धौलपुर. नगर परिषद सभापति पद का मुकाबला कांग्रेस में फूट के कारण अब रोचक हो गया है. कांग्रेस ने निर्दलीय प्रत्याशी खुशबू सिंह को अपना समर्थन दिया है. जिससे नगर परिषद सभापति चुनाव मैदान में भाजपा और निर्दलीय के बीच सीधा मुकाबला तय हो गया है. वहीं, भाजपा से सोनम गर्ग और निर्दलीय प्रत्याशी खुशबू सिंह चुनावी समर में आमने-सामने हो गए हैं. हालांकि फूट भाजपा में भी देखी जा रही है. भाजपा में भितरघात को देखते हुए बागी निर्दलीय प्रत्याशी के पाले में जाती हुई दिखाई दे रही है.
बता दें कि नगर परिषद चुनाव में भाजपा और कांग्रेस को 22-22 पार्षद मिले थे. बहुजन समाज पार्टी के साथ 15 निर्दलीय प्रत्याशियों ने पार्षद का चुनाव जीतकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के गणित को बिगाड़ दिया. धौलपुर में भाजपा की चाबी मुख्य रुप से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के हाथ में रहती है, लेकिन नगर परिषद चुनाव में वसुंधरा समर्थक नेताओं को दरकिनार किया गया था. जिससे भाजपा के अंदर भी भितरघात की संभावना दिखाई दे रही है.
धौलपुर नगर परिषद सभापति का चुनाव रोचक हो गया है. कांग्रेस और भाजपा की फूट का फायदा निर्दलीय को मिलता हुआ दिखाई दे रहा है. कांग्रेस प्रत्याशी रेखा यादव ने गुरुवार को अपना नामांकन वापस ले लिया. उसके साथ ही कांग्रेस के निवर्तमान सभापति कमल कंसाना की पत्नी अंजली कंसाना और कांग्रेस के सिम्बल से नामांकन दाखिल करने वाली माया देवी ने भी नामांकन वापस ले लिए. ऐसे में कांग्रेस ने अपना समर्थन निर्दलीय प्रत्याशी खुशबू सिंह को दे दिया. लिहाजा भाजपा की सोनम गर्ग और निर्दलीय और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी खुशबू सिंह के बीच में तय हो चुका है.
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खेमे के समर्थकों को नगर परिषद चुनाव में दरकिनार किया था, लेकिन पूर्व सीएम राजे के समर्थक अधिकांश निर्दलीय चुनाव जीतकर सामने आए हैं. जो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इशारे पर ही वोटिंग करेंगे.
कांग्रेस की बात की जाए तो कांग्रेस के पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा के पुत्र अशोक शर्मा का कांग्रेस ने धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से टिकट काटा था. जिन्होंने कांग्रेस से बगावत कर भाजपा का दामन थामकर राजाखेड़ा से विधानसभा का चुनाव लड़ा था. तभी से धौलपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के खंड खंड हो गए. सत्तारूढ़ पार्टी होने के बाद भी कांग्रेस धौलपुर नगर परिषद चुनाव में अपना बोर्ड बनाने में नाकाम होती दिख रही है.
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सूत्रों से मिली जानकारी में ज्ञात हुआ है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थित पार्षद भी निर्दलीय के पक्ष में वोट कर सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस और वसुंधरा समर्थित पार्षदों के सहयोग से निर्दलीय का सभापति होना लगभग तय माना जा रहा है, लेकिन राजनीति का समीकरण और गणित देश काल परिस्थिति के मुताबिक भी परिवर्तित होता है. मौजूदा वक्त के समीकरणों के मुताबिक सभापति की कुर्सी निर्दलीय के हाथों में दिखाई दे रही है.
कांग्रेस के धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे डॉ. शिवचरण कुशवाहा ने आधिकारिक तौर पर निर्दलीय प्रत्याशी खुशबू सिंह को समर्थन देने की घोषणा कर दी है. अब भाजपा के लिए सभापति की कुर्सी बचाना प्रतिष्ठा का सबसे बड़ा सवाल बन गया है. राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी रहे अशोक शर्मा ने कहा नगर परिषद धौलपुर से कांग्रेस ने घुटने टेक दिए हैं. सत्तारूढ़ पार्टी होते हुए भी कांग्रेस प्रत्याशी ने अपना नामांकन वापस ले लिया है.