धौलपुर. जिले में सरकारी दफ्तरों के साथ साथ आम उपभोक्ताओं ने बिजली तो हर माह जला ली, लेकिन बिलों भुगतान का समय पर करना भूल गए. ऐसे उपभोक्ताओं के खिलाफ अब विद्युत निगम इन दिनों वसूली अभियान चला रहा है. विद्युत निगम डिफॉल्टरों के खिलाफ नोटिस जारी कर निगम राशि हासिल करने में लगा हुआ है, लेकिन राशि 258.44 करोड़ रुपये से अधिक होने पर निगम के अधिकारियों को वसूलने में पसीने छूट रहे है. इसमें सबसे अधिक राशि के डिफॉल्टर सरकारी दफ्तर है.
शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में उपभोक्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर निगम की ओर से राशि वसूल की जा रही है या ट्रांसफार्मर उतार कर कनेक्शन काटे जा रहे है और राशि जमा कराने के लिए नोटिस भी दिए गए हैं, लेकिन जिले के सरकारी विभाग भी निगम की बकाया राशि का भुगतान नहीं कर रहे है. इसे लेकर विद्युत निगम ने नोटिस जारी कर सरकारी दफ्तरों के विद्युत कनेक्शन काटने की कवायद शुरू कर दी है.
गौरतलब है कि राजस्थान में विद्युत निगम घाटे के दौर से गुजर रहा है, लेकिन निगम को घाटे में भेजने के पीछे उपभोक्ताओं के साथ-साथ सरकारी दफ्तर भी हैं. जिले में कुल एक लाख 38 601 उपभोक्ता हैं, जिनमें से एक लाख 3023 उपभोक्ता नियमित हैं. एनडीएस उपभोक्ता 6669 हैं, कृषि उपभोक्ता 8798 हैं और कटे हुए पीडीसी कनेक्शन 20111 हैं. इन पर निगम बकाया 243.90 करोड़ रुपये हैं. 25 सरकारी विभागों पर 14.54 करोड़ रुपये बकाया है और बजट के अभाव में यह विभाग पैमेंट नहीं कर पा रहे हैं.
इसके साथ-साथ जो कनेक्शन कटे हुए हैं और डीसी-पीडीसी कनेक्शन हैं, उन पर बकाया राशि वसूलने के लिए निगम ने टीमें गठित कर दी हैं. उनको नोटिस सर्व कर दिए हैं और जो उपभोक्ता पैसा जमा नहीं करा रहे उनके कनेक्शन काट कर ट्रांसफार्मर उतारने की कार्रवाई अमल में ले जा रही हैं. विद्युत निगम ने जिले में करीब 25 विभागों से बिजली का बिल वसूलने के लिए 15 दिन का नोटिस जारी किया है.
निगम के मुताबिक 15 दिन में अगर यह पैसे जमा नहीं कराएंगे तो इनके कनेक्शन काटे जाएंगे. इन विभागों सहित अन्य विभागों पर निगम की 14.54 करोड़ रुपये बकाया राशि चल रही हैं.साथ ही घरेलू उपभोक्ताओ पर 221.80 करोड़, पीडीसी उपभोक्ताओं पर 22.10 करोड़ रुपये सहित कुल राशि 258.44 करोड़ रुपये बकाया हैं. ये राशि सरकारी महकमों पर लम्बे समय से बकाया चली आ रही है. विद्युत निगम आम उपभोक्ता के खिलाफ तो कार्रवाई कर रहा है, लेकिन सरकारी विभागों से राशि कैसे वसूल की जाएगी, ये 31 मार्च तक ही तय होगा.