धौलपुर. मध्यप्रदेश और हाड़ोती में हो रही जोरदार बारिश के बाद कोटा बैराज से छोड़ा गया पानी धौलपुर पहुंचना शुरू हो चुका है. चंबल नदी में पानी आने से धौलपुर से गुजर रही चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 6 मीटर ऊपर बह रहा है. 2 मीटर और जलस्तर बढ़ जाने के बाद धौलपुर के एक दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे. जिसको लेकर जिला प्रशासन लगातार निचले इलाकों पर नजर बनाए हुए है.
SDRF तैनात: चंबल नदी का जल स्तर बढ़ने पर निचले इलाके के गांव में बाढ़ के हालात को देखते हुए एसडीआरएफ की चार टीमों को तैनात किया गया है (Dholpur Villages under Flood Threat). जिन्हें राजाखेड़ा, सरमथुरा और जिला मुख्यालय पर लगाया गया है. चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए आम लोगों को नदी से दूरी बनाने की हिदायत दी गई है. वहीं निचले इलाकों में पटवारी के साथ पुलिस बल को लगाया गया है (SDRF Deployed In Dholpur). जिससे किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके.
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धौलपुर एसडीएम भारती भारद्वाज के साथ तहसीलदार भगवतशरण त्यागी ने चंबल नदी के पुराने पुल पर पहुंचकर चंबल की स्थिति का जायजा लिया. एसडीएम ने बताया कि वर्तमान में चंबल नदी 136 मीटर के पास बह रही है जिसके चलते घेर, गमा, राजघाट सहित सभी निचले इलाके के गांव पर सतत निगरानी बरती जा रही है. उन्होंने बताया कि चंबल नदी का जलस्तर अगर लगातार बढ़ता है तो निचले इलाके के गांव को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए जाने की तैयारी कर ली गई है.
रेड अलर्ट जारी: वहीं सर मथुरा क्षेत्र के झिरी, अमरपुरा, दुर्गसी, शंकरपुरा सहित दर्जनभर गांव में रेड अलर्ट जारी किया गया है (Flood like Situation In Dholpur Villages). जिला प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी करते हुए चंबल नदी के 140 मीटर पर पहुंचते ही 80 गांव में बाढ़ के हालात होने की संभावना जताई है.
जान जोखिम में डालकर ग्रामीण कर रहे सफर: चंबल नदी में पानी की अत्यधिक आवक के कारण राजाखेड़ा उपखण्ड के अंधियारी गांव की रपट पर करीब 8 से 10 फीट पानी की चादर चलने से रास्ता पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है. जिसके कारण स्थानीय ग्रामीण लकड़ी की नाव में बैठकर सफर करने को मजबूर है. नाव की हालत भी ज्यादा अच्छी नहीं है वहीं नाव में सफर करने वाले ग्रामीण बिना किसी लाइफ जैकेट के अपनी जान जोखिम में डालकर रास्ता पार कर रहे हैं जिससे कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है.
सैकड़ों बीघा फसल हुई जलमग्न: चंबल नदी में पानी की लगातार आवक बढ़ने से राजाखेड़ा उपखंड चम्बल तटवर्ती गांव में सैकड़ों बीघा फसल पानी में जलमग्न हो गई हैं. जिससे यहां के किसानों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों ने बताया कि उन्होंने महंगे खाद-बीज खरीद कर जैसे तैसे फसल को उगा तो लिया लेकिन विगत दो साल से लगातार चंबल की बाढ़ का दंश झेल रहे लोगों को इस बार भी चंबल ने रोने पर मजबूर कर दिया है. चंबल के बढ़ते जलस्तर के कारण बीहड़ के दर्रे में से पानी होकर खेतों में पहुंच चुका है जिससे खेतों में खड़ी बाजरा-तिल आदि फसलें पूरी तरह से जलमग्न होकर पानी में डूब चुकी है.
चंबल नदी में आए उफान से राजाखेड़ा और सरमथुरा उपखंड क्षेत्र के 1 दर्जन से अधिक गांव पानी की चपेट में आ चुके हैं. मुख्य सड़क मार्गों से संपर्क कटने पर आवागमन के रास्ते बंद हो गए हैं. पानी की चपेट में आए गांव के लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने के लिए एसडीआरएफ की टीम कड़ी मशक्कत कर रही है. जिला परिषद सीईओ चेतन चौहान ने बताया गुरुवार को चंबल नदी में आए उफान से राजाखेड़ा उपखंड क्षेत्र के चीलपुरा, फरसपुरा, चाड़ियन का पुरा, करन का पुरा, घड़ी जाफर, दगरा, बरसला, बसई घीयाराम समेत सर मथुरा उपखंड के अमरपुरा, झिरी, दुर्गशी, शंकरपुरा, समेत एक दर्जन गांव पानी की चपेट में आ चुके हैं. उन्होंने बताया एसडीआरएफ की टीम को साथ लेकर पानी में फंसे गांव के लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है.