ETV Bharat / state

डेंगू से डरें मत: बुखार में प्लेटलेट्स कम होना चिंता की बात नहीं, मरीज के बीपी और पल्स पर रखें विशेष ध्यान : डॉ. सुभाष चंद्र गुप्ता

धौलपुर दौरे पर पहुंचे उत्तर प्रदेश के फिजिशियन डॉक्टर सुभाष चंद्र गुप्ता ने डेंगू बुखार के जानलेवा न होने की बात की है. उन्होंने डेंगू से बचने के लिए आमजन और मरीजों को कई सलाह देने के साथ झोलाछापों से इलाज न कराने की हिदायत दी है.

author img

By

Published : Oct 17, 2021, 4:26 PM IST

Updated : Oct 17, 2021, 7:31 PM IST

Dholpur News, धौलपुर न्यूज, राजस्थान न्यूज
डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स कम होना चिंता की बात नहीं : डॉ. सुभाष चंद्र गुप्ता

धौलपुर. उत्तर प्रदेश के फिजिशियन डॉ. सुभाष चंद्र गुप्ता ने धौलपुर पहुंच डेंगू बुखार को लेकर आमजन को बड़े सुझाव दिए हैं. डॉ. चंद्र ने डेंगू बुखार को जानलेवा नहीं होने की बात बताते हुए एहतियात के उपाय बताए हैं. साथ ही कहा कि डेंगू पेशेंट को घबराना नहीं चाहिए. प्लेटलेट्स कम होने पर भी इसका उपचार संभव है. डेंगू संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है. मरीज का उपचार विशेषज्ञ चिकित्सक से करवाया जाए तो रिकवरी बहुत जल्दी होती है. साथ ही वरिष्ठ फिजीशियन ने नीम हकीम और झोलाछाप चिकित्सकों से आमजन को बचने की सलाह दी है.

फिजिशियन डॉक्टर सुभाष चंद्र गुप्ता ने डेंगू से बचने के लिए आमजन को दिए सुझाव

पढ़ें. डेंगू मरीजों पर बड़ा संकट : घर-घर फैल रहा डेंगू बुखार, लेकिन इलाज में सबसे जरूरी SDP किट की भारी किल्लत

धौलपुर दौरे पर पहुंचे मशहूर चिकित्सक डॉक्टर सुभाष चंद्र गुप्ता ने कहा कि बरसाती सीजन खत्म होने के बाद मौसमी बीमारियों ने दस्तक दी है. जिसमें सबसे प्रमुख डेंगू बुखार का असर देखा जा रहा है. उन्होंने कहा डेंगू बुखार जानलेवा नहीं होता है. विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेकर तुरंत उपचार लेने पर मरीज की बहुत जल्दी रिकवरी होती है.

डेंगू बुखार के लक्षण

डेंगू बुखार के प्रमुख लक्षणों में बुखार आना, सिर में दर्द होना, हाथ पैरों में टूटन होना इसके प्रमुख लक्षण हैं. उन्होंने कहा डेंगू बुखार मच्छर के काटने से होता है. प्रत्येक घर में उपयोगी और आसपास पानी में डीजल का छिड़काव हो तो इसके लार्वा को नष्ट किया जा सकता है. डेंगू संक्रमण इंसान से इंसान को नहीं होता है. उन्होंने कहा डेंगू संक्रमण के दौरान पहले 4 से 5 दिन तक तेज बुखार आता है. हाथ पैरों में टूटन होने के साथ सिर में भी दर्द होता है. 4 से 5 दिन के बाद बुखार खत्म होने के पश्चात इसके सिम्टम्स दिखाई देने लगते हैं.

तीन प्रकार का होता है डेंगू

उन्होंने बताया कि पहले लक्षण के दौरान खून गाढ़ा हो जाता है. खून का पानी होने पर पेट और फेफड़ों में भर जाता है, जिससे सांस लेने में मरीज को तकलीफ होती है. दूसरा लक्षण मरीज का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और पानी लीक होकर फेफड़ों में प्रवेश करता है.

पढ़ें. अलवर में मौसमी बीमारी बेकाबू, Children's Hospital में एक बेड पर भर्ती है तीन मरीज

प्लेटलेट्स कम होना चिंता की बात नहीं

डॉ. गुप्ता ने कहा डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स कम होना स्वाभाविक है. लेकिन तीमारदार और मरीजों को घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा डेंगू पेशेंट को ब्लीडिंग होने पर ही जंबों पैक की जरूरत पड़ती है. उन्होंने कहा प्लेटलेट्स का काम बॉडी के अंदर ब्लीडिंग को रोकना होता है. ऐसे में ज्यादा प्लेटलेट्स गिरने पर भी मरीजों को नहीं घबराना चाहिए. डेंगू मरीज के ब्लड प्रेशर पर पल-पल की नजर रखनी चाहिए . अगर डेंगू पेशेंट का ब्लड प्रेशर 120 से कम होता है तो पेट के अंदर पानी रिसाव की संभावना अधिक हो जाती है.

डेंगू पेशेंट को दें खाने में तरल पदार्थ

डॉक्टर सुभाष चंद्र गुप्ता ने कहा डेंगू मरीज को खाने में सिर्फ तरल पदार्थ का ही उपयोग कराएं. चाय, सूप, जूस, नारियल का पानी आदि का सेवन ही उनके लिए बेहतर है. ब्लड प्रेशर और मरीज की पल्स पर नजर बनाए रखें.

