धौलपुर. जिले के बाड़ी में 28 मार्च को विद्युत कार्यालय में एईएन हर्षधिपति और जेईएन नितिन गुलाटी के साथ हुई मारपीट के मामले (AEN JEN assault case in Dholpur) में आरोपी कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने बुधवार को आत्मसमर्पण कर (MLA Girraj Singh Malinga surrender in Jaipur Commissionerate) दिया. इसके बाद सीआईडी सीबी की टीम विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को लेकर धौलपुर सदर लेकर पहुंची. विधायक मलिंगा को गुरुवार दोपहर को एससी एसटी न्यायालय के समक्ष पेश किया गया. वकीलों की तमाम दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को 15 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है.
15 दिन बाद विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को फिर से न्यायालय में पेश किया जाएगा. मुकदमा की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अब्दुल सगीर ने बताया कि विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की वेल अपील न्यायालय के समक्ष पेश की थी. लेकिन न्यायालय ने सभी दलीलों को ठुकराते हुए विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को 15 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है. अधिवक्ता ने बताया राजस्थान हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी लगाई जाएगी. इससे पहले विधायक मलिंगा का मेडिकल कराया गया. बुधवार को मलिंगा पहले मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और उसके बाद गुढ़ा के साथ ही कमिश्नरेट पहुंचकर सरेंडर किया. न्यायालय की ओर से न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के बाद मीडिया की ओर से पूछे गए सवाल पर विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा कि उनके साथ कोई विश्वासघात नहीं हुआ है. कानून व्यवस्था पर उनको पूरा भरोसा है. विधायक ने कहा उनको न्याय जरूर मिलेगा.
विधायक समर्थकों में छाई निराशाः विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा के सरेंडर होने के बाद बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के एवं अन्य क्षेत्र के विधायक समर्थकों में निराशा छा गई. बुधवार देर शाम से ही विधायक समर्थक सदर थाने पर जमा हो गए थे. सदर थाने पर विधायक समर्थकों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर आक्रोश व्यक्त किया था. गुरुवार फिर से समर्थक जिला अस्पताल एवं न्यायालय पहुंच गए. न्यायालय की ओर से विधायक को अभिरक्षा में भेजे जाने के बाद समर्थकों में मायूसी एवं निराशा देखी गई.
मुख्यमंत्री ने कहा इसलिए किया सरेंडरः सरेंडर करने के बाद विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने मीडिया से कहा था कि उन्होंने आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की. इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें प्रकरण के ज्यादा हाईलाइट होने और अखबार बाजी होने की बात कहते हुए जांच में सहयोग करने के लिए सरेंडर करने के लिए कहा. जिस पर उन्होंने सरेंडर किया है और साथ ही प्रकरण कि जांच में पूरा सहयोग करने की बात भी कही है. मलिंगा ने कहा कि विद्युत निगम कार्यालय के जिस कर्मचारी को चोट लगी है उसके बारे में गलत तथ्य पेश किए जा रहे हैं. उसके शरीर पर केवल 12 चोट हैं जिसमें 6 फ्रेक्चर शामिल हैं. जबकि मीडिया में उसको बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है. मलिंगा ने कहा कि इस मामले के सामने आने के बाद आज वह पहली बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले हैं और मुख्यमंत्री के निर्देशों की पालना करते हुए पुलिस के सामने सरेंडर किया है.
गौरतलब है कि 28 मार्च 2022 को बाड़ी डिस्कॉम कार्यालय में इंजीनियर हर्षधिपति और नितिन गुलाटी के साथ मारपीट हुई थी. मारपीट के मामले में विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा समेत उनके समर्थकों पर नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया था. सत्तापक्ष के विधायक पर मारपीट के आरोप लगने के बाद बिजली विभाग के कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ गया. जिसके बाद राज्य सरकार को घेरते हुए कर्मचारियों ने विधायक मलिंगा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए आक्रोश व्यक्त किया. इंजीनियर के साथ हुई मारपीट के मामले में सीआईडी सीबी पहले से ही पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. लेकिन विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की गिरफ्तारी को लेकर लोगों में असमंजस बना हुआ था. बुधवार को विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने विधायक राजेंद्र सिंह घुड़ा के साथ सीएम निवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया.