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डूंगरपुर: प्रशासन की मेहनत लाई रंग, 13 हजार 512 कोविड लक्षणों वाले हुए चिन्हित

डूंगरपुर कलेक्टर सुरेश कुमार ओेला ने बताया कि अमूमन देखने में आ रहा था कि जिले में लोग कोरोना होने पर या तो छुपाते है अथवा प्रारंभ के चार-पांच दिनों तक लापरवाह बने रहते है, जिससे संक्रमण गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है और जब ऑक्सीजन लेवल 40 से 50 होने पर चिकित्सालय पहुंचते है तब तक गंभीर स्थिति हो जाती है.

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डूंगरपुर कलेक्टर
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Published : May 13, 2021, 9:17 PM IST

डूंगरपुर. ‘मेरा वार्ड-मेरा गांव-मेरा जिला कोरोना मुक्त’ अभियान के तहत जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने सघन अभियान चलाते हुए विगत चार दिनों में 30 अधिकारियों की ओर से क्रास निरीक्षण कर भीषण गर्मी में गांव-गांव- टापरे-टापरे पहुंचे प्रशासन की मेहनत रंग लाई. इस सघन क्रास चेक अभियान की बदौलत 13 हजार 512 कोविड संबंधित प्रारंभिक लक्षण वाले लोगों को चिन्हित किया जा सका और तत्काल ही मेडिकल कीट उपलब्ध कराने से संक्रमितों का समय पर उपचार शुरू हो सका.

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डूंगरपुर कलेक्टर

जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओेला ने बताया कि अमूमन देखने में आ रहा था कि जिले में लोग कोरोना होने पर या तो छुपाते है अथवा प्रारंभ के चार-पांच दिनों तक लापरवाह बने रहते है, जिससे संक्रमण गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है और जब ऑक्सीजन लेवल 40 से 50 होने पर चिकित्सालय पहुंचते है तब तक गंभीर स्थिति हो जाती है.

पढ़ें- विधायक मरीज बनकर पहुंचा सरकारी अस्पताल, सामने आई ये हकीकत...

ऐसे में जिला प्रशासन के द्वारा जिले में चिकित्सा आपके द्वार अभियान तथा इसकी धरातलीय क्रास चैकिंग कराते हुए चार दिन का सघन अभियान चलाया गया. इस अभियान का उद्देश्य ऐसे लोग जो प्रारंभिक लक्षण के बावजूद चिकित्सालय नही. पहुंच रहे है अथवा लापरवाह बने हुए है, ऐसे लोगों को चिन्हित कर गंभीर संक्रमण की ओर जाने से बचाना तथा समय पर चिकित्सा उपलब्ध करवाना था. इसके साथ ही बाहर से आये प्रवासियों को होम क्वारेंटीन कर प्रभावी मॉनिटरिंग करना, अधिक लक्षणों वालों को चिकित्सालय तक पहुंचाना तथा प्रारंभिक लक्षणों वालों को होम क्वारेंटीन करना था.

चार दिन सघन अभियान, 838 टीमें पहुंची गांव-गांव

अभियान के तहत जिले में कुल 838 टीमें लगाई गई तथा इन टीमों में नियुक्त अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा गांव-गांव कोर कमेटियों, सरपंच, वार्ड पंच, पीईईओ, एएनएम से समन्वय स्थापित कर चैक लिस्ट के आधार पर प्रभावी मॉनिटरिंग की गई. उन्होंने बताया कि इसके अन्तर्गत 301779 घरों के 1632569 सदस्यों का सर्वे किया गया. सर्वे की सत्यता जांच हेतु 30 अधिकारियों को प्रभारी नियुक्त करते हुए चार दिन क्रास चैक का सघन अभियान चलाया गया. परिणामस्वरूप ऐसे 13 हजार 512 कोविड लक्षणों से संबंधित लोगों तक प्रशासन की सीधे पहुंच बनी तथा प्रशासन द्वारा ऐसे चिन्हित लोगों को प्रारम्भिक लक्षणों के आधार पर ही तत्काल समय पर कुल 22 हजार 560 मेडिकल कीट उपलब्ध करवाये गये. उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान 13 हजार 595 लोगों को क्वारेंटीन तथा 8 हजार 502 लोगों को नजदीक स्वास्थ्य केन्द्र उपचार लेने हेतु प्रयास किये गये.

कलेक्टर ने संभाली कमान, आला अधिकारियों ने लगाई दौड़

जिला कलक्टर ओला ने स्वयं अभियान की कमान संभालते हुए एडीएम कृष्णपालसिंह चौहान, मुख्ख्य कार्यकारी अधिकारी अंजली राजौरिया सहित आला अधिकारियों ने चार दिन में 353 गांव-गांव पहुंचकर चैकिंग की. साथ ही होम क्वारेंटीन लोगों से सीधा संवाद किया. इस दौरान अधिकारियों ने न केवल होम आईसोलेशन मरीजों से संवाद कर हौंसलाफजाई की वरन् स्वयं प्रोनिंग का डेमो देते हुए ऑक्सीजन लेवल बनाये रखने तथा कम होने पर नहीं घबराने व प्रोनिंग से स्थिति को संभालते हुए तत्काल चिकित्सालय पहुंचने के लिए जागरूक किया.

305 में से आधे बेड खाली

कोविड डेडिकेटेड चिकित्सालय में कुल 305 बेड में से 155 बेड यानि अब 52 प्रतिशत बेड खाली है. हमारे पास पर्याप्त संसाधन है सांस लेने में तकलीफ होने अथवा कम ऑक्सीजन लेवल होने पर तत्काल ही चिकित्सालय पहुंचे. अभियान के अगले चरण में शुक्रवार से पुनः इन चिन्हितों का फॉलोअप लिया जाएगा तथा इसके बाद पुनः रणनीति बनाई जाएगी. अभियान में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, पीईईओ, शिक्षकों, कर्मचारियों, आशा सहयोगिनियों, एएनएम, चिकित्साकर्मियों, सरपंच, वार्ड पंच तथा ग्रामवासियों के मिले अपूर्व सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि सभी के समन्वित प्रयासों से अभियान का उद्देश्य सफल हुआ है. उन्होंने आगे भी जनप्रतिनिधियों एवं आमजन से सहयोग की अपील की है.

डूंगरपुर. ‘मेरा वार्ड-मेरा गांव-मेरा जिला कोरोना मुक्त’ अभियान के तहत जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने सघन अभियान चलाते हुए विगत चार दिनों में 30 अधिकारियों की ओर से क्रास निरीक्षण कर भीषण गर्मी में गांव-गांव- टापरे-टापरे पहुंचे प्रशासन की मेहनत रंग लाई. इस सघन क्रास चेक अभियान की बदौलत 13 हजार 512 कोविड संबंधित प्रारंभिक लक्षण वाले लोगों को चिन्हित किया जा सका और तत्काल ही मेडिकल कीट उपलब्ध कराने से संक्रमितों का समय पर उपचार शुरू हो सका.

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जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओेला ने बताया कि अमूमन देखने में आ रहा था कि जिले में लोग कोरोना होने पर या तो छुपाते है अथवा प्रारंभ के चार-पांच दिनों तक लापरवाह बने रहते है, जिससे संक्रमण गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है और जब ऑक्सीजन लेवल 40 से 50 होने पर चिकित्सालय पहुंचते है तब तक गंभीर स्थिति हो जाती है.

पढ़ें- विधायक मरीज बनकर पहुंचा सरकारी अस्पताल, सामने आई ये हकीकत...

