धौलपुर. कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण की द्वितीय लहर ज्यादा भयानक है. सजगता और सावधानी बरतने से ही कोरोना की बढ़ती बाढ़ को रोका जा सकता है. विभिन्न धर्मों के धर्मगुरुओं और एनजीओ के साथ जिला कलेक्ट्रेट के राजीव गांधी सेवा केंद्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सभी धर्म गुरुओं को जिला प्रशासन की ओर से कोरोना संक्रमण की लहर को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी.
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी धर्म गुरुओं से कहा कि आमजन को आप पर विश्वास है, इसलिए आप लोगों को जागरूक करें, धार्मिक स्थलों पर 5 से अधिक व्यक्तियों को इकट्ठा ना होने की अपील करें, धारा 144 की पालना करने के लिए नाइट कर्फ्यू का सख्ती से पालना के लिए प्रेरित करें, आमजन को राज्य सरकार की ओर से जारी कोरोना गाइडलाइन की पालना के लिए प्रेरित करें.
वीसी के माध्यम से सुझाव आमंत्रित किए गए तो उन्होंने यह मांग की कि सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन की सख्ती से पालना करें और मास्क, सैनिटाइजर और सामाजिक दूरी अपनाने को आवश्यक दिनचर्या में शामिल कर बेवजह घर से निकलने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए.
चिकित्सा विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि देश-प्रदेश में जिस तेजी से संक्रमित रोगियों की संख्या, पॉजिटिविटी रेट और मृत्युदर बढ़ रही है, उसे देखते हुए राज्य में सामाजिक-धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को सीमित करने, कर्फ्यू का समय बढ़ाने, विवाह और अन्य समारोह में लोगों की संख्या कम करने, कार्यस्थलों पर कार्मिकों की उपस्थिति घटाने, सार्वजनिक परिवहन में यात्री संख्या कम करने सहित लॉकडाउन के समान कड़े और प्रभावी कदम उठाना जरूरी है. कोविड संक्रमित रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी को देखते हुए किसी भी स्थिति का आकलन कर चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार में कोई कसर नहीं छोड़ने के निर्देश दिए हैं.
उन्होंने कहा कि डेडीकेटेड कोविड केयर अस्पतालों, डे-केयर सेन्टर, पोस्ट कोविड केयर सेन्टर, ऑक्सीजन और आईसीयू बैड, दवाओं सहित अन्य चिकित्सकीय सुविधाएं और बढाई जाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की यह दूसरी लहर पहले से भी अधिक घातक और खतरनाक बनती जा रही है. लोग इसकी भयावहता को समझें और वैसा ही व्यवहार करें, जैसा उन्होंने पहली बार लगाए गए लॉकडाउन के समय किया था. क्योंकि आंकड़े और अध्ययन बता रहे हैं कि दूसरी लहर में वायरस का प्रभाव, संक्रमण की रफ्तार और मृत्यु की दर पहले से कई गुना अधिक घातक है.
जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल के निर्देशन में जिले में साप्ताहिक स्वेच्छिक बंदी के नियम की पालना कर सरकार की ओर से जारी एसओपी की पालना करें. धर्मगुरुओं से समर्थन करने की अपील करते हुए जिला प्रशासन का सहयोग करने का आवान्ह किया और कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर की पालना अति आवश्यक है, इसके लिए अधिक से अधिक प्रयास कर आमजन को जागरूक करें और मास्क लगाने, 5 से अधिक व्यक्ति धार्मिक स्थलों पर इकट्ठे ना हो, धारा 144 की पालना की जाए, सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने, सैनिटाइजर का उपयोग करने और कोविड वैक्सीनेशन करवाने की अपील करें तो निश्चित रूप से इस महामारी के बढ़ते संक्रमण को रोका जा सकता है.
संवाद कार्यक्रम में कोरोना नियंत्रण के संबंध में चर्चा कर कहा कि मास्क पहनने की अनिवार्यता अपनाकर ही कोरोना की बढ़ती भयभयता से पार पाया जा सकता है. दो गज की दूरी अपनाएं. बेबजह घर से बाहर न निकलें. कोविड 19 महामारी का द्वितीय चरण बहुत ज्यादा खतरनाक है. संक्रमण की बढ़ती संक्रमण की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इसकी रोकथाम के संबंध में प्रमुख गाइडलाइन की पालना के निर्देश दिए.
संवाद कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला कलेक्टर नरेंद्र कुमार वर्मा, गंगा बाई बगीची मंदिर के महंत हनुमानदास, चर्च इंचार्ज से एल्बर्ट विलियम, महंत मचकुंड कृष्णदास धौलपुर, इस्लाम धर्म गुरु मौहम्मद मतीन खान गौरी, उड़ान की जिला प्रभारी नीलम दुबे के साथ अन्य धार्मिक स्थलों के धर्मगुरु उपस्थित रहे.