धौलपुर. शहर में मंगलवार को एक चौंकाने वाला वाकया देखने को मिला. समाज की रीति-रिवाजों से हटकर एक बेटी ने अपने पिता की अर्थी को कंधा देते हुए मुखाग्नि दी. शहर के मुक्तिधाम में हुए यह अंतिम संस्कार काफी चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं, बेटी ने पिता को मुखाग्नि देकर बेटे होने का फर्ज अदा करते हुए समाज में चल रहे बेटी और बेटे के अंतर को भी दूर किया है.
दरअसल, शहर के दशहरा रोड पर 50 वर्षीय ओमप्रकाश अपनी पत्नी किरण पटेल और बेटी नीलम व निशा के साथ रहता था. ओमप्रकाश पिछले लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहा था, जिसका मंगलवार को लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया. पिता के निधन पर दोनों बेटियों के ऊपर जिम्मेदारी का भार आ गया. वहीं, पिता की अर्थी को कंधा देने एवं अंतिम संस्कार में मुखाग्नि देने की चर्चा शुरू हो गई. इस पर दोनों बेटियों की ओर से अपने पिता को मुखाग्नि देने का फैसला किया गया.
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बेटी नीलम पटेल ने बताया कि उसके पिता ने बीमारी के समय बेटियों से कहा था कि वही उनका अंतिम संस्कार करेंगी. इस पर बेटी नीलम ने पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए अर्थी को कंधा देते हुए मोक्ष धाम में वैदिक रीति रिवाज के मुताबिक मुखाग्नि दी है. बेटियों ने कहा कि पिता के निधन से उन्हें बड़ा सदमा लगा है, लेकिन गर्व और फक्र इस बात का है कि उन्होंने बेटे होने का फर्ज अदा किया है.
दोनों बेटियों ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि समाज में बेटे-बेटी के अंतर को दूर करना चाहिए. बेटियों ने समाज से अपील करते हुए कहा कि वर्तमान युग में बेटियां किसी भी प्रतिस्पर्धा में पीछे नहीं हैं. धरती से लेकर आसमान तक बेटियां कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं. ऐसे में समाज से बेटे-बेटी के बीच की खाई को दूर करना होगा.