ऐसे में जिला प्रशासन के द्वारा जिले में चिकित्सा आपके द्वार अभियान तथा इसकी धरातलीय क्रास चैकिंग कराते हुए चार दिन का सघन अभियान चलाया गया. इस अभियान का उद्देश्य ऐसे लोग जो प्रारंभिक लक्षण के बावजूद चिकित्सालय नही. पहुंच रहे है अथवा लापरवाह बने हुए है, ऐसे लोगों को चिन्हित कर गंभीर संक्रमण की ओर जाने से बचाना तथा समय पर चिकित्सा उपलब्ध करवाना था. इसके साथ ही बाहर से आये प्रवासियों को होम क्वारेंटीन कर प्रभावी मॉनिटरिंग करना, अधिक लक्षणों वालों को चिकित्सालय तक पहुंचाना तथा प्रारंभिक लक्षणों वालों को होम क्वारेंटीन करना था.

चार दिन सघन अभियान, 838 टीमें पहुंची गांव-गांव

अभियान के तहत जिले में कुल 838 टीमें लगाई गई तथा इन टीमों में नियुक्त अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा गांव-गांव कोर कमेटियों, सरपंच, वार्ड पंच, पीईईओ, एएनएम से समन्वय स्थापित कर चैक लिस्ट के आधार पर प्रभावी मॉनिटरिंग की गई. उन्होंने बताया कि इसके अन्तर्गत 301779 घरों के 1632569 सदस्यों का सर्वे किया गया. सर्वे की सत्यता जांच हेतु 30 अधिकारियों को प्रभारी नियुक्त करते हुए चार दिन क्रास चैक का सघन अभियान चलाया गया. परिणामस्वरूप ऐसे 13 हजार 512 कोविड लक्षणों से संबंधित लोगों तक प्रशासन की सीधे पहुंच बनी तथा प्रशासन द्वारा ऐसे चिन्हित लोगों को प्रारम्भिक लक्षणों के आधार पर ही तत्काल समय पर कुल 22 हजार 560 मेडिकल कीट उपलब्ध करवाये गये. उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान 13 हजार 595 लोगों को क्वारेंटीन तथा 8 हजार 502 लोगों को नजदीक स्वास्थ्य केन्द्र उपचार लेने हेतु प्रयास किये गये.

कलेक्टर ने संभाली कमान, आला अधिकारियों ने लगाई दौड़

जिला कलक्टर ओला ने स्वयं अभियान की कमान संभालते हुए एडीएम कृष्णपालसिंह चौहान, मुख्ख्य कार्यकारी अधिकारी अंजली राजौरिया सहित आला अधिकारियों ने चार दिन में 353 गांव-गांव पहुंचकर चैकिंग की. साथ ही होम क्वारेंटीन लोगों से सीधा संवाद किया. इस दौरान अधिकारियों ने न केवल होम आईसोलेशन मरीजों से संवाद कर हौंसलाफजाई की वरन् स्वयं प्रोनिंग का डेमो देते हुए ऑक्सीजन लेवल बनाये रखने तथा कम होने पर नहीं घबराने व प्रोनिंग से स्थिति को संभालते हुए तत्काल चिकित्सालय पहुंचने के लिए जागरूक किया.

305 में से आधे बेड खाली

कोविड डेडिकेटेड चिकित्सालय में कुल 305 बेड में से 155 बेड यानि अब 52 प्रतिशत बेड खाली है. हमारे पास पर्याप्त संसाधन है सांस लेने में तकलीफ होने अथवा कम ऑक्सीजन लेवल होने पर तत्काल ही चिकित्सालय पहुंचे. अभियान के अगले चरण में शुक्रवार से पुनः इन चिन्हितों का फॉलोअप लिया जाएगा तथा इसके बाद पुनः रणनीति बनाई जाएगी. अभियान में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, पीईईओ, शिक्षकों, कर्मचारियों, आशा सहयोगिनियों, एएनएम, चिकित्साकर्मियों, सरपंच, वार्ड पंच तथा ग्रामवासियों के मिले अपूर्व सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि सभी के समन्वित प्रयासों से अभियान का उद्देश्य सफल हुआ है. उन्होंने आगे भी जनप्रतिनिधियों एवं आमजन से सहयोग की अपील की है.

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