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धौलपुर: साल 2013 में दो पक्षों में हुए झगड़े में दोनों पक्षों के तीन आरोपियों को मुजरिम मानते हुए कोर्ट ने सुनाई सजा

धौलपुर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीटा तेजपाल ने साल 2013 में दो पक्षों में हुए झगड़े में दोनों पक्षों के तीन आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है. एक पक्ष के एक आरोपी को धारा- 307 का मुजरिम मानते हुए 5 साल के कारावास की सजा के साथ पांच हजार के अर्थदंड से दंडित किया है.

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तीन आरोपियों को मुजरिम मानते हुए कोर्ट ने सुनाई सजा
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Published : Mar 23, 2021, 9:03 PM IST

धौलपुर. जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीटा तेजपाल ने साल 2013 में दो पक्षों में हुए झगड़े में दोनों पक्षों के तीन आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है. एक पक्ष के एक आरोपी को धारा- 307 का मुजरिम मानते हुए 5 साल के कारावास की सजा के साथ पांच हजार के अर्थदंड से दंडित किया है. वहीं दूसरे पक्ष के एक आरोपी को ढाई साल की सजा के साथ 3 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है. दूसरे आरोपी को परिवीक्षा का लाभ देकर रिहा किया है.

तीन आरोपियों को मुजरिम मानते हुए कोर्ट ने सुनाई सजा

पीपी सुजीत लहचोरिया ने बताया, साल 2013 में कोतवाली थाना क्षेत्र के गांव विधा का पुरा में खेतों पर पत्थर गाड़ने को लेकर विवाद हुआ था. मामूली विवाद के बाद दोनों पक्षों में लाठी भाटा जंग के साथ खूनी संघर्ष हुआ था. तत्कालीन समय पर दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ कोतवाली थाना पुलिस के समक्ष अभियोग दर्ज कराया था. पुलिस ने अनुसंधान कर दोनों पक्षों के लोगों को मुजरिम बना कर पत्रावली को न्यायालय के समक्ष पेश किया था.

यह भी पढ़ें: धौलपुर: राजाखेड़ा में विवाहिता ने फांसी के फंदे से लटक कर की खुदकुशी

उन्होंने बताया प्रकरण में मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीटा तेजपाल ने अहम फैसला सुनाते हुए एक पक्ष के बलवीर और भूरा को 2 साल 6 माह के साधारण कारावास के साथ 3 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है. उन्होंने बताया दूसरे पक्ष के जगदीश को 307 का दोषी मानते हुए 5 साल के कारावास के साथ 5 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है. साथ में दूसरे मुजरिम मेवाराम को परिवीक्षा का लाभ देकर रिहा कर दिया है. साल 2013 में दोनों पक्षों में खुनी जंग हुई थी. जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अहम फैसला सुनाते हुए दोनों पक्षों के तीन आरोपियों को मुजरिम करार देते हुए सजा सुनाई है.

धौलपुर. जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीटा तेजपाल ने साल 2013 में दो पक्षों में हुए झगड़े में दोनों पक्षों के तीन आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है. एक पक्ष के एक आरोपी को धारा- 307 का मुजरिम मानते हुए 5 साल के कारावास की सजा के साथ पांच हजार के अर्थदंड से दंडित किया है. वहीं दूसरे पक्ष के एक आरोपी को ढाई साल की सजा के साथ 3 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है. दूसरे आरोपी को परिवीक्षा का लाभ देकर रिहा किया है.

तीन आरोपियों को मुजरिम मानते हुए कोर्ट ने सुनाई सजा

पीपी सुजीत लहचोरिया ने बताया, साल 2013 में कोतवाली थाना क्षेत्र के गांव विधा का पुरा में खेतों पर पत्थर गाड़ने को लेकर विवाद हुआ था. मामूली विवाद के बाद दोनों पक्षों में लाठी भाटा जंग के साथ खूनी संघर्ष हुआ था. तत्कालीन समय पर दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ कोतवाली थाना पुलिस के समक्ष अभियोग दर्ज कराया था. पुलिस ने अनुसंधान कर दोनों पक्षों के लोगों को मुजरिम बना कर पत्रावली को न्यायालय के समक्ष पेश किया था.

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उन्होंने बताया प्रकरण में मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीटा तेजपाल ने अहम फैसला सुनाते हुए एक पक्ष के बलवीर और भूरा को 2 साल 6 माह के साधारण कारावास के साथ 3 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है. उन्होंने बताया दूसरे पक्ष के जगदीश को 307 का दोषी मानते हुए 5 साल के कारावास के साथ 5 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है. साथ में दूसरे मुजरिम मेवाराम को परिवीक्षा का लाभ देकर रिहा कर दिया है. साल 2013 में दोनों पक्षों में खुनी जंग हुई थी. जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अहम फैसला सुनाते हुए दोनों पक्षों के तीन आरोपियों को मुजरिम करार देते हुए सजा सुनाई है.

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