धौलपुर. समावेशित शिक्षा के अंतर्गत दिव्यांग विद्यार्थियों हेतु आयोजित वातावरण निर्माण कार्यक्रम खेल कूद प्रतियोगिता का मंगलवार को समापन हुआ. इस दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने कहा कि दिव्यांग बच्चों के माता-पिता और अभिभावक साधुवाद के पात्र है, जिन्होंने हर समय ऐसे असहाय बच्चों को हर तरह से संबल प्रदान किया. उन्होंने कहा कि जो बच्चे शारीरिक रूप से अक्षम है, उन बच्चों को समाज कल्याण विभाग की ओर से सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि जिन बच्चों को ट्राई साइकिल और अन्य उपकरणों की आवश्यकता है, उन्हें सरकारी मदद से इस प्रकार के उपकरण उपलब्ध करवाए जाते है. साथ ही भामाशाहों और एनजीओ की ओर से भी ऐसे दिव्यांग बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए कार्य किए जा रहे है. उन्होंने कहा कि समावेशित शिक्षा के अंन्तर्गत वातावरण निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से ऐसे दिव्यांग बच्चों को उमंग और उत्साह मिलेगा.
उन्होंने कहा कि ईश्वर करुणामय है, वह किसी के साथ गलत न होने देता है और न करता है. यह प्रकृति सभी को समान अवसर प्रदान करती है. आप अपने आपको कभी कमजोर न समझें. शिक्षक एक ऐसा चीज है, जो दिव्यांग बच्चों को सरकारी सहायता उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. उन्होंने वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंगस का उदाहरण देते हुए कहा कि शारीरिक विकृति होने के बाद भी उन्होंने कभी अपने जीवन को और अपने सपनों को झुकने नहीं दिया.
इस दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने दिव्यांग प्रतिभाओं और मोटीवेटर दिव्यांग शिक्षकों, प्रतियोगिताओं के विजेता दिव्यांग छात्रा-छात्राओं को मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. एडीपीसी समग्र शिक्षा मुकेश गर्ग ने भी अपने उद्बोधन में कहा कि दिव्यांग ईश्वरीय शक्ति है, कभी भी अपने आपको कम ना आंके.
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सहायक परियोजना समन्वयक कैलाश चंद खनैतिया ने कहा कि 25 और 26 फरवरी को समग्र शिक्षा के तत्वावधान में राजकीय विद्यालय में अध्ययनरत जरूरतमंद दिव्यांग विद्यार्थियों को अंग उपकरण प्रदान करने हेतु चिन्हीकरण शिविर का आयोजन महाराणा स्कूल में प्रातः 10 बजे से किया जाएगा. प्रधानाचार्य महाराणा स्कूल रमाकांत शर्मा सहित अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किए.