धौलपुर. केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए कृषि बिलों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. सैकड़ों की तादात में जिले के किसानों ने लामबंद होकर कर, बाइक फोर व्हीलर और ट्रैक्टर से रैली निकालकर कृषि कानूनों का विरोध किया. केंद्र सरकार और कृषि मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया.
जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन प्रेषित कर किसानों ने तीनों कृषि बिलों को वापस लेने की मांग की है. कृषि बिलों को वापस नहीं लेने की स्थिति में किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा अगर केंद्र सरकार ने किसानों की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया तो आंदोलन को और अधिक उग्र किया जाएगा. देशव्यापी चक्का जाम के बाद बुधवार को किसानों ने लामबंद होकर बाइक, फोर व्हीलर और ट्रैक्टर रैली निकालकर कृषि बिलों का विरोध किया. ट्रैक्टर रैली के दौरान बाड़ी, सरमथुरा, बसेड़ी, सैपऊ और धौलपुर ब्लाक के अधिकांश किसान मौजूद रहे.
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किसान रैली एनएच 11बी से होते हुए धौलपुर शहर में पहुंची. रैली में भारी तादाद में ट्रैक्टर बाइक और फोर व्हीलर गाड़ियों पर राष्ट्रीय झंडा तिरंगा और किसानों का झंडा लगाते हुए प्रदर्शन किया. सैकड़ों किसानों ने शहर के मुख्य सड़क मार्गों से किसान रैली को निकालकर केंद्र सरकार को विरोध दिखाया. इस दौरान किसानों ने बताया कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान बिना सवाल जवाब किए तीन कृषि विधेयक पारित किए हैं. केंद्र सरकार ने काले कानून पारित कर किसानों को बड़ा धोखा दिया है. कृषि बिल पारित कर भारत सरकार ने मंडिया एवं किसानों के समन्वय को खत्म किया है.
उन्होंने कहा मंडियों में प्रतिस्पर्धा होने के कारण किसानों को लागत के अनुपात में उत्पादन का भाव मिलता था, लेकिन नए कृषि बिल पारित होने से देश के चंद कारपोरेट के हाथ में यह व्यवस्था जा रही है. किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी ओर से देश की हर सरकारी संस्था को बेचने का काम किया जा रहा है. देश का किसान भारतवर्ष का पालन करता है. भारत देश की की 80 फीसदी आबादी खेती पर निर्भर रहती है.
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केंद्र सरकार ने तीन नए कानून पारित कर किसानों की कमर तोड़ दी है. केंद्र सरकार किसानों के अनाज का समर्थन मूल्य तक निर्धारित नहीं कर पा रही है. किसानों ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता का दुरुपयोग कर संसद और राज्यसभा में बिना सवाल जवाब किए किसान विरोधी कानूनों को पारित किया है. जिसे देश का किसान कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता. उन्होंने कहा देश की राजधानी दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर करीब 75 दिन से कृषि बिलों के विरोध में किसानों का प्रोटेस्ट चल रहा है.
किसानों ने बताया करीब 200 किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में शहादत दी है. लेकिन केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन पर भी कुठाराघात कर रही है. देश के अन्नदाता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रियों द्वारा खालिस्तानी आतंकवादी और पाकिस्तानी बताया जा रहा है. भारत सरकार की ओर से किसानों के साथ अमानवीय कृत्य किया जा रहा है. जिसे देश का अन्नदाता कभी भी बर्दाश्त नहीं कर सकता है.
उन्होंने कहा बुधवार को सैकड़ों की तादात में किसानों ने बाइक फोर व्हीलर एवं ट्रैक्टर रैली निकालकर केंद्र सरकार को संदेश दिया है. जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन प्रेषित कर किसानों ने तीनों कृषि बिलों को वापस लेने की मांग की है. ज्ञापन के माध्यम से किसानों में चेतावनी देते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने गंभीर होकर किसानों के विरोधी बलों को वापस नहीं लिया तो सड़कों पर उतर कर आंदोलन को और अधिक उग्र किया जाएगा.