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धौलपुर के पटाखा कारोबारियों की आजीविका पर संकट, सरकार से लगाई गुहार

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Published : Nov 3, 2020, 7:07 PM IST

प्रदेश सरकार की ओर से पटाखों पर प्रतिबंध लगाए जाने की वजह से सैकड़ों परिवारों पर आर्थिक संकट छा गया है. कोरोना और लॉकडाउन की वजह से ये कारोबारी पहले ही परेशान थे, वहीं अब पटाखे पर प्रतिबंध की वजह से भी उनकी समस्या और बढ़ गई है. इन कारोबारियों ने सरकार से गुहार लगाई कि प्रतिबंध को वापस लें या इस कारोबार से जुड़े परिवारों को आजीविका का कोई अन्य जरिया प्रदान करे.

धौलपुर की खबर, News of dholpur
पटाखा कारोबारियों की आजीविका पर गहराया संकट

धौलपुर. राजस्थान प्रदेश सरकार की ओर से पटाखा कारोबार और आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाए जाने से जिले के छावनी ग्राम पंचायत के सैकड़ों परिवारों की आजीविका पर रोजगार और भरण पोषण का संकट गहरा गया है. कोरोना काल में पटाखा कारोबारियों की कमर पहले ही टूट चुकी थी. लाखों की कीमत से तैयार पटाखे डैमेज हो चुके थे. अब दीपावली त्यौहार को देखते हुए साहूकारों से कर्ज लेकर गरीब पटाखा कारोबारियों ने इस कारोबार की शुरुआत की थी. लाखों रुपए की लागत से पटाखे तैयार किए गए, लेकिन हाल ही में प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर पटाखा कारोबार और आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाए जाने से इन परिवारों पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है.

पटाखा कारोबारियों की आजीविका पर गहराया संकट

लंबे समय से पटाखा कारोबारियों के परिवार इस काम को करते चले आ रहे हैं, लेकिन सरकार के आदेश से सैकड़ों पटाखा कारोबारियों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा गया है. पटाखा कारोबारी प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहते हैं कि या तो सरकार प्रतिबंध को वापस ले, या इस कारोबार से जुड़े परिवारों को आजीविका का कोई अन्य जरिया प्रदान करे. कोरोना महामारी सबसे अधिक अधिक मजदूर वर्ग के लिए शामत बनकर आई है. इस बीमारी में सबसे अधिक दुर्दशा गरीब मजदूर परिवारों की हुई है. लोगों के कारोबार और मजदूरी के धंधे पूरी तरह से चौपट हो रहे हैं.

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हालांकि केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार रोजगार सृजित करने के दावे कर रही हैं, लेकिन धरातल पर हालात उसके विपरीत दिखाई देते हैं. हाल ही में राजस्थान सरकार ने आदेश जारी कर पटाखा कारोबार और आतिशबाजी पर पूरे प्रदेश में प्रतिबंध लगा दिया है. राज्य सरकार की ओर से पटाखा कारोबार पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से ही जिले के सैकड़ों परिवारों पर रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत छावनी में सैकड़ों बरसों से पटाखा कारोबार का धंधा चला रहा है. लंबे समय से इस गांव के सैकड़ों परिवार पटाखे को कारोबार से भरण पोषण करते चले आ रहे हैं.

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आजीविका का दूसरा जरिया नहीं होने पर पटाखा कारोबार पर ही इनके परिवार आश्रित हैं. पटाखा कारोबारी मनीष खान ने बताया कि यह उनका पुश्तैनी काम है. शादी विवाह और अन्य समारोह में पटाखा कारोबार से ही उनके परिवार की आजीविका चलती है. कोरोना काल के समय में यह धंधा पूरी तरह से चौपट हो चुका है. विवाह समारोह में आतिशबाजी इस बार बिल्कुल भी नहीं की गई है, लेकिन मौजूदा वक्त में दीपावली के त्योहार को देखते हुए साहूकारों से कर्ज लेकर पटाखे बनाए थे, लेकिन राज्य सरकार ने आदेश जारी कर पटाखा और आतिशबाजी कारोबार पर प्रतिबंध लगाकर गरीब परिवारों की आजीविका को छीन लिया है.

