धौलपुर. जिले में सरसों, गेहूं, मटर, चना और सब्जियों की फसलें बचाने के लिए किसानों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. करीब एक महीने पहले सिंचाई विभाग ने आंगई पार्वती डैम से मुख्य नहर में पानी रिलीज किया था. पानी बसेड़ी उपखंड एवं सैपऊ उपखंड इलाके के किसानों तक ही सीमित रह गया. ऐसे में बसई नवाब उप तहसील एवं कौलारी थाना इलाके के करीब 2 दर्जन से अधिक गांव नहर के पानी की आस लगाए बैठे हैं.
पार्वती मुख्य नहर से भगोरा हेड माइनर, राजौरा खुर्द माइनर, तसिमो माइनर, कनासिल माइनर और परौआ माइनर से जुड़े गांव के किसानों को सिंचाई विभाग पानी दे रहा है. बसई नबाव और कौलारी इलाके के किसानों को पानी नहीं मिल रहा है. उधर विद्युत निगम भी बिजली की आपूर्ति सुचारू नहीं कर रहा है. जिससे किसान निजी संसाधनों पर निर्भर हो गए हैं.
किसान श्याम लाल ने बताया महंगे खाद बीज और कीटनाशक डालकर रबी फसल की बुवाई कर मंजिल तक पहुंचाया है. मौजूदा वक्त में गेहूं सरसों आलू चना मटर की फसल खेतों में लहराने लगी है. शुरुआती तौर पर फसल के लक्षण काफी अच्छे दिखाई दे रही है. रवि की सभी फसलों के पौधे अच्छी तरह अंकुरित होकर विकसित स्वरूप लेकर पकाव की स्थिति तक पहुंच रहे हैं लेकिन जिन किसानों के पास सिंचाई के खुद के संसाधन नहीं है उनको फसल पकाव तक पहुंचाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.
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किसानों ने बताया कि दिन रात एक कर रबी की फसल को तैयार की है लेकिन अब वो बर्बादी की कगार पर है. किसानों का कहना है कि ट्यूबेल द्वारा भाड़े पर पानी लेने की भी व्यवस्था है लेकिन विद्युत विभाग द्वारा पर्याप्त मात्रा में सप्लाई नहीं दी जा रही है.