपालगढ़ क्षेत्र में बर्फीली ठंडी हवाओं का दौर शुरू होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त नजर आया. लोग घरों में ही दुबके रहे. भोपालगढ़ में ओले गिरने के बाद तापमान में खासी गिरावट देखी गई. शुक्रवार को ठंडी हवा चली. बादलों के छाए रहने और अरब सागर की ओर से आ रही नमी भरी हवा चलने से ठंडक का असर बढ़ गया. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार दो-तीन दिन में मौसम साफ हो सकता है. इसके बाद तापमान में गिरावट आने की संभावना है. वहीं शुक्रवार सुबह से धुंध छाई रही. धुंध साफ हुई तो बादल छाए रहे. इसकी वजह से दोपहर बाद सूर्य देव के दर्शन हो पाए. ठंडी हवा चलने से आमजन गर्म व ऊनी कपड़ों में नजर आए.

धौलपुर. जिले में बीती रात बादल जमकर बरसे. जिले में सुबह से ही मौसम के बदले मिजाज के चलते ठंडक घुल गई. जिससे आमजन का जनजीवन प्रभावित नजर आया. रात में हुई बारिश किसानों के लिए मावठ के रूप में देखी जा रही है. हालांकि, सरसों और आलू की फसल में मामूली नुकसान की भी सम्भावना जताई जा रही है. फिर भी किसानों के लिए यह बारिश राहत बनकर बरसी है. जिससे किसानों के चेहरों पर रौनक देखी जा रही है. गेंहू और चना फसल के के लिए बारिश अमृत मानी जा रही है.

धौलपुर में बारिश तो भोपालगढ़ में सर्द हवाओं ने ठिठुराया

गौरतलब है कि दो दिन से खराब चल रहे मौसम ने आखिर बीती रात अपना असर दिखा दिया. आसमान में बादलों की घनघोर घटाएं छाने के बाद जमकर बारिश हुई. जिससे जिले के अन्नदाताओं को बड़ी राहत मिली है. हालांकि, सरसों एवं आलू फसल में बारिश मामूली नुकसान के रूप में देखी जा रही है. लेकिन आगे आने वाले समय में मौसम समय पर खुल जाता है तो सरसों और आलू के लिए फिर बारिश लाभकारी साबित होगी.

यह भी पढ़ें : मौसम: प्रदेश के कई इलाकों में बारिश-बूंदाबांदी के बीच गिरे ओले, ठंडी हवाओं ने ठिठुराया

किसान लज्जाराम ने बताया कि यह बारिश अन्नदाता के लिए मावठ के रूप में देखी जा रही है. रबी की प्रमुख फसलों जिनमें गेंहू, मटर और चने के लिए बारिश अमृत बनकर बरसी है. सरसों और आलू की फसल में किसान पूर्व में पानी लगा चुका था. ऐसे में खेतों में आद्रता और नमी पहले से मौजूद रही. लिहाजा और बारिश से सरसों फसल में तना गलन और फंगी साइड रोग की संभावना बढ़ जाएगी. वहीं आलू में भी तना गलन रोग दस्तक दे सकता है. लेकिन यह मौसम के मिजाज पर निर्भर करता है. अगर मौसम समय से खुल गया तो सभी फसलों के लिए बारिश अमृत साबित होगी.

गेंहू, चना और मटर फसल के लिए बारिश ने बड़ी राहत प्रदान की है. किसान करीब एक माह पूर्व इन फसलों में पलेवा के पानी को लगा चुका है. ऐसे में दूसरे पानी की सख्त जरूरत थी. लिहाजा, आसमान से बादलों की रहमत से किसानों को बड़ी राहत मिली है. जिससे किसानों के चेहरे खिले हुए है.

बारिश से मौसम में घुली ठंडक

बीती रात हुई बारिश से जिले के मौसम का मिजाज एकदम विपरीत हो गया. कड़ाके की सर्दी से आमजन की दिनचर्या पर भारी असर देखा गया. अधिकांश लोग घरों में दुबके नजर आए. वहीं सर्दी से बचाव के लिए अलाव का सहारा लेते दिखे. वहीं हाइवे और सड़कों पर वाहनों की रफ्तार काफी धीमी देखी गई. स्कूल जाने वाले बच्चों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. आमजन के साथ वन्यजीव एवं मवेशियों पर भी कड़ाके के सर्दी का असर देखा गया.

पशुपालकों की मानें तो मवेशी पालन में भारी परेशानी हो रही है. उधर, बारिश से चारे के खराबे की भी संभावना बनी हुई है. जिससे किसानों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है. किसानों ने बताया कि अभी तक की बारिश फसल की दृष्टि से लाभकारी और असरकारक मानी जा रही है. रबी की सभी फसलों के लिए बारिश अमृत बनकर बरसी है. अगर मौसम समय पर नहीं खुला तो सरसों और आलू की फसल रोग की चपेट में आ सकती है.