उन्होंने कहा प्रदेश सरकार या तो इस प्रतिबंध को हटाए या पटाखा संचालित करने वाले कारोबारियों के परिवारों को आर्थिक मदद दिलाई जाए. गांव छावनी में सैकड़ों परिवार इसी कारोबार से जुड़े हुए हैं. जिनके परिवारों की आजीविका पूरी तरह से पटाखा कारोबार पर ही आश्रित बनी हुई है.

धौलपुर. राजस्थान प्रदेश सरकार की ओर से पटाखा कारोबार और आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाए जाने से जिले के छावनी ग्राम पंचायत के सैकड़ों परिवारों की आजीविका पर रोजगार और भरण पोषण का संकट गहरा गया है. कोरोना काल में पटाखा कारोबारियों की कमर पहले ही टूट चुकी थी. लाखों की कीमत से तैयार पटाखे डैमेज हो चुके थे. अब दीपावली त्यौहार को देखते हुए साहूकारों से कर्ज लेकर गरीब पटाखा कारोबारियों ने इस कारोबार की शुरुआत की थी. लाखों रुपए की लागत से पटाखे तैयार किए गए, लेकिन हाल ही में प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर पटाखा कारोबार और आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाए जाने से इन परिवारों पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है.

पटाखा कारोबारियों की आजीविका पर गहराया संकट

लंबे समय से पटाखा कारोबारियों के परिवार इस काम को करते चले आ रहे हैं, लेकिन सरकार के आदेश से सैकड़ों पटाखा कारोबारियों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा गया है. पटाखा कारोबारी प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहते हैं कि या तो सरकार प्रतिबंध को वापस ले, या इस कारोबार से जुड़े परिवारों को आजीविका का कोई अन्य जरिया प्रदान करे. कोरोना महामारी सबसे अधिक अधिक मजदूर वर्ग के लिए शामत बनकर आई है. इस बीमारी में सबसे अधिक दुर्दशा गरीब मजदूर परिवारों की हुई है. लोगों के कारोबार और मजदूरी के धंधे पूरी तरह से चौपट हो रहे हैं.

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हालांकि केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार रोजगार सृजित करने के दावे कर रही हैं, लेकिन धरातल पर हालात उसके विपरीत दिखाई देते हैं. हाल ही में राजस्थान सरकार ने आदेश जारी कर पटाखा कारोबार और आतिशबाजी पर पूरे प्रदेश में प्रतिबंध लगा दिया है. राज्य सरकार की ओर से पटाखा कारोबार पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से ही जिले के सैकड़ों परिवारों पर रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत छावनी में सैकड़ों बरसों से पटाखा कारोबार का धंधा चला रहा है. लंबे समय से इस गांव के सैकड़ों परिवार पटाखे को कारोबार से भरण पोषण करते चले आ रहे हैं.

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आजीविका का दूसरा जरिया नहीं होने पर पटाखा कारोबार पर ही इनके परिवार आश्रित हैं. पटाखा कारोबारी मनीष खान ने बताया कि यह उनका पुश्तैनी काम है. शादी विवाह और अन्य समारोह में पटाखा कारोबार से ही उनके परिवार की आजीविका चलती है. कोरोना काल के समय में यह धंधा पूरी तरह से चौपट हो चुका है. विवाह समारोह में आतिशबाजी इस बार बिल्कुल भी नहीं की गई है, लेकिन मौजूदा वक्त में दीपावली के त्योहार को देखते हुए साहूकारों से कर्ज लेकर पटाखे बनाए थे, लेकिन राज्य सरकार ने आदेश जारी कर पटाखा और आतिशबाजी कारोबार पर प्रतिबंध लगाकर गरीब परिवारों की आजीविका को छीन लिया है.

उन्होंने कहा प्रदेश सरकार या तो इस प्रतिबंध को हटाए या पटाखा संचालित करने वाले कारोबारियों के परिवारों को आर्थिक मदद दिलाई जाए. गांव छावनी में सैकड़ों परिवार इसी कारोबार से जुड़े हुए हैं. जिनके परिवारों की आजीविका पूरी तरह से पटाखा कारोबार पर ही आश्रित बनी हुई है.

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