नई दिल्ली: यूएसएआईडी फंडिंग को लेकर चल रहे विवाद के बीच, कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 2023-24 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भाजपा के 'झूठ' को 'पूरी तरह से उजागर' कर दिया है. जिसमें कहा गया है कि अमेरिकी एजेंसी वर्तमान में भारत सरकार के सहयोग से सात परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रही है. उनमें से किसी का भी मतदाता मतदान प्रतिशत से कोई लेना-देना नहीं है.
भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को भी खारिज किया है और राहुल गांधी के साथ-साथ पार्टी पर भारत को कमजोर करने के लिए विदेशी ताकतों के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया है. वित्त मंत्रालय की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि एजेंसी ने 2023-24 में 750 मिलियन अमरीकी डॉलर की सात परियोजनाओं को वित्त पोषित किया है.
वित्त मंत्रालय की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 'वर्तमान में, भारत सरकार के साथ साझेदारी में यूएसएआईडी द्वारा कुल 750 मिलियन अमरीकी डॉलर (लगभग) के बजट की सात परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है.'
None other than the Union Finance Ministry has thoroughly exposed the lies of the PM and his jhoot brigade, including his dapper External Affairs Minister. As stated in the Finance Ministry's annual report for 2023-24, USAID is currently implementing seven projects in… pic.twitter.com/lS7BCJ0eXL
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 24, 2025
कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने ही प्रधानमंत्री और उनकी झूठ ब्रिगेड के झूठ को पूरी तरह से उजागर किया है, जिसमें उनके चतुर विदेश मंत्री भी शामिल हैं. वित्त मंत्रालय की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, यूएसएआईडी वर्तमान में भारत सरकार के साथ मिलकर सात परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है, जिनका संयुक्त बजट लगभग 750 मिलियन अमरीकी डॉलर है, उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा.
रमेश ने कहा कि इनमें से एक भी परियोजना का मतदाता मतदान से कोई लेना-देना नहीं है. ये सभी केंद्र सरकार के साथ और उसके माध्यम से हैं. वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए, सात परियोजनाओं के तहत अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) द्वारा कुल 97 मिलियन अमरीकी डॉलर (लगभग 825 करोड़ रुपये) का दायित्व बनाया गया है.
वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों का विभाग, जो द्विपक्षीय वित्तपोषण व्यवस्था के लिए नोडल विभाग है, ने भी रिपोर्ट में 2023-24 में वित्त पोषित परियोजनाओं का विवरण साझा किया है. वर्ष के दौरान, मतदान में वृद्धि के लिए कोई धनराशि नहीं दी गई, लेकिन कृषि और खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम; जल, स्वच्छता और स्वास्थ्य (WASH); नवीकरणीय ऊर्जा; आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य से संबंधित परियोजनाओं के लिए धनराशि दी गई.
इस महीने की शुरुआत में देश में एक राजनीतिक विवाद छिड़ गया था, जब एलन मस्क के नेतृत्व वाले DOGE (सरकारी दक्षता विभाग) ने दावा किया था कि उसने 'मतदाता मतदान' को बढ़ावा देने के लिए भारत को 21 मिलियन अमरीकी डालर का अनुदान रद्द कर दिया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी बार-बार दावा किया कि जो बाइडेन के नेतृत्व वाले पिछले प्रशासन के तहत USAID ने 'मतदाता मतदान' के लिए भारत को 21 मिलियन अमरीकी डालर का धन आवंटित किया था. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी 'चिंताजनक' है. सरकार इस पर विचार कर रही है.
कांग्रेस ने रविवार को भाजपा पर अमेरिका से फर्जी खबरें फैलाकर राष्ट्र विरोधी कार्य करने का आरोप लगाया. कांग्रेस की ओर से कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर को भी जवाब देना होगा कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क बार-बार भारत का अपमान कर रहे हैं तो सरकार चुप क्यों थी.