धौलपुर. जिले के राजाखेड़ा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे धौलपुर जिले के डॉ.मंगल सिंह राजकीय चिकित्सालय पहुंची. जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष में वृद्धजन वार्ड में मरीजों को फल वितरित किए और मरीजों से कुशल क्षेम पूछी. पूर्व सीएम राजे ने कहा कि 17 सितंबर के दिन हमारे प्रधानमंत्री जी का जन्मदिन है. हम लोगों ने सेवा सप्ताह शुरू किया था.जो आगामी 20 सितंबर को पूरा हो जाएगा.
राजे ने कहा कि राजस्थान में 4 दिन पहले काफी अच्छी बारिश हुई थी. उसकी वजह से चंबल नदी में बाढ़ आई है. मुझे लोगों ने बताया था कि 1996 के बाद इस तरह का बाढ़ धौलपुर में नहीं आया है. पानी चौतरफा एरिया में फैला हुआ है. मैंने राजाखेड़ा इलाके के 20 से 22 गांव का दौरा कर देखा कि सभी गांव पानी से जलमग्न थे. हमने देखा कि गांव गोपालपुरा, चीलपुरा, मोहनपुरा इसके अलावा कई गांवों के लोग नाव में बैठकर अपनी दिनचर्या पूरी कर रहे हैं.
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प्रशासन ने किए सारे वादे और दावे फेल
उन्होंने कहा कि प्रशासन को जिस तरीके से मदद करनी चाहिए थी, वह नहीं हो पाई. जो लोग प्रशासन के नुमाइंदे थे, उनके लिए भी भोजन नहीं पहुंच पाया है तो आम आदमी को भोजन कैसे मिलेगा. कुछ दिन पहले धौलपुर में प्रेस कांफ्रेंस हुई थी. जिसमें प्रशासन ने कहा था कि जिन गांव में बिजली, पानी और केरोसिन की व्यवस्था नहीं है, सभी व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएंगी. प्रशासन ने यह भी दावा किया था कि भोजन के साथ पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था कराई जाएगी. इसके अलावा बाढ़ आपदा में फंसे हुए लोगों को हैलीकॉप्टर से भोजन उपलब्ध कराए जाएंगे. लेकिन सभी दावे फेल नजर आ रहे है.
लोगों को नहीं मिल पा रहा शुध्द पानी
उन्होंने कहा कि कई गांवों की बिजली कट चुकी है, इसके कारण गांव चीलपुरा और गोपालपुरा के ग्रामीणों को पीने के लिए पानी तक उपलब्ध नहीं है. मैंने गांव में जाकर खुद पानी पी कर देखा तो बहुत गंदा पानी था. प्रशासन को बिजली सेवा सुचारू कर देनी चाहिए. जिससे उनको शुद्ध पानी उपलब्ध हो सके. पूर्व सीएम ने चिकित्सा विभाग की सराहना करते हुए कहा कि व्यवस्थाएं ठीक पाई गई. चिकित्सा विभाग की तरफ से एएनएम और अन्य कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे है. बाढ़ आपदा में फंसे हुए ग्रामीणों ने भी चिकित्सा विभाग के काम की सराहना की है. वसुंधरा राजे ने चिकित्सा विभाग के इस काम के लिए धन्यवाद भी दिया. लेकिन प्रशासन की ओर से केरोसिन, चारा, भोजन के पहुंचाने की बात कही थी. वह सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस तक सीमित रही.
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नुकसान का सर्वे कराकर पीड़ितों को मुआवजा दे सरकार
राजे ने कहा कि किसी भी तरह का कोई हेल्पलाइन नंबर जारी नहीं किया गया और ना ही मदद की जा रही है. लोगों को आपदा से जूझते हुए मंगलवार तक 5 दिन गुजर गए, जनता परेशान हो रही है. सरकार और सरकार के नुमाइंदों को बहुत जल्दी संवेदनशील होना चाहिए और खुद कलेक्टर को भी मौके पर पहुंचना चाहिए. आपदा में फंसे हुए लोगों को राहत पहुंचाना सरकार की पूरी जिम्मेदारी बनती है. पूर्व सीएम राजे ने कहा भारी जलभराव से फसल पूरी तरह से चौपट हो चुकी है. लोगों के घर धराशाई हो गए. मवेशी बाढ़ में फंसे हुए है. इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को बनानी चाहिए. सरकार को फसल खराबे और अन्य नुकसान का सर्वे कराकर पीड़ितों को जल्द उचित मुआवजा देना चाहिए.
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'सरकार नहीं कर रही मदद'
राजे ने कहा कि यह कहां तक सच है यह तो मुझे नहीं पता,लेकिन लोगों ने मुझे बताया कि पैसा सरकार की तरफ से नहीं आ रहा है. जो लोग इस विपदा में काम कर रहे हैं, वे लोकल लोग काम कर रहे हैं. लेकिन सरकार दिखाई नहीं दे रही है. राजे ने कहा कि बीजेपी की तरफ से भी हम टीम बनाकर अलग-अलग गांव में भेजेंगे, जो लोग बाढ़ आपदा में फंसे हैं, उनको राहत देने की कोशिश करेंगे.