धौलपुर. जिले के सैपऊ कस्बे के भरतपुर मार्ग स्थित खाद विक्रेता की दुकान पर यूरिया की कालाबाजारी (Black marketing of Urea in Dholpur) से किसान आक्रोशित हो गए. खाद बीज विक्रेता एवं किसानों में नोकझोंक हो गई. किसानों का आरोप है कि यूरिया खाद की कालाबाजारी करने वाले विक्रेता ने 2-3 किसानों के साथ मारपीट की.
किसानों का कहना है कि खाद विक्रेता राजकुमार मित्तल निर्धारित रेट से अधिक मूल्य वसूल रहा था. किसानों के मुताबिक यूरिया खाद की सरकारी रेट 267 रुपए निर्धारित है. जबकि विक्रेता इसे 320 से 350 रुपए में बेच रहा था. किसानों के पास इसकी रसीद भी है. कुछ किसानों ने मूल्य से अधिक रुपए का भुगतान पेटीएम से भी किया है. जब किसानों की भीड़ बढ़ने से रेट को लेकर खाद विक्रेता और किसान आमने-सामने हो गए. किसानों का आरोप है कि खाद विक्रेता ने उनके साथ मारपीट की है.
किसानों ने मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर खाद विक्रेता को फटकार लगाई. करीब 1 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद समझाइस कर मामले को शांत कराया. मामले को लेकर कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर विजय सिंह चौधरी ने बताया कि 23 खाद विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. खाद विक्रेता का रिकॉर्ड जप्त कर लिया गया है.
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खाद पर नहीं थम रहा कालाबाजारी का सिलसिला
खाद यूरिया पर जिले में कालाबाजारी का सिलसिला थम नहीं रहा है. कृषि विभाग और जिला प्रशासन कितने ही दावे करे लेकिन किसानों को उचित मूल्य पर खाद यूरिया नहीं मिल रहा है. रबी फसल को किसानों ने तैयार कर दिया है, लेकिन पकाब तक फसल को पहुंचाने के लिए एड़ी से चोटी तक की ताकत झोंकनी पड़ रही है. एक तरफ मौसम की मार तो दूसरी तरफ आवारा जानवरों का फसल पर हमला, उस पर डीजल और खाद यूरिया के बढ़ते दाम, इन सब ने किसान के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है. लेकिन किसानों को पर्याप्त एवं निर्धारित रेट पर खाद यूरिया उपलब्ध कराने में सिस्टम नाकाम साबित हो रहा है.