धौलपुर. जिले के विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी चचेरे भाई को दोषी करार देते हुए दस वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 51 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है.
विशिष्ट लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि धौलपुर जिले के महिला पुलिस थाना पर पीड़िता ने मां के साथ 5 मई 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. दर्ज रिपोर्ट में बताया कि 2 मई 2019 को वह राजाखेड़ा इलाके के एक मैरिज होम से शादी से घर लौट रही थी. तभी रास्ते में उसके चाचा का लड़का मिला, उसने बाइक पर घर छोड़ने की बात कही. पीड़िता चचेरे भाई के साथ बाइक पर बैठ गई. पीड़िता का चचेरा भाई उसे घर ले जाने के बजाए खेत के बोरिंग पर ले गया. यहां आरोपी ने नाबालिग बहन के साथ पिस्टल की नोक पर दुष्कर्म किया.
दुष्कर्म के बाद आरोपी अपनी बहन को शमशाबाद के पुल पर मारने के लिए ले गया, लेकिन पीड़िता ने घटना के बारे में किसी को नहीं बताने की बात कही. इस पर आरोपी उसे घर पर छोड़ गया. इस दौरान आरोपी ने बहन और उसकी मां को जान से मारने की धमकी देकर भाग गया. रिपोर्ट में बताया कि पीड़िता की मां जब शादी से घर लौटकर आई को पीड़िता ने घटना के बारे में जानकारी दी. इस पर पीड़िता ने मां के साथ थाने पर पहुंचकर मामला दर्ज कराया.
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पुलिस ने इस मामले में आरोपी चचेरे भाई को डिटेन करके पूछताछ की तो उसने गुनाह कबूल कर लिया. आरोपी नाबालिग होने के कारण पुलिस ने उसे बाल न्यायालय में पेश किया. प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट धौलपुर ने नाबालिग की व्यस्कों की तरह सुनवाई करने के लिए मुकदमा पॉक्सो न्यायालय में भेज दिया. पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश जमीर हुसैन ने मामले में आरोपी को दोषी ठहराते हुए 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. लोक अभियोजक ने बताया कि न्यायाधीश की ओर से सजा सुनाते समय आरोपी और उसका वकील कोर्ट में मौजूद नहीं थे. इस पर न्यायाधीश ने महिला पुलिस थाना एसएचओ को मुल्जिम को तुरंत गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.