बाड़ी (धौलपुर). वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जहां मरीजों की संख्या में लगातार इजाफ़ा हो रहा है, वही प्रशासन की ओर से आमजन के जीवन को बचाने के लिए एहतियात के तौर पर महामारी से बचने का मूल मंत्र देते हुए कहा है कि ‘जीना अगर जरूरी है तो दो गज की दूरी के साथ मुंह पर मास्क लगाना जरूरी है'.
महामारी के समय में राज्य सरकार के आदेश पर चल रहे रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़ा व वीकेंड और लगने वाले संपूर्ण लॉकडाउन के चलते लोग जहां अपने घरों पर हैं बाजार पूर्णतया बंद है, ऐसे में आवागमन भी अब धीरे-धीरे बंद होता जा रहा है. इसी के चलते बेजुबान जानवरों और पशु-पक्षियों की जान पर बन आई है. उनके लिए दाने-पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. इन हालातों को देख धौलपुर जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने सभी उपखण्ड अधिकारियों को भामाशाहों के सहयोग से पशु-पक्षियों का ध्यान रखने और चारा-भोजन पानी का प्रबंध करने के लिए निर्देशित किया है.
जिसको लेकर धौलपुर जिले के बाड़ी उपखंड पर उप जिला कलेक्टर राधेश्याम मीणा द्वारा पशु पक्षियों की मदद के लिए उपखंड कार्यालय पर कस्बे के भामाशाहों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों की एक बैठक ली. बैठक के दौरान बाड़ी उप जिला कलेक्टर ने आमजन से मदद के लिए आव्हान किया. जिस पर कस्बे के विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों और भामाशाहों द्वारा पशु पक्षियों के लिए भोजन पानी की व्यवस्था शुरू करने में तन-मन-धन से सहयोग करने की अपनी बात बैठक में रखी.
साथ ही कस्बे की सब्जी मंडी में जहां मंडी के दुकानदारों ने फलों के थोक विक्रेता पप्पू भाई के साथ बेजुबान गाय व गोवंश के साथ आवारा पशुओं के लिए चारे-पानी का प्रबंध किया है तो वही स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा कस्बे में कई जगह निश्चित स्थानों पर यह भोजन-पानी रखा गया है.
वही कस्बे के पशुु पक्षी प्रेमी राम कुमार चौधरी के साथ जुड़े विहिप के अंजनी पाराशर की टीम द्वारा वन विहार के जंगल में बंदरों, हिरण, नीलगाय व अन्य पशु पक्षियों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की गई है. कुल मिलाकर प्रशासन के आव्हान पर कस्बे के आमजन ने पशु-पक्षियों की सेवा में आगे आकर मदद के लिए हाथ बढ़ाये हैं.