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धौलपुरः कलेक्टर और एसपी ने यूपी-एमपी की सीमा का लिया जायजा - जिला कलेक्टर राकेश जायसवाल

धौलपुर अभी भले ही कोरोना से मुक्त हो चुका है, लेकिन जिले के सीमा से सटे क्षेत्रों में अभी भी कोरोना अपना कहर बरपा रहा है. जिससे धौलपुर में लगातार खतरा बना हुआ है. वहीं जिले की सभी सीमा सील कर दी गई है.

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कलेक्टर और एसपी ने लिया जायजा
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Published : Apr 24, 2020, 10:31 AM IST

धौलपुर. जिला प्रशासन, चिकित्सा विभाग और पुलिस के कड़े प्रयासों के बाद धौलपुर कोविड-19 से मुक्त हो चुका है. जिले में सिर्फ दो कोविड-19 के संक्रमित मरीज आए थे, लेकिन सवाई मानसिंह अस्पताल से उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई. मौजूदा वक्त में जिले ने कोविड-19 को मात दी है. जो जिले के लिए राहत की खबर है, लेकिन जिले के लिए खतरा बरकरार बना हुआ है.

कलेक्टर और एसपी ने लिया जायजा

पूर्वी राजस्थान का धौलपुर जिला उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सीमा से लगा हुआ है. उत्तर प्रदेश का आगरा जिला मौजूदा वक्त में हॉटस्पॉट बना हुआ है. जहां लगातार कोविड-19 के संक्रमित के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. मध्य प्रदेश का मुरैना और राजस्थान का भरतपुर भी लगातार संक्रमित होता जा रहा है. जिसके कारण धौलपुर में भी खतरा बना हुआ है. वहीं जिले की सभी सीमा सील कर दी गई है.

पढ़ेंः अंबेडकर जयंती पर किरोड़ी लाल मीणा ने SC/ST के लिए मुख्यमंत्री से की ये विशेष मांग

आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग, धौलपुर जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग, धौलपुर करौली राष्ट्रीय राजमार्ग को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया है. लेकिन उत्तर प्रदेश की तरफ से आने वाले कुछ लिंक सड़क मार्ग ऐसे हैं, जिनसे लोगों की आमद रफद लगातार बनी हुई थी. जिन्हें जिला प्रशासन और पुलिस ने जेसीबी मशीन से खुदाई कर गहरे गड्ढे करवाकर आवागमन को पूरी तरह से बंद करा दिया है.

सभी सीमाएं की गई सील-

ईटीवी भारत से खास वार्ता में जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने कहा कि जिले की सभी सीमाएं चाक-चौबंद और सील कर दी गई है. हर एक व्यक्ति पर निगरानी दल द्वारा पैनी नजर रखी जा रही है. कोविड-19 से लड़ने के लिए सावधानी और एहतियात की मुख्य जरूरत है. धौलपुर 0 कोरोना स्टेटस के रूप में देश के 22 जिले में चिन्हित किया गया है. भीलवाड़ा मॉडल को अपनाकर जिले से कोविड-19 को जड़ से खत्म करने का प्रयास किया है.

कलेक्टर ने बताया कि धौलपुर में एक केस कोविड-19 का आया था और एक केस जयपुर में भी आया था. लेकिन जयपुर के केस ने 298 की चैन बनाई, वहीं धौलपुर जिला प्रशासन ने उसको समय पर चिन्हित कर आइसोलेशन में भेज दिया था. जिससे संक्रमण को फैलने से रोक लिया गया. साथ ही कहा कि मेडिकल विभाग ने इस लड़ाई में लड़ने के लिए सराहनीय और साहस से काम लिया है.

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जिला कलेक्टर ने कहा कि गांव स्तर पर जो कमेटियां बनाई है, वह भी पूरे मनोयोग और जिम्मेदारी के साथ काम कर रही हैं. बाहर से आने वाले हर व्यक्ति पर पहली नजर रखी जा रही है और उनको क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. साथ ही जिले में लगातार स्क्रीनिंग की जा रही है. मौजूदा वक्त में करीब 15 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग कराई जा चुकी है. जिला प्रशासन चिकित्सा विभाग और पुलिस की मदद से कोविड-19 की लड़ाई पर जरूर जीत मिलेगी.

पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने कहा जिले के जितने भी छोटे और लिंक सड़क मार्ग हैं. वहां पर जाप्ता तैनात कर दिया गया है. साथ ही छोटे बड़े रास्तों को जेसीबी से गड्ढा खुदाई कर पूरी तरह से बंद कराया जा रहा है.

धौलपुर. जिला प्रशासन, चिकित्सा विभाग और पुलिस के कड़े प्रयासों के बाद धौलपुर कोविड-19 से मुक्त हो चुका है. जिले में सिर्फ दो कोविड-19 के संक्रमित मरीज आए थे, लेकिन सवाई मानसिंह अस्पताल से उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई. मौजूदा वक्त में जिले ने कोविड-19 को मात दी है. जो जिले के लिए राहत की खबर है, लेकिन जिले के लिए खतरा बरकरार बना हुआ है.

कलेक्टर और एसपी ने लिया जायजा

पूर्वी राजस्थान का धौलपुर जिला उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सीमा से लगा हुआ है. उत्तर प्रदेश का आगरा जिला मौजूदा वक्त में हॉटस्पॉट बना हुआ है. जहां लगातार कोविड-19 के संक्रमित के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. मध्य प्रदेश का मुरैना और राजस्थान का भरतपुर भी लगातार संक्रमित होता जा रहा है. जिसके कारण धौलपुर में भी खतरा बना हुआ है. वहीं जिले की सभी सीमा सील कर दी गई है.

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आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग, धौलपुर जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग, धौलपुर करौली राष्ट्रीय राजमार्ग को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया है. लेकिन उत्तर प्रदेश की तरफ से आने वाले कुछ लिंक सड़क मार्ग ऐसे हैं, जिनसे लोगों की आमद रफद लगातार बनी हुई थी. जिन्हें जिला प्रशासन और पुलिस ने जेसीबी मशीन से खुदाई कर गहरे गड्ढे करवाकर आवागमन को पूरी तरह से बंद करा दिया है.

सभी सीमाएं की गई सील-

ईटीवी भारत से खास वार्ता में जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने कहा कि जिले की सभी सीमाएं चाक-चौबंद और सील कर दी गई है. हर एक व्यक्ति पर निगरानी दल द्वारा पैनी नजर रखी जा रही है. कोविड-19 से लड़ने के लिए सावधानी और एहतियात की मुख्य जरूरत है. धौलपुर 0 कोरोना स्टेटस के रूप में देश के 22 जिले में चिन्हित किया गया है. भीलवाड़ा मॉडल को अपनाकर जिले से कोविड-19 को जड़ से खत्म करने का प्रयास किया है.

कलेक्टर ने बताया कि धौलपुर में एक केस कोविड-19 का आया था और एक केस जयपुर में भी आया था. लेकिन जयपुर के केस ने 298 की चैन बनाई, वहीं धौलपुर जिला प्रशासन ने उसको समय पर चिन्हित कर आइसोलेशन में भेज दिया था. जिससे संक्रमण को फैलने से रोक लिया गया. साथ ही कहा कि मेडिकल विभाग ने इस लड़ाई में लड़ने के लिए सराहनीय और साहस से काम लिया है.

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जिला कलेक्टर ने कहा कि गांव स्तर पर जो कमेटियां बनाई है, वह भी पूरे मनोयोग और जिम्मेदारी के साथ काम कर रही हैं. बाहर से आने वाले हर व्यक्ति पर पहली नजर रखी जा रही है और उनको क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. साथ ही जिले में लगातार स्क्रीनिंग की जा रही है. मौजूदा वक्त में करीब 15 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग कराई जा चुकी है. जिला प्रशासन चिकित्सा विभाग और पुलिस की मदद से कोविड-19 की लड़ाई पर जरूर जीत मिलेगी.

पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने कहा जिले के जितने भी छोटे और लिंक सड़क मार्ग हैं. वहां पर जाप्ता तैनात कर दिया गया है. साथ ही छोटे बड़े रास्तों को जेसीबी से गड्ढा खुदाई कर पूरी तरह से बंद कराया जा रहा है.

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