भोपालगढ़ : ठंडी हवाओं ने ठिठुराया

भोपालगढ़ (जोधपुर). गुरुवार को बारिश के बाद शुक्रवार को भोपालगढ़ क्षेत्र में बर्फीली ठंडी हवाओं का दौर शुरू होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त नजर आया. लोग घरों में ही दुबके रहे. भोपालगढ़ में ओले गिरने के बाद तापमान में खासी गिरावट देखी गई. शुक्रवार को ठंडी हवा चली. बादलों के छाए रहने और अरब सागर की ओर से आ रही नमी भरी हवा चलने से ठंडक का असर बढ़ गया. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार दो-तीन दिन में मौसम साफ हो सकता है. इसके बाद तापमान में गिरावट आने की संभावना है. वहीं शुक्रवार सुबह से धुंध छाई रही. धुंध साफ हुई तो बादल छाए रहे. इसकी वजह से दोपहर बाद सूर्य देव के दर्शन हो पाए. ठंडी हवा चलने से आमजन गर्म व ऊनी कपड़ों में नजर आए.

Intro:धौलपुर जिले में बीती रात आसमान से बदल जमकर बरसे।सुबह से ही जिले में मौसम के मिजाज में ठंडक घुल गई। जिससे आमजन का जीवन भारी प्रभावित हो गया। रात में हुई बारिश किसानों के लिए मावठ के रूप में देखी जा रही है। हालाँकि सरसों और आलू की फसल में मामूली नुकसान की भी सम्भावना दिखाई दे रही है। फिर भी किसानों के लिए बारिश राहत बनकर बरषी है। जिससे किसानों के चेहरों पर रौनक देखी जा रही है। गेंहू और चना फसल के के लिए बारिश अमृत बनकर बरषी है। 





Body:गौरतलब है कि दो दिन से ख़राब चल रहे मौसम ने आखिर बीती रात अपना असर दिखा दिया। आसमान में बादलों की घनघोर घटाएं छाने से जमकर बारिश हुई। जिससे जिले के अन्नदाता को बड़ी राहत मिली है। हालंकि सरसों एवं आलू फसल में बारिश मामूली नुकसान के रूप में देखि जा रही है। लेकिन आगे आने वाले समय में मौसम समय पर खुल जाता है। तो सरसों और आलू के लिए फिर बारिश लाभकृ साबित होगी। लज्जाराम ने बताया कि यह बारिश किसान अन्नदाता के लिए मावठ के रूप में देखी जा रही है। रवि की प्रमुख फसलों में जिनमे गेंहू मटर और चना के लिए बारिश अमृत बनकर बरषि है। सरसों और आलू की फसल में किसान पूर्व में पानी लगा चुका था। ऐसे में खेतों में आद्रता और नमी पहले से मौजूद रही। लिहाजा और बारिश से सरसों फसल में तना गलन और फंगी साइड रोग की सम्भावना बन रही है। वही आलू में भी तना गलन रोग दस्तक दे सकता है। लेकिन यह मौसम के मिजाज पर निर्भर करता है। अगर मौसम समय से खुल गया तो सभी फसलों के लिए बारिश अमृत साबित होगी। गेंहू,चना और मटर फसल के लिए बारिश ने बड़ी राहत प्रदान की है। किसान लगभग एक माह पूर्व इन फसलों में पलेवा के पानी को लगा चुका है। ऐसे में दूसरे पानी की सख्त जरूरत थी।लिहाजा आसमान से बादलों की रहमत से किसानों को बड़ी राहत मिली है। जिससे किसानों के चेहरे खिले हुए है। 

बारिश से मौसम में खुली ठंडक 

बीती रात हुई बारिश से जिले के मौसम का मिजाज एकदम विपरीत हो गया। कड़ाके की सर्दी से आमजन की दिनचर्या पर भारी असर देखा गया। लोग अधिकांश घरों में कैद रहे। अलावों पर सर्दी से बचाव ,में लगे रहे। हाइवे और सड़कों पर वाहनों की रफ़्तार काफी धीमी देखि गई। स्कूल जाने वाले बच्चों को भी भारी परेशानी के दौर से गुजरना पपड़ा। आमजन के साथ वन्यजीव एवं मबेशी पर भी कड़ाके के सर्दी का बड़ा असर देखा गया। वही किसानों की माने तो मबेशी पालन में भारी परेशानी हो रही है। उधर बारिश से चारे के खराबे की भी सम्भावना बनी हुई है। जिससे किसानों के लिए मुसबित खड़ी हो सकती है। 




Conclusion:किसानों ने बताया अभी तक की बारिश फसल की दृष्टि से काफी लाभकारी और असरकारक मानी जा रही है.रवि की सभी फसलों के लिए बारिश अमृत बनकर बरसी है. अगर मौसम समय पर नहीं खोला तो सरसों और आलू की फसल रोग की चपेट में आ सकती है.
1,Byte;-लज्जाराम,किसान
2,Byte;-सियाराम,किसान
3,Byte;-गोपाल सिंह,किसान 
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Neeraj Sharma
Dholpur


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