पढ़ें. स्वर्गीय राजेश पायलट की प्रतिमा गिराने का आरोप, भड़के गुर्जर समाज के लोगों ने जमकर किया प्रदर्शन

धौलपुर जिले में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. खासकर ग्रामीण इलाकों में डेंगू बुखार का असर सबसे अधिक देखा जा रहा है. जिला मुख्यालय समेत सभी राजकीय प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ओपीडी भार से 2 गुना ऊपर चल रहे हैं. आपको बता दें कि डॉक्टर सुभाष चंद्र गुप्ता 20 सालों तक लंदन में सेवाएं दे चुके हैं और 25 सालों तक दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल में भी सेवाएं दे चुके हैं. भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कई पुरस्कारों से भी नवाजे जा चुके हैं.

धौलपुर. उत्तर प्रदेश के फिजिशियन डॉ. सुभाष चंद्र गुप्ता ने धौलपुर पहुंच डेंगू बुखार को लेकर आमजन को बड़े सुझाव दिए हैं. डॉ. चंद्र ने डेंगू बुखार को जानलेवा नहीं होने की बात बताते हुए एहतियात के उपाय बताए हैं. साथ ही कहा कि डेंगू पेशेंट को घबराना नहीं चाहिए. प्लेटलेट्स कम होने पर भी इसका उपचार संभव है. डेंगू संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है. मरीज का उपचार विशेषज्ञ चिकित्सक से करवाया जाए तो रिकवरी बहुत जल्दी होती है. साथ ही वरिष्ठ फिजीशियन ने नीम हकीम और झोलाछाप चिकित्सकों से आमजन को बचने की सलाह दी है.

फिजिशियन डॉक्टर सुभाष चंद्र गुप्ता ने डेंगू से बचने के लिए आमजन को दिए सुझाव

पढ़ें. डेंगू मरीजों पर बड़ा संकट : घर-घर फैल रहा डेंगू बुखार, लेकिन इलाज में सबसे जरूरी SDP किट की भारी किल्लत

धौलपुर दौरे पर पहुंचे मशहूर चिकित्सक डॉक्टर सुभाष चंद्र गुप्ता ने कहा कि बरसाती सीजन खत्म होने के बाद मौसमी बीमारियों ने दस्तक दी है. जिसमें सबसे प्रमुख डेंगू बुखार का असर देखा जा रहा है. उन्होंने कहा डेंगू बुखार जानलेवा नहीं होता है. विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेकर तुरंत उपचार लेने पर मरीज की बहुत जल्दी रिकवरी होती है.

डेंगू बुखार के लक्षण

डेंगू बुखार के प्रमुख लक्षणों में बुखार आना, सिर में दर्द होना, हाथ पैरों में टूटन होना इसके प्रमुख लक्षण हैं. उन्होंने कहा डेंगू बुखार मच्छर के काटने से होता है. प्रत्येक घर में उपयोगी और आसपास पानी में डीजल का छिड़काव हो तो इसके लार्वा को नष्ट किया जा सकता है. डेंगू संक्रमण इंसान से इंसान को नहीं होता है. उन्होंने कहा डेंगू संक्रमण के दौरान पहले 4 से 5 दिन तक तेज बुखार आता है. हाथ पैरों में टूटन होने के साथ सिर में भी दर्द होता है. 4 से 5 दिन के बाद बुखार खत्म होने के पश्चात इसके सिम्टम्स दिखाई देने लगते हैं.

तीन प्रकार का होता है डेंगू

उन्होंने बताया कि पहले लक्षण के दौरान खून गाढ़ा हो जाता है. खून का पानी होने पर पेट और फेफड़ों में भर जाता है, जिससे सांस लेने में मरीज को तकलीफ होती है. दूसरा लक्षण मरीज का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और पानी लीक होकर फेफड़ों में प्रवेश करता है.

पढ़ें. अलवर में मौसमी बीमारी बेकाबू, Children's Hospital में एक बेड पर भर्ती है तीन मरीज

प्लेटलेट्स कम होना चिंता की बात नहीं

डॉ. गुप्ता ने कहा डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स कम होना स्वाभाविक है. लेकिन तीमारदार और मरीजों को घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा डेंगू पेशेंट को ब्लीडिंग होने पर ही जंबों पैक की जरूरत पड़ती है. उन्होंने कहा प्लेटलेट्स का काम बॉडी के अंदर ब्लीडिंग को रोकना होता है. ऐसे में ज्यादा प्लेटलेट्स गिरने पर भी मरीजों को नहीं घबराना चाहिए. डेंगू मरीज के ब्लड प्रेशर पर पल-पल की नजर रखनी चाहिए . अगर डेंगू पेशेंट का ब्लड प्रेशर 120 से कम होता है तो पेट के अंदर पानी रिसाव की संभावना अधिक हो जाती है.

डेंगू पेशेंट को दें खाने में तरल पदार्थ

डॉक्टर सुभाष चंद्र गुप्ता ने कहा डेंगू मरीज को खाने में सिर्फ तरल पदार्थ का ही उपयोग कराएं. चाय, सूप, जूस, नारियल का पानी आदि का सेवन ही उनके लिए बेहतर है. ब्लड प्रेशर और मरीज की पल्स पर नजर बनाए रखें.

पढ़ें. स्वर्गीय राजेश पायलट की प्रतिमा गिराने का आरोप, भड़के गुर्जर समाज के लोगों ने जमकर किया प्रदर्शन

धौलपुर जिले में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. खासकर ग्रामीण इलाकों में डेंगू बुखार का असर सबसे अधिक देखा जा रहा है. जिला मुख्यालय समेत सभी राजकीय प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ओपीडी भार से 2 गुना ऊपर चल रहे हैं. आपको बता दें कि डॉक्टर सुभाष चंद्र गुप्ता 20 सालों तक लंदन में सेवाएं दे चुके हैं और 25 सालों तक दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल में भी सेवाएं दे चुके हैं. भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कई पुरस्कारों से भी नवाजे जा चुके हैं.

Last Updated : Oct 17, 2021, 7:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.