धौलपुर. जिले में आज गुरुवार को बीएसटीसी के बेरोजगार शिक्षकों में शिक्षा मंत्री के उस फैसले पर आक्रोश भड़क गया. जिसमें B.Ed के विद्यार्थियों को बीएसटीसी परीक्षा में शामिल करने के आदेश पारित किए हैं. सैकड़ों की तादाद में बीएसटीसी के बेरोजगार शिक्षकों ने शहर के गांधी पार्क में बैठक का आयोजन किया.
बैठक के दौरान बेरोजगार शिक्षकों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाल कर निंदा की. बीएसटीसी के बेरोजगार शिक्षकों ने बताया कि BSTC, D.ELEd धारियों को केवल REET प्रथम लेवल कक्षा 1 से 5 तक ही शिक्षक बनने का अधिकार दिया है. जबकि बीएड धारियों को रीट लेवल सेकंड, फर्स्ट ग्रेड, सेकंड ग्रेड, व्याख्याता भर्ती समेत सभी प्रकार के भर्ती के अवसर दिए है.
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उन्होंने बताया कई राज्यों में प्राथमिक लेवल कक्षा 1 से 5 तक में B.ed को शामिल करने के मामले सुप्रीम कोर्ट में भी विचाराधीन चल रहे हैं. राजस्थान में पहले से ही 3 लाख से अधिक बीएसटीसी धारक बेरोजगार शिक्षक मौजूद है. उसके बावजूद राज्य सरकार ने आदेश पारित कर बीएसटीसी के कोटे में बीएड के विद्यार्थियों को अनुमति दी है. जिससे बीएसटीसी के बेरोजगार शिक्षकों में निराशा है. सरकार को आदेश वापस लेकर बीएसटीसी के कोटे को सुरक्षित रखना चाहिए.
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एक तरफ राज्य सरकार केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों के आंदोलन का साथ दे रही है. वहीं दूसरी तरफ बेरोजगारी से जूझ रहे किसानों के बेटों के अधिकारों का हनन कर रही है. आक्रोशित बेरोजगार शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पर राज्य सरकार एवं शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. बेरोजगार शिक्षकों ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा बीएसटीसी शिक्षक भर्ती से अगर B.Ed के परीक्षार्थियों को पृथक नहीं किया तो बीएसटीसी के बेरोजगार शिक्षक उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.